ISIS का इंडिया चीफ हारिस फारूकी गिरफ्तार: असम STF ने धर्मशाला से एक साथी के साथ पकड़ा, दोनों को गुवाहाटी लाया गया

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गुवाहाटी25 मिनट पहले

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काली टीशर्ट में ISIS इंडिया चीफ हारिस फारूकी और ग्रे टीशर्ट में उसका सहयोगी रेहान।

ISIS के इंडिया चीफ हरीश अजमल फारूकी और उसके साथी को असम STF ने बुधवार को धुबरी सेक्टर के धर्मशाला इलाके से गिरफ्तार कर लिया।

इन दोनों आरोपियों को NIA ने भी वांटेड लिस्ट में डाला था। फारूकी देहरादून के चकराता का रहने वाला है। वह भारत में ISIS का प्रमुख है। इसके साथ ही एसटीएफ ने हारिस के सहयोगी अनुराग सिंह उर्फ रेहान को भी गिरफ्तार किया।

असम पुलिस के पीआरओ प्रणबज्योति गोस्वामी ने बताया कि इनकी बांग्लादेश की सीमा से भारत में आने की जानकारी मिली थी। धर्मशाला इलाके में इंटरनेशनल बॉर्डर पर पुलिस की तैनाती की गई थी। सुबह सवा चार बजे आरोपियों का पता चला था। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। दोनों को गुवाहाटी स्थित STF कार्यालय लाया गया है।

पुलिस के मुताबिक, अनुराग सिंह पानीपत का रहने वाला है। उसने इस्लाम धर्म अपनाया है। उसकी पत्नी बांग्लादेशी नागरिक है।

दोनों ISIS के ट्रेंड लीडर, फंड जुटाने में माहिर
पुलिस के मुताबिक, दोनों फंड जुटाने और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ट्रेंड हैं। दोनों के खिलाफ दिल्ली, लखनऊ में केस दर्ज हैं। अधिकारी ने कहा कि आगे की कार्रवाई के लिए दोनों को NIA को सौंपा जाएगा।

अब ISIS को भी जान लीजिए
इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) मध्य पूर्व के देशों में सक्रिय सुन्नी आतंकवादी संगठन है। इसका गठन 2013-2014 के दौरान हुआ। उसी दौरान उसने अपने मुखिया अबू बक्र अल-बगदादी को दुनिया के सभी मुसलमानों का खलीफा घोषित कर दिया था। इसका मकसद दुनिया भर में इस्लामी राज्य की स्थापना है। शुरुआत में अलकायदा भी इससे जुड़ा हुआ था, बाद में उसने खुद को इस संगठन से अलग कर लिया।

अब ISIS अलकायदा से भी अधिक मजबूत और क्रूर संगठन है। यह दुनिया का सबसे धनी आतंकी संगठन है, जिसका बजट दो अरब डॉलर का है। यह रकम फिरौती, डकैती, कच्चे तेल की बिक्री, ऊर्जा संयंत्रों और विदेशी चंदे से जुटाई जाती है। इस संगठन को हर महीने करोड़ों रुपए का चंदा जाता है। खाड़ी देशों से ही 2013 में इस संगठन को 10 करोड़ का चंदा मिला था।

एक समय ऐसा आया कि इस संगठन ने इराक और सीरिया के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया था। उसके बाद से अमेरिका के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय सैन्य बलों, इराक और सीरिया की सरकारी फौजों, रूस आदि ने लगातार हमलों और ISIS के दुश्मन कबिलाई सैन्य टुकड़ियों को मदद कर इन्हें वापस खदेड़ा। 2019 में इसका मुखिया अबू बक्र अल-बगदादी मारा गया। यह संगठन अभी मध्य पूर्व के देशों में अशांति का सबसे बड़ा कारण है। इराक और सीरिया में जमीन खोने के बाद यह दूसरे देशों में अपनी जमीन तलाश रहा है।

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