DRDO ने ओडिशा में 3 महीने तक मिसाइल टेस्टिंग रोकी: व्हीलर द्वीप में ओलिव रिडले कछुए बचाने की कवायद, नवंबर-मई तक नेस्टिंग टाइम होता है

DRDO ने ओडिशा में 3 महीने तक मिसाइल टेस्टिंग रोकी: व्हीलर द्वीप में ओलिव रिडले कछुए बचाने की कवायद, नवंबर-मई तक नेस्टिंग टाइम होता है

ओडिशा की भीतरकनिका सेंक्चुरी में गहिरमाथा बीच ओलिव रिडले समुद्री कछुओं के लिए दुनिया का सबसे बड़ा नेस्टिंग पॉइंट है।

देश की प्रमुख रक्षा एजेंसी डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने ओडिशा के व्हीलर द्वीप पर होने वाली मिसाइल टेस्टिंग को 3 महीने के लिए रोक दिया है। यह जानकारी ओडिशा के मुख्य सचिव पीके जेना ने दी है।

 

इसके पीछे वजह हैं ओलिव रिडले कछुए। नवंबर से मई तक इन कछुओं का नेस्टिंग टाइम होता है। इस साल करीब 5 लाख ओलिव रिडले कछुओं ने यहां नेस्टिंग की है।

DRDO अधिकारियों का कहना है कि मिसाइल टेस्टिंग के दौरान तेज चमक और आवाज होने से कछुओं का ध्यान भटक सकता है। इन्हें परेशानी न हो, इसलिए यह फैसला लिया गया।(06 दिसंबर 2023) राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक न्यूज़पेपर में प्रिंट ख़बर…

20 किमी के दायरे में फिशिंग पर रोक लगा चुकी ओडिशा सरकार
ओलिव रिडले का नेस्टिंग टाइम नवंबर से शुरू होता है। इस साल जैसे ही तट पर पहला ओलिव रिडले नजर आया, ओडिशा सरकार ने 1 नवंबर 2023 से 31 मई 2024 तक इनके नेस्टिंग एरिया में फिशिंग पर रोक लगा दी है। ओलिव रिडले जिन जगहों पर मौजूद हैं, उनमें धमारा, देवी और रुसिकुल्या नदी का मुहाना शामिल है। इनसे लगे तट के 20 किमी के दायरे में 7 महीने का बैन लगा है।​​​​(08 दिसंबर 2023) राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक न्यूज़पेपर में प्रिंट ख़बर…

DRDO नोडल अफसर भी अपॉइंट करेगा
मुख्य वन संरक्षण सुसांता नंदा के मुताबिक गंजम जिले के रुशिकुल्या किश्ती में लाखों समुद्री कछुए बसेरा करते हैं। ओलिव रिडले के शेल और अंडों का इस्तेमाल तेल और खाद बनाने जैसी कई चीजों में होता है। इसलिए बड़े पैमाने पर इनके शिकार का खतरा रहता है।

TOI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कछुओं की सुरक्षा के लिए डीआरडीओ फॉरेस्ट टीम के साथ मिलकर एक नोडल अधिकारी भी अपॉइंट करेगा। मछली पकड़ने वाली नावों को इन कछुओं के पास पहुंचने से रोकने के लिए सेना और कोस्ट गार्ड की टीमें पेट्रोलिंग भी करेंगी।

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DRDO चीफ ने कहा-अग्नि 6 नाम की कोई चीज नहीं

DRDO के चेयरमैन डॉ. समीर वी कामथ ने अक्टूबर 2023 में मिसाइल सीरीज-अग्नि को लेकर बड़ा बयान दिया था। IIT-BHU में समीर वी कामथ ने कहा था- अग्नि 6 मिसाइल नाम की कोई चीज नहीं है। अग्नि-6 के लिए सरकार ने कुछ भी सेंशन नहीं किया है। ऑफिशियली अग्नि-5 तक ही प्रोग्राम था। जिसका ट्रायल आज से 12 साल पहले ही हो गया था। पढ़ें पूरी खबर…

 

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