द एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने गुरुवार 7 मार्च को एक रिपोर्ट में कहा कि देश के राजनीतिक दलों की 82% आय का स्रोत (Income Source) पता नहीं है। ये रकम 2022-23 में इलेक्टोरल बॉन्ड से जुटाई गई। ये जानकारी चुनाव आयोग को दी गई जानकारी में सामने आई है।
पार्टियों ने चुनाव आयोग को वित्तीय वर्ष 2022-23 की फाइनेंशियल रिपोर्ट सौंपी थी। ADR ने इसका एनालिसिस किया। इसके मुताबिक, राजनीतिक दलों को अज्ञात स्रोतों से 1,832.88 करोड़ रुपए की आय हुई, जिसमें से इलेक्टोरल बॉन्ड से इनकम का हिस्सा 1,510 करोड़ रुपए (82.42%) था।
ADR ने ये भी कहा कि राष्ट्रीय पार्टियों की ऑडिट रिपोर्ट के एनालिसिस और चुनाव आयोग में पार्टी द्वारा दिए गए डोनेशन स्टेटमेंट में पता चलता है कि बड़ी रकम अज्ञात स्रोतों (Unknown source) से आई।
ADR ने जिन 6 पार्टियों की इनकम का अध्ययन किया, उनमें भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, सीपीआई-एम, बसपा, आम आदमी पार्टी और नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPEP) हैं।
इलेक्टोरल बॉन्ड से मिला डोनेशन हाईलाइट किया- ADR
एडीआर के मुताबिक, कांग्रेस और सीपीआई-एम ने संयुक्त रूप से अपनी इनकम 136.79 करोड़ बताई है। दोनों पार्टियों ने कहा कि ये रकम कूपन बेचकर जुटाई गई है। यह राशि अज्ञात स्रोतों से मिले कुल डोनेशन का 7.46% है।
रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि राष्ट्रीय पार्टियों को जोर डोनेशन इलेक्टोरल बॉन्ड से मिला, उसे हाईलाइट किया गया है। राज्य स्तर के दलों को भी इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए पैसा मिला।
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ADR की SBI के खिलाफ अवमानना याचिका:सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी 6 मार्च तक देने को कहा था, बैंक ने समय मांगा
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के खिलाफ अवमानना याचिका दायर कर दी। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को राजनीतिक फंडिंग के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम पर रोक लगाई थी। साथ ही भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी इलेक्शन कमीशन को देने के लिए 6 मार्च 2024 तक का समय दिया था।