8100 कन्याओं के भव्य पूजन के साथ संपन्न हुए गुप्त नवरात्रे

84 स्कूलों से पहुंची कन्याओं के पूजन के लिए जुनून से भरी थी श्रद्धा

 

एस• के• मित्तल

जींद,     विश्व के मानव कल्याण और सुख समृद्धि पाने तथा कोरोना जैसी महामारी को जड़मूल से मिटाने के लिए शहर के श्री जयंती देवी मंदिर में 2 फरवरी से जो दुर्गा सप्तशती के 108 पाठ एवं शतचंडी यज्ञ के साथ सवा लाख निवार्ण मंत्रों के जाप का जो सिलसिला गुप्त नवरात्रों में प्रतिदिन चला आ रहा था, उसके समापन पर मंगलवार को पूर्णाहुति में प्रबुद्ध लोगों के अलावा हजारों श्रद्धालुओं ने आहुति डाली। मां के जयकारों के गगनभेदी नारों के बीच सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने 84 स्कूलों से पहुंची 8100 कन्याओं की पूजा-अर्चना करने के साथ उनको भोजन कराया। कन्याओं के पूजन के दौरान श्रद्धालुओं की जुनून से भरी श्रद्धा देखने को मिल रही थी। 8100 कन्याओं समेत करीब 11 हजार लोगों का विशाल भंडारा लगातार 7 घंटे तक चलता रहा। मंदिर पुजारी नवीन कुमार शास्त्री के सान्निध्य में पूर्णाहुति के दौरान हरिद्वार से पहुंचे 6 दण्डी स्वामियों की मौजूदगी में कुरूक्षेत्र के आचार्य नरेश कौशिक और उनके 51 शिष्यों ने मंत्रों उच्चारण के बीच तमाम श्रद्धालुओं से आहुति डलवाई। इस दौरान जयंती देवी मंदिर के दरबार में बेटियों के हित में आवाज उठनेे के साथ-साथ राष्ट्रहित को सर्वोपरि बताते हुए संगठित रहने की अलख जगाई गई। मां के गूंजायमान जयकारों के बीच कन्याओं का पूजन करते हुए उनकी महत्ता का अतिथियों ने जमकर बखान किया। मां के दरबार में हुए इस भव्य धार्मिक समागम में मुख्यातिथि के तौर पर एनएचपीसीएल मिनीस्टरी ऑफ पावर भारत सरकार के स्वतंत्र निदेशक डॉ. अमित कंसल, वरदान अस्पताल की निदेशक मीना शर्मा, समाज सेवी विकास जैन, आरएसएस के जिला प्रचारक वीरभान आर्य ने शिरकत करते हुए कन्या पूजन के साथ-साथ अपने संबोधन में बेटियों के हित में अलख जगाई। इस मौके पर सुनील शांडिल्य, भाजपा नेता सुभाष शर्मा, मास्टर सोमवीर मलिक, एसबीडी प्रिंसीपल राकेश वत्स, विजय सचदेवा, अजय भोला, फूल कुमार, महेश सिंगला, राजकुमार वर्मा, रामप्रकाश काहनोरिया, रोहित जैन, विशाल कामरा, डॉ. दिनेश, राजेंद्र बतरा, भजन गाबा आदि श्रद्धालु मौजूद थे। इस दौरान पुजारी नवीन शास्त्री ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट करने के साथ-साथ मां की लाल चुनरी भी प्रदान की गई। अतिथियों ने अपने हाथों से कन्याओं में फल वितरित करने के साथ-साथ उनको दान दिया। अतिथियों ने मां जयंता देवी की पूजा-अर्चना कर मानव कल्याण के लिए प्रार्थना की। डॉ. अमित कंसल ने कहा कि देश की संस्कृति अनादिकाल से ही महिलाओं को मान-सम्मान देती आई हैं। हरे राधा-हरे कृष्ण और सीता-राम के नाम का उच्चारण इस बात को पुख्ता करता है कि हमारी संस्कृति में पहले ही महिलाओं को मान-सम्मान देने की परम्परा है। समाज सेविका मीना शर्मा ने कहा कि सरकार शिक्षण संस्थानों में संस्कारों की शिक्षा को अनिवार्य करें, क्योंकि यदि बच्चा संस्कारवान नहीं होगा, तो वह बड़ा होकर कैसे परिवार और समाज के प्रति अपनी साकारात्मक भूमिका अदा कर पायेगा। उन्होंने कहा कि लोगों को धार्मिक कार्यक्रमों में जरूर शिरकत करनी चाहिए। ऐसे कार्यक्रमों में भागेदारी से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता हैं। समाज सेवी विकास जैन नेे कहा कि जो व्यक्ति धर्म में आस्था रखेगा, वह निश्चित तौर पर किसी का बुरा नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि मां जयंती देवी के दरबार से बेटियों के हित में जो आवाज बुलंद होती आई है, वह अपना असर छोड़ रही है। जींद जिले का लिंगानुपात आज संतुलन की पटरी पर दौड़ रहा हैं। ऐसे आयोजन समाज को मजबूती देने का काम कर रहे हैं।

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सात के बच्चे से लेकर 70 साल के बुजुर्ग ने की सेवा
कन्या पूजन के भव्य समागम में आये हुए श्रद्धालुओं में मंदिर का नजारा देखकर ऐसा सेवा का भाव उमड़ा की, छोटे से लेकर बड़े तक कन्याओं को प्रसाद परोसते नजर आये। भंडारे में 7 साल के बच्चे से लेकर 70 साल के बुजुर्ग ने सेवा की। व्यवस्था का जिम्मा स्कूलों से आये स्वयसेवकों ने संभाला हुआ था। कन्याओं को हलवा, पूरी, छोले, कढ़ी-चावल के साथ-साथ केले का प्रसाद वितरित किया गया। समाज सेवी विकास जैन ने कहा कि आज देश की रक्षा में बेटियां, बेटों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपने कदम आगे बढ़ा रही है। कोई ऐसा क्षेत्र नहीं, जहां बेटियां पूरी सक्रियता के साथ भागीदारी ना कर रही हो। उन्होंने कहा कि बेटियों की महत्ता को देखते हुए आज भव्य पूजन 350 श्रद्धालुओं के सहयोग से संपन्न हुआ। इन श्रद्धालुओं ने हजारों बेटियों के साथ-साथ लगभग 11 हजार लोगों को प्रसाद ग्रहण कराया।

सरकार जयंती देवी मंदिर को मॉडल के तौर पर लाये आगे : मीना
कार्यक्रम में अतिथि के तौर पर पहुंची वरदान अस्पताल की निदेशक मीना शर्मा ने कहा कि अब कन्याओं की महत्ता को समझा जाने लगा है। मां जयंती देवी मंदिर में पिछले 35 वर्षों से कन्या पूजन का कार्यक्रम हो रहा हैं। इस तरह के कार्यक्रम सभी जिलों में होने चाहिए। इसके लिए सरकार को जहां जयंती देवी मंदिर को मॉडल के तौर पर आगे लाकर दूसरों को भी ऐसे आयोजनों के लिए प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा में बेटियों के प्रति लोगों की सोच बदल रही है। मां के दरबार में गुप्त नवरात्रों के दिनों में जो आवाज उठी है, वह निश्चित तौर पर अपना असर दिखाएगी।

कन्याओं के पूजन से फैलती है सुख-शांति
सिद्धपीठ मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने कहा कि गुप्त नवरात्रों में शक्ति स्वरूपा कन्याओं के पूजन से वातावरण में जो सुख और शांति का माहौल बनता है, उसके कारण नाकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। उन्होंने कहा कि मां के दरबार में गुप्त नवरात्रों में जो प्रतिदिन सवा लाख नवार्ण मंत्रों का जाप हुआ, उससे निश्चित तौर पर शहर में शांति आएगी।

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