मालसरी खेड़ा गांव के जलघर में खड़े पेड़ों को काटने का मामला

जनस्वाथ्य विभाग के अधिकारियों ने किया मौके का मुआयना
कमेटी जांच करेगी और रिपोर्ट आने पर कार्रवाई होगी : एसडीओ

एस• के• मित्तल
सफीदों, उपमंडल के गांव मालसरी खेड़ा गांव में बने जलघर में खड़े पेड़ों को काटने का मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने इसकी शिकायतत मुख्यमंत्री मनोहर लाल, वन मंत्री व सीएम विंडों में की है। इस मामले को लेकर जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मौके का दौरा किया और वहां की जांच की। सरकार को दी शिकायत में ग्रामीण राममेहर व अन्य लोगों का कहना था कि गांव मालसरी खेड़ा के जलघर में काफी पुराने हरे-भरे पेड़ लगे हुऐ थे।

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जिनमे से लगभग 20 पेड़ों को विभाग के जेई द्वारा नाजायज तरीके से कटवाकर बेच दिया। इन पेड़ों की कटाई के बाद उनकी जड़े ही वहां पर शेष बची हैं। वे इन पेड़ों के अवैध कटान को लेकर कई बार अधिकारियों से मिले लेकिन उनकी ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला। उसके बाद इस मामले में 28 अक्तुबर 2021 को सीएम में शिकायत दी थी, जिसकों शिकायतकर्ता की सहमति के बिना ही दफ्तर दाखिल कर दिया गया। उसके बाद 9 दिसंबर को फिर से इस संबंध में सीएम विंडो में शिकायत दी गई और उसे भी पहले की भांति बंद कर दिया गया। वहीं ग्रामीणों का कहना था कि गांव में पीने के पानी की भारी समस्या बनी हुई है। इस भयंकर गर्मी में वे और उनके मवेशी प्यासे मरने को मजबूर हैं। पानी के बिना उनके घर के सारे कार्य प्रभावित हो गए है।

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अगर जल्द समस्या का समाधान नहीं किया गया तो स्थिति अत्यंत गंभीर हो सकती है। जन स्वास्थ्य विभाग के एसडीओ गिरीश कुमार का कहना है कि इस मामले में विभाग के एक्सईएन एक कमेटी का गठन करेंगे तथा कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। वहीं पानी की समस्या पर उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत मेनटेनेंस का कार्य चल रहा था तथा वह कार्य अंतिम चरण में है। पानी के फिल्टरों की सफाई हो चुकी है तथा लोगों को बहुत जल्द पानी उपलब्ध हो जाएगा। इसके अलावा गांव में बना विभाग का जलघर पानी से भरा हुआ है।

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