मारपीट कर बुजुर्ग मां को घर से निकालने वाले बेटों को पढ़ाया कर्तव्य का पाठ

 

एस• के• मित्तल
जींद, पुलिस अधीक्षक कार्यालय स्थित वरिष्ठ नागरिक फोरम की बैठक में बुजुर्ग महिला को उसके बहु बेटों द्वारा मारपीट कर घर से निकलने के मामले को गंभीरता से लेते हुए निपटाया गया। जिस दौरान सीएलजी सदस्य पीसी जैन, बीएम पंवार, सुभाष पाहवा, एसपीओ वीरेंद्र व महिला एसपीओ बबली मौजूद रहे। सीएलजी कॉर्डिनेटर पीसी जैन ने बताया कि मामला वरिष्ठ नागरिक फोरम के सामने आने पर कार्यवाही की गई।

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जिसमें श्रीमती सोना देवी पत्नी स्वर्गीय श्रीमान रुलिया राम गाँव अलेवा ने अपने पुत्रों व बहुओं के विरुद्ध शिकायत की थी कि उसके पति की 40 साल पहले मौत हो चुकी है। दोनों पुत्र व बहुए उसके साथ मारपीट करते हैं व उसकी पेंशन के पैसे भी छीन लेते हैं। 7 सितम्बर को उसे घर से निकाल दिया और उसके मकान पर भी कब्जा कर लिया गया। मज़बूरी में वह अपने भतीजे के पास दूसरे गांव में रह रही है। जिसके बाद वरिष्ठ नागरिकों को तात्कालिक राहत प्रदान करने और इंसाफ दिलाने के लिए सीएलजी द्वारा उत्तरवादियों को बुलाया गया।

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दोनों पक्ष को सुनने के पश्चात उत्तरवादी पक्ष को कानून से अवगत करा उन्हे समझाया गया कि उन्हें किसी भी प्रकार के लालच से ऊपर उठकर अपने कर्तव्य का निर्वहन करना चाहिए व हिदायत दी गई। तत्पश्चात बेटे ने अपनी गलती मानते हुए अपनी माता से क्षमा याचना की और भविष्य में किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार न करने का संकल्प लिया और अपनी माता को अपने पास रखने की सहमति दी। दोनों पक्षों की संतुष्टि पर उन्हें घर भेजा गया।

पंवार, सुभाष पाहवा, एसपीओ वीरेंद्र व महिला एसपीओ बबली मौजूद रहे। सीएलजी कॉर्डिनेटर पीसी जैन ने बताया कि मामला वरिष्ठ नागरिक फोरम के सामने आने पर कार्यवाही की गई। जिसमें श्रीमती सोना देवी पत्नी स्वर्गीय श्रीमान रुलिया राम गाँव अलेवा ने अपने पुत्रों व बहुओं के विरुद्ध शिकायत की थी कि उसके पति की 40 साल पहले मौत हो चुकी है। दोनों पुत्र व बहुए उसके साथ मारपीट करते हैं व उसकी पेंशन के पैसे भी छीन लेते हैं। 7 सितम्बर को उसे घर से निकाल दिया और उसके मकान पर भी कब्जा कर लिया गया। मज़बूरी में वह अपने भतीजे के पास दूसरे गांव में रह रही है। जिसके बाद वरिष्ठ नागरिकों को तात्कालिक राहत प्रदान करने और इंसाफ दिलाने के लिए सीएलजी द्वारा उत्तरवादियों को बुलाया गया। दोनों पक्ष को सुनने के पश्चात उत्तरवादी पक्ष को कानून से अवगत करा उन्हे समझाया गया कि उन्हें किसी भी प्रकार के लालच से ऊपर उठकर अपने कर्तव्य का निर्वहन करना चाहिए व हिदायत दी गई। तत्पश्चात बेटे ने अपनी गलती मानते हुए अपनी माता से क्षमा याचना की और भविष्य में किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार न करने का संकल्प लिया और अपनी माता को अपने पास रखने की सहमति दी। दोनों पक्षों की संतुष्टि पर उन्हें घर भेजा गया।

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