महाराजा अग्रसेन कर्मयोगी, समाजवाद के प्रणेता एवं महादानी थे: शिवचरण कंसल सफीदों में धूमधाम से मनाई गई महाराजा अग्रसैन जयंती

महाराजा अग्रसैन चौंक पर हवन व माल्यार्पण करके बांटा गया प्रसाद  

एस• के• मित्तल 

सफीदों,    ऐतिहासिक नगरी सफीदों में समस्त अग्रवाल समाज के तत्वावधान में महाराजा अग्रसैन जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस मौके पर अग्रबंधुओं के द्वारा महाराजा अग्रसैन चौंक पर विशाल हवन किया गया तथा प्रसाद वितरित किया गया। इस कार्यक्रम का संयोजन अग्रवाल सभा सफीदों के अध्यक्ष शिवचरण कंसल ने किया। अग्रवाल समाज के मौजिज लोगों ने वैदिक मंत्रोचारण के बीच हवन में आहुति डालकर संपूर्ण समाज की सुख-शांति की कामना की। हवन के उपरांत अग्रबंधुओं ने महाराजा अग्रसैन प्रतीमा पर माल्यार्पण किया।

समाज के लोगों ने आपस में गले मिलकर जयंती की बधाईयां दी। अपने संबोधन में शिवचरण कंसल ने कहा कि अग्रशिरोमणी महाराजा अग्रसैन ने समाजवाद की नींव रखी थी। महाराजा अग्रसेन सच्चे अर्थोंे में महापुरुष थे। अग्रोहा नगर की स्थापना के वक्त अग्रोहा धाम में बाहर से आकर बसने वाले लोगों को एक रुपया एक ईंट प्रदान किया गया। जिससे राज्य में आकर बसने वाले परिवार का घर भी बन जाता था तथा कारोबार के धन भ्भी एकत्रित हो जाता था। महाराजा अग्रसैन के नेतृत्व क्षमता का ही परिणाम है कि उन्होंने 18 यज्ञ किए और उन यज्ञों के आधार पर ही अग्रवाल समाज के 18 गोत्रों का उदय हुआ। अग्रवाल समाज के 18 गोत्रों के वंशज पूरे भारत ही नहीं बल्कि पूरे विख्श्व में फैले हुए हैं।
उन्होंने कहा कि महाराजा अग्रसेन ने अपने राज्य में किसी भी तरह की पशुबलि पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया था। आज भी अग्रवाल समाज हिंसा से दूर रहता है। महाराजा अग्रसेन एक पौराणिक कर्मयोगी, समाजवाद के प्रणेता एवं महादानी थे। महाराजा अग्रसेन के विचार आज भी प्रासांगिक हैं। उन्होंने सदैव संपूर्ण समाज को गति देने का काम किया। उनके उच्च विचार ही समाज को दिशा प्रदान करते हैं। हम सब महाराजा अग्रसेन के सिद्धांतों के अनुरूप चलकर एवं एकजुट होकर एक नए और स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकते हैं।

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