फारूक अब्दुल्ला बोले- भारत-पाकिस्तान कश्मीर मसला बातचीत से हल करें: नहीं तो हमारा हश्र गाजा और फिलिस्तीनियों जैसा होगा, चुनाव पर कहा- यहां कुछ भी संभव

फारूक अब्दुल्ला बोले- भारत-पाकिस्तान कश्मीर मसला बातचीत से हल करें: नहीं तो हमारा हश्र गाजा और फिलिस्तीनियों जैसा होगा, चुनाव पर कहा- यहां कुछ भी संभव

जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने कश्मीर के मुद्दे पर एक बार फिर भारत को पाकिस्तान से बात करने की सलाह दी है। 26 दिसंबर को श्रीनगर में उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा- अटल बिहारी वायपेयी जी ने कहा था- दोस्त बदले जा सकते हैं, लेकिन पड़ोसी बदले नहीं जा सकते। हम पड़ोसियों के साथ दोस्ती में रहेंगे तो दोनों आगे बढ़ेंगे, दुश्मनी करके हम आगे नहीं पढ़ सकते।ग्रामीणों ने विकसित भारत संकल्प यात्रा स्टालों पर लिया योजनाओं का लाभ

 

मोदी जी ने कहा था कि युद्ध विकल्प नहीं है, हमें बातचीत से मसले हल करने हैं। कहां है वो बातचीत। इमरान खान को छोड़ दीजिए, आज नवाज शरीफ वहां के वजीर-ए-आजम बनने वाला हूं। वो चिल्ला-चिल्लाकर कहते हैं कि हम बातचीत करने के लिए तैयार हैं। क्या वजह है कि हम बातचीत के लिए तैयार नहीं है।जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग सफीदों का त्रिवार्षिक चुनाव संपन्न

अगर बातचीत से हमने ये सुलझाया नहीं तो हमारा भी वही हाल होगा जो गाजा और फिलिस्तीनियों का हो रहा है। जिन पर इजराइल की तरफ से बमबारी की जा रही है। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कुछ भी हो सकता है, अल्लाह ही जाने हमारा हाल क्या होगा। अल्लाह रहम करे हमपर।

गाजा में 21 हजार लोगों की जान गई
7 अक्टूबर को हमास ने इजराइल पर हमला किया था। इजराइल की जवाबी कार्रवाई में 21 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, गाजा का बड़ा इलाका तबाह हो गया है।

पूर्व सीएम की यह टिप्पणी पिछले एक सप्ताह में जम्मू-कश्मीर से कई आतंकी हमलों की खबरें सामने आने के बाद आई है। आतंकियों ने पुंछ में घात लगाकर सेना के जवानों पर हमला किया, जिसमें पांच जवान शहीद हो गए। बारामूला मस्जिद के अंदर आतंकियों ने एक रिटायर्ड पुलिसकर्मी की गोली मारकर हत्या कर दी। वहीं, पूछताछ के लिए हिरासत में लिए जाने के बाद तीनों नागरिकों की मौत हो गई।नवनियुक्त जिला ड्रग नियंत्रक अधिकारी ने ली दवा विक्रेताओं की बैठक

बीजेपी नेता हिना शफी भट ने फारूक अब्दुल्ला के बयान की आलोचना की है। उन्होंने कहा – यह अफसोसजनक है कि जम्मू-कश्मीर के एक सीनियर नेता अभी भी पाकिस्तान से बातचीत करने की बात कह रहे हैं। फारूक साहब को अब सीख लेनी चाहिए। यह पाकिस्तान के सामने झुकने का समय नहीं है। हमने कई बार बातचीत करने की कोशिश की है, लेकिन उन्होंने हर बार हमारी पीठ में छुरा घोंपा है।

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