पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आज राज्यसभा से रिटायर: उनकी जगह सोनिया गांधी पहली बार राज्यसभा पहुंचेंगी; कुल 54 सांसदों का कार्यकाल खत्म

नई दिल्ली1 घंटे पहले

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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व्हीलचेयर पर 7 अगस्त 2023 को राज्यसभा पहुंचे थे। उन्होंने दिल्ली सर्विसेज बिल को लेकर वोटिंग में हिस्सा लिया।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 33 साल बाद आज राज्यसभा से रिटायर हो रहे हैं। वे 2019 में राजस्थान की राज्यसभा सीट से चुने गए थे। उनकी जगह अब कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी पहली बार राज्यसभा पहुंचेंगी। 20 फरवरी को उन्हें राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुना गया था।

राज्यसभा से कुल 54 सांसदों का कार्यकाल अप्रैल में खत्म हो रहा है। इनमें से 49 सांसद 2 अप्रैल को सदन से रिटायर हुए। वहीं, मनमोहन सिंह समेत 5 सांसदों का कार्यकाल आज (3 अप्रैल) खत्म हो रहा है। इन 54 सांसदों में 9 केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं।

मनमोहन सिंह 2019 में छठी बार लगातार निर्विरोध राज्यसभा सदस्य बने थे। राजस्थान में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी के निधन के बाद खाली हुई सीट पर बचे हुए कार्यकाल के लिए मनमोहन सिंह निर्वाचित हुए थे। भाजपा ने उनके खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था। राजस्थान से पहले वे पांच बार असम से राज्यसभा सांसद चुने गए थे।

खड़गे ने मनमोहन सिंह को चिट्ठी लिखी
मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मनमोहन सिंह को खत लिखा। इसमें उन्होंने कहा- अब आप सक्रिय राजनीति में नहीं होंगे, लेकिन आपकी आवाज जनता के लिए लगातार उठती रहेगी। तीन दशकों से अधिक समय तक आपने सेवा की है। आपके रिटायरमेंट से एक युग का अंत हो गया है।

बहुत कम लोगों ने देश और उसके लोगों के लिए आपके जितना काम किया है। आपने दिखाया है कि ऐसी आर्थिक नीतियों को आगे बढ़ाना संभव है जो बड़े उद्योगों, युवा उद्यमियों, छोटे व्यवसायों, वेतनभोगी वर्ग और गरीबों के लिए समान फायदेमंद हों।

संसद को आपके ज्ञान और अनुभव की कमी खलेगी। आपके मर्यादित, नपे-तुले, मृदुभाषी लेकिन राजनेता जैसे शब्द झूठ से भरी उन तेज आवाजों के विपरीत हैं, जो वर्तमान राजनीति का संकेत देते हैं। वर्तमान सियासी स्थिति ऐसी है कि बेईमानी की तुलना चतुर नेतृत्व से की जाने लगी है।

आप हमेशा मध्य वर्ग और आकांक्षी युवाओं के लिए नायक, उद्योगपतियों और उद्यमियों के लिए मार्गदर्शक तथा उन सभी गरीबों के लिए संरक्षक बने रहेंगे जो आपकी नीतियों की बदौलत गरीबी से बाहर निकले थे।

9 केंद्रीय मंत्रियों का भी कार्यकाल आज खत्म
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया, पशुपालन और मत्स्य पालन मंत्री पुरषोत्तम रूपाला, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर, विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन, MSME मंत्री नारायण राणे और सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन का कार्यकाल मंगलवार को खत्म हुआ।

वहीं, पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का कार्यकाल आज खत्म होगा। इन केंद्रीय मंत्रियों में से सिर्फ अश्विनी वैष्णव और एल. मुरुगन को पार्टी ने फिर से राज्यसभा भेजा है। रिटायर होने वाले बाकी सभी मंत्रियों को पार्टी ने लोकसभा चुनाव का टिकट दिया है।

जया बच्चन और मनोज झा फिर राज्यसभा पहुंचेंगे
रिटायर होने वालों में समाजवादी पार्टी की जया बच्चन भी शामिल हैं। हालांकि पार्टी ने उन्हें फिर से राज्यसभा भेजा है। इसके अलावा राजद के मनोज कुमार झा को भी बिहार से राज्यसभा के लिए एक और कार्यकाल के लिए नामांकित किया गया है।

कर्नाटक के नसीर हुसैन भी रिटायर होने वालों की सूची में शामिल हैं, कांग्रेस ने उन्हें कर्नाटक से फिर से नामांकित किया है। कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी का कार्यकाल मंगलवार को समाप्त हुआ। वे फिर से राज्यसभा नहीं पहुंच पाए। उन्होंने हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वे हार गए थे।

प्रकाश जावड़ेकर और सुशील मोदी को भाजपा ने फिर राज्यसभा नहीं भेजा
भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी भी रिटायर हो रहे हैं। पार्टी ने उन्हें उत्तराखंड की गढ़वाल सीट से लोकसभा चुनाव का टिकट दिया है। इसके अलावा भाजपा के पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी राज्यसभा से रिटायर हो रहे हैं। पार्टी ने उन्हें दोबारा राज्यसभा नहीं भेजा है।

राजस्थान से निर्विरोध चुनी गईं सोनिया गांधी
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 14 फरवरी को राजस्थान से राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किया था। नामांकन के दौरान उनके साथ राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी मौजूद थे। 20 फरवरी को नाम वापस लेने का आखिरी दिन था। उसी दिन सोनिया गांधी को निर्विरोध चुन लिया गया। यह पहला मौका है जब सोनिया गांधी राज्यसभा जा रही हैं। वे 5 बार की लोकसभा सांसद हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी (1964-1967 तक) राज्यसभा की सांसद रह चुकी हैं।

सोनिया गांधी का राजनीतिक सफर

  • 1997 में सोनिया ने कांग्रेस की मेंबरशिप ली। इसके 62 दिन बाद वे पार्टी की अध्यक्ष बनीं। तब से 2017 तक वे पार्टी की अध्यक्ष बनी रहीं। कांग्रेस पार्टी में कोई इतने लंबे कार्यकाल तक अध्यक्ष नहीं रहा है।
  • सोनिया पहली बार 1999 के लोकसभा चुनाव में लड़ीं। उन्होंने बेल्लारी (कर्नाटक) और अमेठी (उत्तरप्रदेश) से चुनाव लड़ा और दोनों जगह चुनाव जीता। इसके बाद उन्होंने बेल्लारी की सीट छोड़ दी।
  • 2004 में उन्होंने अमेठी सीट से अपने बेटे राहुल को चुनाव लड़वाया और खुद रायबरेली सीट पर शिफ्ट हो गईं। जहां से वह आज भी सांसद हैं। ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के मुद्दे पर सोनिया ने 2006 में संसदीय सीट से इस्तीफा दिया और उपचुनाव में जीतकर भी आईं।
  • सोनिया की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार समिति के कहने पर ही सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) और सूचना अधिकार अधिनियम (RTI) कानून लागू करने में अहम भूमिका निभाई।
  • दो अक्टूबर 2007 को महात्मा गांधी के जन्मदिन पर सोनिया गांधी ने संयुक्त राष्ट्र को संबोधित किया। संयुक्त राष्ट्र ने 15 जुलाई 2007 को प्रस्ताव पारित किया और यह दिन अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
  • 2004, 2007, 2009 में सोनिया गांधी को फोर्ब्स ने दुनिया की सबसे ताकतवर महिलाओं की लिस्ट में शामिल किया। वह दुनिया के 100 सबसे ज्यादा प्रभावशाली लोगों में से एक थीं।
  • 2009 के आम चुनावों में सोनिया के नेतृत्व में कांग्रेस ने 1991 के बाद पहली बार 200 से ज्यादा सीटें जीतीं और सत्ता में वापसी की। इस बार भी मनमोहन सिंह को ही प्रधानमंत्री बनाया गया।
  • 2013 में सोनिया ने कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर लगातार 15 साल रहने का रिकॉर्ड बनाया। 2014 के लोकसभा चुनावों में पार्टी ने अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन (44 सीटें) किया और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी।

कौन से फॉर्मूले से तय होगी जीत-हार?

राज्यसभा के सदस्यों को विधायक चुनते हैं। चुनाव के फॉर्मूले के तहत विधायकों की कुल संख्या में राज्यसभा की रिक्त सीटों में 1 जोड़कर भाग दिया जाता है। जैसे- राजस्थान में 200 विधायक हैं और राज्यसभा की 3 सीटें खाली हैं। ऐसे में 200 में 3+1(= 4) का भाग देने पर संख्या 50 आती है। इसमें एक जोड़ने पर यह 51 हो जाता है। इस तरह प्रत्येक प्रत्याशी को जीतने के लिए 51 वोट चाहिए।

राजस्थान से 10 राज्यसभा सांसद चुने जाते हैं। वर्तमान में 6 सीटों पर कांग्रेस और 3 पर भाजपा के सांसद काबिज हैं। एक सीट खाली चल रही है।

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