पति-पत्नी जीवन रूपी गाड़ी के दो मजबूत पहिए: नवीन चन्द्र महाराज जैन स्थानक में मनाया गया पति-पत्नी दिवस

एस• के• मित्तल   
सफीदों,      नगर की श्री एसएस जैन स्थानक में रविवार को पति-पत्नी दिवस मनाया गया। इस शुभावसर पर मधुरवक्ता नवीन चन्द्र महाराज एवं श्रीपाल मुनि महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ। धर्मसभा को संबोधित करते हुए मधुरवक्ता नवीन चन्द्र महाराज एवं श्रीपाल मुनि महाराज ने कहा कि पति-पत्नी जीवन रूपी गाड़ी के दो मजबूत पहिए हैं, जो सारी जिंदगी भर आपसी सामजस्य से साथ चल सकते हैं। शादी एक ऐसा बंधन है, जिसमें लड़का-लड़की एक दूसरे के साथ अग्नि को साक्षी मानकर सात जन्म तक साथ निभाने का वचन देते हैं।
शादी के बंधन में दो व्यक्ति ही नही बंधते, बल्कि उनके परिवारों के भी रिश्ते एक दूसरे के साथ बंध जाते हैं। नारी दो कुलों की शोभा होती है। जीवन में गृहस्थ, ब्रह्मचर्य, वानप्रथ व सन्यासी चार प्रकार के आश्रम बनाए गए हैं और उनमें सबसे उत्तम गृहस्थ आश्रम बताया गया है। गृहस्थ रहकर भी त्याग का जीवन जिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पत्नी इतनी आज्ञाकारिणी हो कि पति उसे जो कहे उसे आज्ञा मानकर शिरोधार्य करे लेकिन यह भी जरूरी है कि वह पति से ना गलत मनवाएं और ना गलत बात माने। अगर आप का पति गलत चले तो उसे समझाएं। अगर पति-पत्नी सदाचारी होंगे तो आप के बच्चे भी सदाचारी बनेंगे। बड़ी विडंबना की बात है कि एक मां अपनी बेटी को सिखाती है कि अपने पति की आज्ञा का पालन करना क्योंकि पति परमेश्वर होता है लेकिन एक बात अपने बेटे को यह नहीं सिखाता है कि पत्नी देवी का रूप होती है।
पत्नी पति को धर्म के साथ जोड़ने वाली होती है। अगर पति-पत्नी दोनों में लड़ाई हो जाए तो एक बोले तो दूसरे को चुप हो जाना चाहिए। जब दूसरा बोले तो पहले वाले को चुप हो जाना चाहिए, सारा झगड़ा अपने आप ही समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पति-पत्नी के बीच स्वार्थ का नहीं बल्कि प्यार का आदर्श रिश्ता होना सबसे जरूरी है। पति-पत्नी को चाहिए कि वो एक दूसरे की इच्छाओं की हमेशा कद्र करें। एक-दूसरे की गलतियों को आपस में समझा-बुझाकर नजरअंदाज करना चाहिए। आदर्श पति पत्नी के रिश्ते में आदर, अपनापन और सहयोग की भावना होनी चाहिए।

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