दिल्ली मेट्रो महिला के परिजन को 15 लाख रुपए देगा: अनाथ हुए बच्चों की परवरिश भी करेगा DMRC , मेट्रो के गेट में फंसकर हुई थी मौत

दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) 14 दिसंबर को दिल्ली के इंद्रलोक स्टेशन पर हादसे में मारी गई महिला के परिजन को 15 लाख रुपए देगा। इसमें 5 लाख रुपए मुआवजा और महिला के बच्चों की परवरिश के लिए 10 लाख रुपए की आर्थिक मदद शामिल है। इसकी जानकारी DMRC ने ट्वीट कर दी। मेट्रो के गेट में साड़ी फंसने से 35 साल की महिला की मौत हो गई थी।

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इस मामले में आवास और शहरी मामलों के मंत्री, हरदीप सिंह पुरी ने DMRC को निर्देश दिया कि बच्चों की देखभाल और शिक्षा की भी जिम्मेदारी दिल्ली मेट्रो की होगी। महिला के पति की मौत 8 साल पहले हो गई थी।

घटना पर मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने किया ट्वीट।

घटना पर मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने किया ट्वीट।

हादसे की जांच शुरू
मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त (CMRS) ने इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन पर हुए हादसे की जांच शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि ट्रेन के सेंसर सिस्टम में किसी तकनीकी गड़बड़ी के चलते यह हादसा हुआ होगा। उसी को ध्यान में रखते हुए कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी के द्वारा इस हादसे की जांच की जा रही है, ताकि हादसे के कारणों का पता लगाकर यह सुनिश्चित किया जा सके कि दोबारा ऐसी घटना ना हो।

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DMRC ने परिवार और बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी लेने के लिए ट्वीट कर जानकारी दी।

DMRC ने परिवार और बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी लेने के लिए ट्वीट कर जानकारी दी।

महीनेभर में तैयार होगी रिपोर्ट
मामले की जांच में सहयोग करने और अधिक जानकारी देने के लिए रेल सुरक्षा आयोग ने आम लोगों से अपील भी की थी कि अगर उनके पास इस घटना से जुड़ा कोई वीडियो या महत्वपूर्ण जानकारी है, तो वे शास्त्री पार्क मेट्रो डिपो में पहुंचकर CMRS को इस बारे बता सकते हैं। CMRS ने इंजीनियर्स की टीम के साथ ट्रेन की तकनीकी जांच भी शुरू कर दी है। इसके अलावा सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों से भी इस घटना के संबंध में जानकारियां ली जा रही है।

फाइनल रिपोर्ट सबमिट होने में महीने भर का या उससे ज्यादा वक्त भी लग सकता है।

इस तरह हुआ था हादसा
14 दिसंबर को मेट्रो से उतर रही एक महिला रीना के कपड़े मेट्रो ट्रेन के दरवाजों के बीच में फंस गए और ट्रेन चल पड़ी, जिसके बाद महिला ट्रेन के साथ ही घिसटती चली गई और प्लेटफॉर्म के आखिरी छोर से टकरा कर नीचे गिर पड़ी। इस हादसे में महिला की मौत हो गई और उनके दोनों बच्चे अनाथ हो गए। महिला की 12 साल की बच्ची और 10 साल का बच्चा है।

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तीन अस्पतालों ने भर्ती करने से मना किया था
घटना के बाद रीना को खून से लथपथ देख लोग उसका इलाज कराने अस्पताल ले गए, लेकिन तीन अस्पतालों ने उसे भर्ती करने से इनकार कर दिया था। दीप चंद बंधु, राम मनोहर लोहिया और लोकनायक अस्पताल से लौटने के बाद परिजन ने उसे सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टर ने कहा- रीना को जब अस्पताल लाया गया, तब उसकी हालत काफी खराब थी। सिर में फ्रैक्चर था। फेफड़ों में भी चोट लगी थी, जिसके कारण उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। इलाज के दौरान रीना की मौत हो गई। पढ़ें पूरी खबर…

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