दिल्ली में AI कैमरे विदेशी महमानों की सुरक्षा करेंगे: G-20 समिट के लिए ऊंची बिल्डिंगों पर स्नाइपर तैनात होंगे; मिसाइलें भी लगाई जाएंगी

 

इन कैमरों को समारोह स्थल और उसके आसपास के इलाकों में लगाया गया है।

दिल्ली में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित कैमरों से G-20 समिट के विदेशी मेहमानों की सुरक्षा की जाएगी। यह इवेंट 9-10 सितंबर को होने वाला है। इस दौरान कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखने पर ये कैमरे तुरंत सुरक्षा अधिकारी को अलर्ट मैसेज भेज देंगे।

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इन कैमरों को समारोह स्थल और उसके आसपास के इलाकों में लगाया गया है। इनका इस्तेमाल संदिग्धों की पहचान के लिए ही नहीं, सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों की निगरानी के लिए भी होगा।

दिल्ली की हवाई सुरक्षा के लिए मिसाइलें तैनात की जाएंगी। सेना के हेलिकॉप्टर एयर पेट्रोलिंग करेंगे। इनमें NSG कमांडो रहेंगे। समारोह स्थल के आसपास बड़ी और ऊंची इमारतों पर सेना और NSG स्नाइपर तैनात होंगे। पहली बार एंटी ड्रोन सिस्टम लगाया गया है यानी समिट के दौरान पतंग भी नहीं उड़ेगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जहां विदेशी मेहमान ठहरेंगे, वहां एंटी ड्रोन सिस्टम और बुलेटप्रूफ शीशे लगवाए गए हैं। वहीं, IT एक्सपर्ट की टीम समिट के दौरान सोशल मीडिया पोस्ट, ट्रेंडस पर नजर रखेगी।

दिल्ली की हवाई सुरक्षा के लिए मिसाइलें तैनात की जाएंगी। सेना के हेलिकॉप्टर एयर पेट्रोलिंग करेंगे।

दिल्ली की हवाई सुरक्षा के लिए मिसाइलें तैनात की जाएंगी। सेना के हेलिकॉप्टर एयर पेट्रोलिंग करेंगे।

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विदेशी मेहमानों के लिए लेफ्ट हैंड ड्राइव कारें मंगाई गईं
G-20 समिट के लिए केंद्र सरकार ने लेफ्ट हैंड ड्राइव कारें मंगाई हैं। ये गाड़ियां बुलेट-प्रूफ होंगी और इनका इस्तेमाल विदेशी मेहमानों को लाने-ले जाने के लिए किया जाएगा। सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के 450 जवानों को इन कारों को चलाने की ट्रेनिंग दी गई है।

न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार ने 41 विदेशी मेहमानों के लिए 60 से ज्यादा लेफ्ट हैंड ड्राइव कारें खरीदी या किराए पर ली हैं। इनमें ऑडी, मर्सिडीज और BMW जैसी लग्जरी गाड़ियां शामिल हैं।

भारत में राइट हैंड ड्राइव गाड़ियां चलाने का प्रोटोकॉल है। इनमें स्टीयरिंग गाड़ी के राइट साइड में होता है। अमेरिका समेत कई देशों में लेफ्ट हैंड ड्राइव गाड़ियां चलाई जाती हैं। इनमें स्टीयरिंग गाड़ी के लेफ्ट साइड में होता है।

CRPF के ड्राइवर लेफ्ट हैंड ड्राइव कारों में विदेशी मेहमानों को होटल से मीटिंग वेन्यू तक लाएंगे और वापस छोड़कर आएंगे। (तस्वीर प्रतीकात्मक है)

CRPF के ड्राइवर लेफ्ट हैंड ड्राइव कारों में विदेशी मेहमानों को होटल से मीटिंग वेन्यू तक लाएंगे और वापस छोड़कर आएंगे। (तस्वीर प्रतीकात्मक है)

G-20 समिट के लिए तैनात किए गए CRPF के 900 जवान
G-20 समिट के मेहमानों को सुरक्षा देने के लिए इन ड्राइवरों समेत CRPF के कुल 900 जवान तैनात किए गए हैं। इनमें से कुछ जवान पहले स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप और नेशनल सिक्योरिटी गार्ड में भी काम कर चुके हैं।

विदेशी मेहमानों के रिश्तेदारों को सुरक्षा देने के लिए सशस्त्र सीमा बल के कमांडो तैनात किए गए हैं। दूसरी सेंट्रल आर्म्ड फोर्स जैसे- इंडो तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP), सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (CISF) और NSG के ब्लैक कैट कमांडो को रूट और वेन्यू की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया है। वे इसके लिए दिल्ली पुलिस के साथ कोऑर्डिनेट करेंगे।

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CRPF की VIP सिक्योरिटी विंग में 6 हजार जवान हैं।

CRPF की VIP सिक्योरिटी विंग में 6 हजार जवान हैं।

देश की सबसे बड़ी पैरामिलिट्री फोर्स है CRPF
CRPF देश की सबसे बड़ी पैरामिलिट्री फोर्स है। इसमें 3 लाख 25 लाख जवान और अधिकारी हैं। इनकी स्पेशल VIP सिक्योरिटी विंग में 6 हजार जवान हैं। इनके पास 149 लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। इन लोगों में गृहमंत्री अमित शाह, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी शामिल हैं।

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दिल्ली में G-20 समिट से पहले लंगूर के कटआउट लगे: इनकी आवाज निकालने वाले एक्सपर्ट भी तैनात

दिल्ली में G-20 समिट के दौरान बंदरों को दूर रखने के लिए लंगूर के कटआउट लगाए गए हैं। हर कटआउट के साथ एक व्यक्ति को तैनात किया गया है, जो लंगूर की आवाज निकालने में एक्सपर्ट है।

दिल्ली में बंदरों की आबादी बहुत ज्यादा है। रिहायशी इलाकों के अलावा दफ्तरों और ऐतिहासिक स्थलों पर भी बंदर खुलेआम घूमते हैं। आए दिन आम लोग इनके हमले का शिकार होते हैं।

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