जस्सा सिंह आहलूवालिया ने मुगल शासन से मुक्ति दिलवाई: विजयपाल सिंह

माल्र्यापण करके मनाया स. जस्सा सिंह आहलूवालिया 304वां जन्मोत्सव

एस• के• मित्तल   
सफीदों,         राष्ट्रीय कीर्ति आह्वान समिति के तत्वावधान में नगर में मंगलवार को महाराजा स. जस्सा सिंह आहलूवालिया 304वां जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि समिति के राष्ट्रीय संयोजक एवं भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट विजयपाल सिंह आहलुवालिया ने शिरकत की। एडवोकेट विजयपाल सिंह आहलुवालियां ने नगर के नहर पूल स्थित महाराजा स. जस्सा सिंह आहलूवालिया की प्रतीमा पर माल्यार्पण करके उनको नमन किया।
इसके अलावा अनेक गण्यमान्य लोगों भी उन्हे अपनी पुष्पांजली अर्पित की। अपने संबोधन में भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट विजयपाल सिंह आहलुवालिया ने कहा कि महाराजा जस्सा सिंह का जन्म तीन मई 1718 को पाकिस्तान के लाहौर में आहलू गांव में हुआ था। वर्ष 1753 में उन्होंने 2200 युवा हिंदू-लड़कियों को अहमद शाह अब्दाली के झुंड से मुक्त कराया था। इस कार्रवाई के लिए उन्हें भारतीयों के दिल में एक विशेष स्थान हासिल किया और उन्हें मुक्तिदाता का नाम भी दिया गया। उन्होंने वर्ष 1761 में लाहौर पर विजय प्राप्त की और 1762 में अफगान बलों के खिलाफ युद्ध में महान होलोकॉस्ट (वड्डा घल्लूघारा) में लड़ाई लड़ते हुए अपने शरीर पर दो दर्जन घावों का सामना भी किया। 1764 में उनकी ओर से खालसा ने सरहिंद पर विजय प्राप्त की।
इस प्रकार छोटे साहिबजादे सरदार फतेह सिंह और जोरावार सिंह की शहीदी का बदला लिया। इसी के कारण खालसा ने पंजाब को मुगलों के 800 साल के शासन से मुक्त कर दिया। उन्होंने 1783 में दिल्ली में लाल किले पर विजय प्राप्त की और तख्त-ए-दीवान-आम (हिदुस्तान के सिंहासन) पर विराजमान हुए। महाराजा स. जस्सा सिंह आहलूवालिया की महानता के बारे में जितनी चर्चा की जाए उतनी ही कम है।
उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे उनके जीवन चरित्र से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को आगे बढ़ाएं। इस मौके पर गुरबचन सिंह, हरीश शर्मा, राजू वालिया, मनोज वालिया, सरोज भाटिया, रामरति वर्मा, गीता बिटानी, गौरव भाटिया, सुभाष थरेजा, ईश्वर सैनी व प्रवीण सैनी विशेष रूप से मौजूद थे।

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