गगनयान से पहले वुमन रोबोट व्योममित्रा अंतरिक्ष में जाएगी: जुलाई 2024 के बाद भेजा जाएगा; गगनयान 2025 में उड़ान भरेगा

 

व्योममित्रा को जुलाई 2024 से सितंबर 2024 के बीच अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।

वुमन रोबोट एस्ट्रोनॉट ह्यूमनॉइड व्योममित्रा, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन से पहले अंतरिक्ष में उड़ान भरेगी। यह जानकारी दिल्ली में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह दी।

गगनयान से पहले वुमन रोबोट व्योममित्रा अंतरिक्ष में जाएगी: जुलाई 2024 के बाद भेजा जाएगा; गगनयान 2025 में उड़ान भरेगा

ह्यूमनॉइड का मतलब ऐसे रोबोट से है, जो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से इंसान जैसा बर्ताव कर सकता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि मानवरहित व्योममित्रा मिशन इसी साल जुलाई 2024 के बाद निर्धारित किया गया है। जबकि गगनयान 2025 में भेजा जाना है।

कौन है ह्यूमनॉइड व्योममित्रा
व्योममित्रा संस्कृत के दो शब्दों व्योम जिसका अर्थ है अंतरिक्ष और मित्र से मिलकर बना है। जितेंद्र सिंह ने बताया कि यह व्योममित्रा मॉड्यूल के पैरामीटर्स की निगरानी करने चेतावनी जारी करने और लाइफ सपोर्ट ऑपरेशन्स कर सकती है। इसे ऐसे डिजाइन किया गया है जिससे यह अंतरिक्ष के वातावरण में मानव कार्यों का अनुकरण कर सके।

जनवरी 2020 में की पहली झलक सामने आई थी। ISRO ने इसका एक वीडियो जारी किया था।

जनवरी 2020 में की पहली झलक सामने आई थी। ISRO ने इसका एक वीडियो जारी किया था।

ह्यूमनॉइड कैसे काम करता है
ह्यूमनॉइड एक तरह के रोबोट हैं, जो इंसान की तरह चल-फिर सकते हैं। मानवीय हाव-भाव भी समझ सकते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्रामिंग के जरिए सवालों के जवाब भी दे सकते हैं। ह्यूमनॉइड के दो खास हिस्से होते हैं, जो उन्हें इंसान की तरह प्रतिक्रिया देने और चलने फिरने में मदद करते हैं।

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  • सेंसर- इनकी मदद से आस-पास के वातावरण को समझते हैं। कैमरा, स्पीकर और माइक्रोफोन सेंसर्स से ही नियंत्रित होते हैं। ह्यूमनॉइड इनकी मदद से देखने, बोलने और सुनने का काम करते हैं।
  • एक्च्यूएटर- खास तरह की मोटर है, जो इंसान की तरह चलने और हाथ-पैरों के मूवमेंट में मदद करती है। इसकी मदद से ह्यूमनॉइड नॉर्मल रोबोट की तुलना में विशेष तरह के एक्शन कर सकते हैं।

भारत के पहले मैन स्पेस मिशन है गगनयान
गगनयान की टेस्ट व्हीकल फ्लाइट-टीवीडी 1 पिछले साल 21 अक्टूबर को हुई थी। इसका मकसद इमरजेंसी में क्रू एस्केप सिस्टम और पैराशूट सिस्टम की टेस्टिंग करना था। लॉन्चिंग व्हीकल मानव रेटिंग पूरी हो गई है। सभी प्रोपल्शन स्टेजेज प्रॉपर वर्किंग हैं। इसकी लॉन्चिंग की सभी तैयारियां हो चुकी हैं।

गगनयान प्रोजेक्ट के तहत अंतरिक्ष यात्रियों के दल को 400 किलोमीटर की कक्षा में भेज जाएगा। फिर इन्हें समुद्र में उतारकर पृथ्वी पर वापस लाने की सुरक्षित प्रक्रिया का प्रदर्शन किया जाएगा।

3 स्पेस कंपनियों ने पाई सफलता
अंतरिक्ष में लोगों को घुमाने के लिए दुनिया की 3 स्पेस कंपनियों ने अहम रोल निभाया है। इनमें सबसे पहली रिचर्ड ब्रैनसन की कंपनी वर्जिन गैलेक्टिक (Virgin Galactic), दूसरी जेफ बेजोस की कंपनी ब्लू ओरिजिन (Blue Origin) और एलन मस्क की स्पेसएक्स (SpaceX) कंपनी है। इन कंपनियों के बाद चीन सहित कई दूसरे देश भी स्पेस टूरिज्म से जुड़े प्रोजेक्ट में काम कर रहे हैं।

 

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