ओपिनियन- यात्रा की राजनीति: राहुल की न्याय यात्रा और उसमें असम सरकार की रोक-टोक

 

 

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मणिपुर के थौबल से 14 जनवरी को भारत जोड़ो न्याय यात्रा का आगाज किया है।

राहुल गांधी की न्याय यात्रा को रोकने या उसमें बाधा डालने में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा जी- जान से लगे हुए हैं। हो सकता है, एक तरह से वे राहुल की यात्रा को पॉपुलर ही बना रहे हों। राजनीति में ऐसा ही होता है। हुआ यह था कि गुवाहाटी में यात्रा के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा की गई तोड़फोड़ के बाद वहाँ के मुख्यमंत्री के आदेश पर राहुल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। लेकिन फ़िलहाल कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

एमसी मैरी कॉम ने बॉक्सिंग से संन्यास लिया: 6 बार की वर्ल्ड चैंपियन बोलीं- अंतरराष्ट्रीय नियम मुझे आगे खेलने की परमिशन नहीं देते

मुख्यमंत्री का कहना है कि राहुल गांधी को इस मामले में लोकसभा चुनाव के बाद गिरफ्तार किया जाएगा। अभी गिरफ्तार कर लेंगे तो राजनीति समझी जाएगी। सवाल यह उठता है कि जब अभी गिरफ्तार नहीं करना है या कोई कार्रवाई नहीं करनी है तो मामला दर्ज ही क्यों कराया गया? फिर एक सवाल यह भी है कि यात्रा को बेरिकैड्स लगाकर रोकने का क्या कारण था? फिर अगर बेरिकैड्स लगाकर पुलिस ने रास्ता रोक ही दिया था तो राहुल गांधी को उसी रास्ते से क्यों जाना था? न्याय यात्रा में बेरिकैड्स तोड़ने की ज़रूरत क्या थी?

तस्वीर गुवाहाटी की है, जहां 23 जनवरी को कांग्रेस कार्यकर्ता पुलिस से भिड़े और बैरिकेडिंग तोड़ दी।

तस्वीर गुवाहाटी की है, जहां 23 जनवरी को कांग्रेस कार्यकर्ता पुलिस से भिड़े और बैरिकेडिंग तोड़ दी।

दरअसल, राजनीति जो न कराए, वो कम है। राहुल अपनी यात्रा को पॉपुलर बनाने के लिए कुछ न कुछ कर रहे हैं और असम के मुख्यमंत्री इस यात्रा में रोक- टोक के लिए बहुत कुछ करने में लगे हुए हैं। जहां तक कांग्रेस का सवाल है उसे ग़लत निर्णय करने की आदत हो गई है। अयोध्या में राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा में जाने का निमंत्रण ठुकराना इनमें से एक है। दूसरा ग़लत कदम ये कि राजस्थान में पार्टी की पराजय के ज़िम्मेदार लोगों को ही शीर्ष पद पर बनाए रखना।

एमसी मैरी कॉम ने बॉक्सिंग से संन्यास लिया: 6 बार की वर्ल्ड चैंपियन बोलीं- अंतरराष्ट्रीय नियम मुझे आगे खेलने की परमिशन नहीं देते

22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी ने पीएम आवास में राम ज्योति जलाकर दीपोत्सव मनाया था।

22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी ने पीएम आवास में राम ज्योति जलाकर दीपोत्सव मनाया था।

दूसरी तरफ़ भाजपा की राजनीति कमाल की है। भाजपा ने अयोध्या के आयोजन को देशभर में इतना प्रसिद्ध किया कि बच्चे- बच्चे ने 22 जनवरी को धूमधाम से दीवाली मनाई। राम नाम लेकर भाजपा निश्चित ही चुनावी भवसागर के पार होना चाहती है और लगता है वह पार हो भी जाएगी, क्योंकि कांग्रेस तो मंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण ठुकराकर खुद को शेर समझ रही है।

जहां तक राहुल गांधी की यात्रा का सवाल है, वो तो उन्होंने गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान भी की थी। इतिहास में कभी जितनी बुरी तरह नहीं हारी, उस तरह हारी थी कांग्रेस। देखना है कि अगले लोकसभा चुनाव में क्या होने वाला है!

 

.असम राइफल्स के जवान ने साथियों पर फायरिंग की: फिर खुद को गोली मारी; मणिपुर पुलिस बोली- राज्य की हिंसा से लेना-देना नहीं

.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *