आर्मी चीफ बोले- भारत दुनियाभर में खोल रहा डिफेंस विंग: इससे संयुक्त सैन्याभ्यास का दायरा बढ़ेगा; लेकिन हमारा मकसद विवादों का समाधान शांति से हो

 

भारतीय सेना चाणक्य डिफेंस डायलॉग के लिए प्रमुख थिंक टैंक, सेंटर फॉर लैंड एंड वारफेयर स्टडीज (क्लॉज) के साथ मिलकर काम कर रही है।

थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने भारत-चीन सीमा विवाद पर बिना किसी देश का नाम लिए कहा है कि भारत सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की अहमियत जानता है। इसलिए हम विवादों के शांतिपूर्ण समाधान और अंतरराष्ट्रीय नियमों के पालन पर जोर देते हैं, न कि सेना या फोर्स के इस्तेमाल पर।

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जनरल पांडे ने यह भी कहा कि भारत दुनिया भर में नई जगहों पर अपनी ब्रांच बना रहा है। और सेना फॉरेन फ्रैंड कंट्रीज के साथ जॉइंट मिलिट्री ट्रेनिंग के दायरे बढ़ाने के लिए उत्सुक है। थल सेनाध्यक्ष यह भी बोले कि सभी के हितों की रक्षा करने का भारत का कमिटमेंट सालों से एक जैसा चला आ रहा है।

आर्मी चीफ दिल्ली में चाणक्य डिफेंस डायलॉग में बोल रहे थे। इसे भारतीय सेना के सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडीज (CLAWS) ने आयोजित किया। जिसका मकसद साउथ एशिया और इंडो-पैसिफिक में डिफेंस चैलेंजेस विश्लेषण करना है, ताकि इन क्षेत्रों में भारत को और ज्यादा मजबूत किया जा सके।

दुनिया भर में खोली जा रही भारतीय सेना की शाखाएं
भारतीय सेना की शाखाएं दुनिया भर में खोली जा रही हैं। जनरल पांडे ने बताया कि डिफेंस सेक्टर में भारत का मल्टीलेटरल रोल अहम होता जा रहा है। हम जॉइंट ट्रेनिंग एंड प्रैक्टिस सेशन और सब-रीजनल पर्सपेक्टिव को मित्र देशों के साथ शेयर करने और इसका दायरा बढ़ाने के लिए तैयार हैं। इसके लिए हम दुनिया भर में नई जगहों पर डिफेंस ब्रांच बना रहे हैं।

सेना प्रमुख के भाषण की बड़ी बातें…

  • रूस-यूक्रेन, इजराइल-फिलिस्तीन के बीच चले रहे युद्धों से हो रही उथल-पुथल पर जनरल पांड ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मामलों में राष्ट्रीय सुरक्षा बेहद जरूरी है। इसे नए और बेहतर ढंग से तैयार करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में हो रही हलचल के बावजूद भारत की स्थिति बहुत बेहतर है।
  • भारत के बढ़ते कद के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि हम आज ग्लोबल लेवल पर भरोसेमंद आवाज बन गए हैं। जो बेहद खास है। यह ग्लोबल साउथ की चिंताओं को व्यक्त करने में असरदार है। उन्होंने कहा, टेक्नोलॉजी जियो पॉलिटिक्स को चला रही है। ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया। इसने स्ट्रैटेजिक और वॉर फेयर तकनीकों को भी बदल दिया है। इन सबके बावजूद भारत की जगह बहुत बेहतर है।
  • सेनाध्यक्ष ने कहा कि न सिर्फ कोल्ड वॉर पीस घट रहा है, बल्कि दुनिया कई तरीकों से टूट रही है। पूर्व और पश्चिम के साथ-साथ ग्लोबल नॉर्थ और ग्लोबल साउथ में नए विभाजन सामने आ रहे हैं। लेकिन भारत की मजबूत, लचीली और कस्टमर ओरिएंटेड इकोनॉमी ने हमें रूस-यूक्रेन संघर्ष की आर्थिक मंदी का सामना करने में सक्षम बनाया है।

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दिल्ली में 22 देशों के आर्मी चीफ की कॉन्फ्रेंस

यूएस आर्मी के चीफ ऑफ स्टॉफ रैंडी जॉर्ज के साथ जनरल मनोज पांडे।

यूएस आर्मी के चीफ ऑफ स्टॉफ रैंडी जॉर्ज के साथ जनरल मनोज पांडे।

दिल्ली में 13वें इंडो-पैसिफिक आर्मी चीफ्स कॉन्फ्रेंस का आयोजन पिछले महीने हुआ था। इस दौरान थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडेय ने कहा था- सेना और नेवी की यह दुनिया की सबसे बड़ी कांफ्रेंस है। मानेकशॉ सेंटर में 25 सितंबर से शुरू हुए इस कॉन्फ्रेंस में अमेरिका और कनाडा समेत 22 देशों के आर्मी चीफ 27 सितंबर तक रहे। पढ़ें पूरी खबर…

 

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