अवशेष प्रबंधन पर किसानों को दी जा रही है एक हजार रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि : उपायुक्त डॉ. मनोज कुमार

 

फसल अवशेष का प्रबंधन कर किसान बड़ा रहे खेत की उपजाऊ शक्ति 

पर्यावरण संरक्षण को बचाने के लिए किसानों का अहम रोल

 

एस• के• मित्तल   

जींद, उपायुक्त डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि किसान फसल अवशेष प्रबंधन के लिए आगे आ रहे हैं। आधुनिक मशीनें जैसे स्ट्रा, बेलर, सुपर सीडर, जीरो टिलेज, स्लैशर आदि का प्रयोग करके मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को बढ़ा रहे है, साथ- साथ पर्यावरण बचाने में अपना अहम योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो किसान इन मशीनों से धान की पराली का प्रबंधन कर रहे है, उन सभी किसानों को एक हजार रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

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प्रोत्साहन राशि के लिए किसान पोर्टल पर पंजीकरण करवा लें ताकि पंजीकृत किसानों के सत्यापन उपरान्त राशि उनके खाते में डाल दी जाएगी। इसके बावजूद भी यदि कोई किसान अपने खेत में आगजनी की घटना में दोषी पाया जाता है तो उसके विरूद्ध भादस की धारा 188 के साथ- साथ बचाव एवं हरित प्राधिकरण द्वारा निर्दिष्ट पर्यावरण शुल्क भी वसूल किया जाएगा।

सहायक कृषि अभियंता विजय कुमार ने बताया कि अब तक जिलें में कुल 768 सीएचसी सत्यापित की जा चुकी है। जिले में व्यक्तिगत श्रेणी में पिछले 5 वर्षों में 3774 कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जा चुका है। इस वर्ष व्यक्तिगत श्रेणी में 796 किसानों को अनुदान प्रमाण पत्र दिये गये है। वे सभी किसान जिनको अनुदान प्रमाण पत्र प्राप्त हो चुका है, वे 27 अक्तूबर तक हरियाणा सरकार द्वारा अनुमोदित फर्मों से मशीन खरीदकर खरीद बिल सहायक कृषि अभियंता जींद कार्यालय में जमा करवायें।

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मशीन पर लेजर कटिंग वाला सिरियल नम्बर, कोड इत्यादि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग हरियाणा की हिदायतों अनुसार हो, जिसको सभी अधिकृत निर्माता कम्पनियों को पहले ही जारी किया जा चुका है।

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