खड़गे बोले- मोदी के राजनीतिक पूर्वज मुस्लिम लीग समर्थक: भाजपा का ग्राफ नीचे आ रहा इसीलिए संघ अपने दोस्त मुस्लिम लीग को याद कर रहा

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नई दिल्ली3 मिनट पहले

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर सोशल मीडिया पोस्ट की। खड़गे ने लिखा कि मोदी और शाह के राजनीतिक और वैचारिक पूर्वजों ने आजादी की लड़ाई में हिंदुस्तानियों के खिलाफ ब्रिटिशों और मुस्लिम लीग का समर्थन किया था।

मल्लिकार्जुन खड़गे की पोस्ट

मोदी-शाह के राजनीतिक व वैचारिक पुरखों ने स्वतंत्रता आंदोलन में भारतियों के ख़िलाफ़, अंग्रेज़ों और मुस्लिम लीग का साथ दिया।

आज भी वो आम भारतियों के योगदान से बनाए गए ‘कांग्रेस न्याय पत्र’ के खिलाफ मुस्लिम लीग की दुहाई दे रहे हैं।

मोदी-शाह के पुरखों ने 1942 में भारत छोड़ो के दौरान, महात्मा गांधी के आवाहन व मौलाना आजाद की अध्यक्षता वाले आंदोलन का विरोध किया।

सभी जानते है कि आपके पुरखों ने 1940 में मुस्लिम लीग के साथ मिलकर बंगाल, सिंध और NWFP में अपनी सरकार बनाई।

क्या श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने तत्कालीन अंग्रेजी गवर्नर को ये नहीं लिखा कि 1942 के देश व कांग्रेस के भारत छोड़ो आंदोलन को कैसे दबाना चाहिए? और इसके लिए वे अंग्रेजों का साथ देने के लिए तैयार हैं?

मोदी-शाह व उनके नॉमिनेटेड अध्यक्ष (जे. पी. नड्‌डा) आज कांग्रेस घोषणापत्र के बारे में उल्टी-सीधी भ्रांतियां फैला रहें हैं।

मोदी जी की भाषणों में केवल RSS की बू आती है। दिन पर दिन भाजपा की चुनावी हालत इतनी खस्ता होती जा रही है, कि RSS को अपने पुराने मित्र मुस्लिम लीग की याद सताने लगी है!

सच केवल एक है-

कांग्रेस न्याय पत्र में हिंदुस्तान के 140 करोड़ लोगों की आशाओं व आकांक्षाओं की छाप है।

उनकी सम्मिलित शक्ति, मोदी जी के 10 सालों के अन्याय काल का अंत करेगी।

खड़गे के इस बयान की वजह
कांग्रेस ने 5 अप्रैल को 5 न्याय और 25 गारंटी के साथ अपना न्याय पत्र (घोषणा पत्र) जारी किया था। इसमें अल्पसंख्यकों के लिए पांच बड़े वादे किए गए थे। भाजपा इसे आजादी के बाद मुस्लिम लीग के घोषणा पत्र जैसा बता रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्‌डा इस पर लगातार बयान दे रहे हैं।

अल्पसंख्यकों के लिए कांग्रेस के 9 वादे

  1. भारत के संविधान के अनुच्छेद 15, 16, 25, 28, 29 और 30 के तहत अल्पसंख्यकों को मिलने वाले मौलिक अधिकारों का आदर करेगी और उन्हें बरकरार रखेगी।
  2. भारत के संविधान के अनुच्छेद 15, 16, 29 और 30 के तहत भाषा की दृष्टि से अल्पसंख्यकों को मिलने वाले मौलिक अधिकारों का आदर करेगी और उन्हें बरकरार रखेगी।
  3. अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों और युवाओं को शिक्षा, रोज़गार, व्यवसाय, सेवाओं, खेल, कला और अन्य क्षेत्रों में बढ़ते अवसरों का पूरी तरह से लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करेगी और सहायता देगी।
  4. कांग्रेस विदेश में अध्ययन के लिए मौलाना आज़ाद छात्रवृत्ति को फिर से लागू करेगी और छात्रवृत्ति की संख्या बढ़ाएगी।
  5. अल्पसंख्यक अपने मानवीय और नागरिक अधिकारों का इस्तेमाल कर सकें इसके लिए उनका आर्थिक सशक्तिकरण आवश्यक है। कांग्रेस आसान ऋण प्रदान करने की नीति बनाएगी।
  6. कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि अल्पसंख्यकों को शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, सरकारी नौकरी, लोक निर्माण अनुबंध, कौशल विकास, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में बिना किसी भेदभाव के उचित अवसर मिले।
  7. कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि, प्रत्येक नागरिक की तरह, अल्पसंख्यकों को भी पोशाक, खान-पान, भाषा और व्यक्तिगत कानूनों की स्वतंत्रता हो।
  8. कांग्रेस व्यक्तिगत कानूनों में सुधार को बढ़ावा देगी। यह सुधार संबंधित समुदायों की भागीदारी और सहमति से किए जाएंगे।
  9. कांग्रेस संविधान की आठवीं अनुसूची में अधिक भाषाओं को शामिल करने की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करने का वादा करती है।

6 अप्रैल को PM ने सहारनपुर की रैली में कहा- कांग्रेस का न्याय पत्र मुस्लिम लीग जैसा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में रैली की। उन्होंने कहा- कांग्रेस के घोषणापत्र में पूरी तरह मुस्लिम लीग की छाप है। इसका जो कुछ हिस्सा बचा रह गया, उसमें वामपंथी पूरी तरह हावी हो चुके हैं। कांग्रेस इसमें दूर-दूर तक दिखाई नहीं देती है।

PM ने कहा- आजादी की लड़ाई लड़ने वाली कांग्रेस तो दशकों पहले ही समाप्त हो चुकी है। अब जो कांग्रेस बची है, उसके पास न देशहित में नीतियां हैं और न ही राष्ट्रनिर्माण की दृष्टि। कांग्रेस ने जिस तरह का घोषणा पत्र जारी किया, उससे साबित हो गया है कि आज की कांग्रेस आज के भारत की आशाओं-आकांक्षाओं से पूरी तरह कट चुकी है।

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