एस• के• मित्तल
सफीदों, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सफीदों सैंटर के तत्वावधान में महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में शुक्रवार को नगर में विशाल शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा की अध्यक्षता सफीदों सैंटर इंचार्ज बहन स्नेहलता ने की। यात्रा को नगर के प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय से झंडी दिखाकर रवाना किया गया। यह यात्रा नगर के अनेक बाजारों व मौहल्लों से होकर गुजरी। यात्रा का नगर के अनेक स्थानों पर भव्य स्वागत किया गया। इस यात्रा में 108 बहनें अपने सिर पर कलश उठाए हुई थी।
सफीदों, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सफीदों सैंटर के तत्वावधान में महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में शुक्रवार को नगर में विशाल शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा की अध्यक्षता सफीदों सैंटर इंचार्ज बहन स्नेहलता ने की। यात्रा को नगर के प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय से झंडी दिखाकर रवाना किया गया। यह यात्रा नगर के अनेक बाजारों व मौहल्लों से होकर गुजरी। यात्रा का नगर के अनेक स्थानों पर भव्य स्वागत किया गया। इस यात्रा में 108 बहनें अपने सिर पर कलश उठाए हुई थी।
यात्रा में नारी सशक्तिकरण व शिव भोलेनाथ की प्रतीमा समेत अनेक सुंदर-सुंदर झांकियां निकाली गई। यात्रा में बज रहे भजनों ने माहौल को शिवमय व भक्तिमय बना दिया। अपने संबोधन में बहन स्नेहलता ने शिवरात्रि का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि शिवरात्रि में जो रात्रि शब्द का प्रयोग किया जाता है यह वास्तव में मानव के अज्ञान अंधकार की नींद में सोने का प्रतीक है, जब धरती पर घोर अत्याचार, पापाचार, भ्रष्टाचार, अनैतिक कृत्य, जातिवाद व संप्रदायवाद बढ़ जाता है तो ऐसे समय में स्वयं परमपिता परमात्मा शिव धरती पर आते हैं और मनुष्य मन में व्याप्त विकारों को त्यागने की शिक्षा देते हैं।
उन्होंने कहा कि शिव परमाात्मा ही हम सबके पिता हैं और उनसे ही सुख शांति का अधिकार जन्म-जन्मांतर तक प्राप्त हो सकता है। परमात्मा का कोई शारीरिक आकार नहीं होता है। परमात्मा अर्थ परिचय सभी को होना आवश्यक है जिससे मनुष्य सार्थक भक्ति की ओर अलौकिक हो सके। सृष्टि की सर्व आत्माओं के पिता एक है वह निराकार है एवं परमधाम से इस धरा पर अवतरित हो चुके हैं। महाशिवरात्रि का पर्व आत्मा और परमात्मा के मिलन का महाकुंभ है।