PM बोले- प्रार्थना करता हूं, कांग्रेस 40 सीटें बचा ले: कहा- कमांडर नहीं हैं तो खड़गे जी खुलकर बोल रहे, युवराज का स्टार्टअप लॉन्च ही नहीं हो रहा

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोल रहे थे। 90 मिनट की स्पीच की शुरुआत उन्होंने कांग्रेस से की और मोदी 3.0 पर खत्म की। वे नेहरू, राहुल, OBC, एससी-एसटी, आरक्षण और PSU समेत कई मुद्दों पर बोले। उन्होंने युवराज और कमांडर जैसे शब्द भी इस्तेमाल किए।

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PM ने सरकार कंपनियों के बंद करने के आरोपों का भी जवाब दिया, कहा- कांग्रेस ने अपने युवराज को स्टार्टअप बनाकर दिया है। ना वो लिफ्ट हो रहा है और ना ही वो लॉन्च हो रहा है। प्रचार किया जा रहा है कि PSU बंद हो गए। 2014 में देश में 234 PSU थे। आज 254 हैं। भाई कौन सा अर्थमेटिक वो जानते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा- कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे जी ने सदन में खुलकर बोला था। उनके दो कमांडर नहीं हैं। उन्होंने मुझे 400 सीटों का आशीर्वाद दिया। पश्चिम बंगाल से आपको जो चैंलेज मिला है कि कांग्रेस 40 पार नहीं कर पाएगी। मैं प्रार्थना करता हूं कि आप 40 बचा पाएं। मोदी का इशारा ममता बनर्जी की ओर था।

PM के बयान पर खड़गे ने कहा- जिन लोगों ने महात्मा गांधी की डांडी यात्रा में और भारत छोड़ो आंदोलन में भाग नहीं लिया, वे लोग कांग्रेस को राष्ट्रभक्ति का पाठ पढ़ाते हैं। वे लोग ऐसे बात करते हैं कि जैसे उन्होंने ही 2014 में देश को आजादी दिलाई है लेकिन उन्हें ये याद नहीं है कि देश को 1947 में आजादी मिली।

मोदी की स्पीच की जरूरी बातें 10 पॉइंट में…

1. लोकतंत्र खत्म करने के आरोपों पर
PM ने कहा- कांग्रेस हमें लोकतंत्र पर प्रवचन दे रही है। बड़ी-बड़ी बातें हो रही हैं। जिस कांग्रेस ने सत्ता के लालच में सरेआम लोकतंत्र का गला घोंट दिया था। दर्जनों बार लोकतांत्रिक तरीके से सरकारों को भंग कर दिया था। संविधान, लोकतंत्र की मर्यादा को जेल की सलाखों के पीछे बंद कर दिया था। जिस कांग्रेस ने अखबारों पर ताले लगाने की कोशिश की। जो कांग्रेस देश को तोड़ने के नैरेटिव गढ़ता गया, नया शौक पैदा हुआ। इतना तोड़ा कम नहीं है। अब उनके सांसद दक्षिण को देश से अलग करने की बात करते हैं।

 

2. कांग्रेस के पिछले 10 साल के शासन पर
PM ने कांग्रेस के 10 साल के शासन पर कहा- देश क्यों नाराज था। हम किसी को बुरा नहीं कहते। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के तीन कोट पढ़ता हूं। पहला- हमारी ग्रोथ, फिस्कल डेफिसिट, महंगाई दर, करंट अकाउंट डेफिसिट ज्यादा बढ़ रहा है। दूसरा- देश में पब्लिक ऑफिस के मिसयूज को लेकर गुस्सा है। तीसरा- टैक्स कलेक्शन में भ्रष्टाचार होता है। राशन की योजना में लीकेज है, देश का गरीब सबसे अधिक पीड़ित है। सरकारी ठेके जैसे दिए जा रहे हैं, उस पर शक होता है। कांग्रेस के 10 साल का इतिहास देखिए। पॉलिसी पैलालिसिस उनकी पहचान बन गई। हमारे 10 वर्ष टॉप 5 इकोनॉमी, बड़े फैसलों के लिए याद किए जाते हैं।

3. कांग्रेस के अंग्रेजों से इंस्पायर्ड होने पर
प्रधानमंत्री ने पूछा- अंग्रेजों से कौन इन्सपायर्ड था। आजादी के बाद देश में गुलामी की मानसिकता को किसने बढ़ावा दिया। आप अंग्रेजों से प्रभावित नहीं थे, तो उनकी बनाई दंड संहिता क्यों नहीं बदली। लाल बत्ती कल्चर क्यों चलता रहा। भारत का बजट शाम को 5 बजे आता था। हमारी सेनाओं के चिह्नों पर गुलामी के प्रतीक क्यों बने थे। राजपथ को कर्तव्य पथ बनने के लिए मोदी का इंतजार क्यों करना पड़ा। अंडमान और निकोबार द्वीपसमूहों पर अंग्रेजी सत्ता के निशान क्यों लटके थे। वार मेमोरियल तक नहीं बना पाए। भारतीय भाषाओं को हीन भावना से क्यों देखा। भारत को मदर ऑफ डेमोक्रेसी बताने में कौन रोकता था। सैकड़ों उदाहरण दे सकता हूं।

4. आरक्षण को लेकर नेहरू की चिट्‌ठी पर
PM बोले- दलित, पिछड़े और आदिवासी की कांग्रेस जन्मजात विरोधी रही। बाबा साहेब ना होते ना तो शायद एससी-एसटी को आरक्षण मिलता या नहीं, ये भी मालूम नहीं। मैं आदरपूर्वक नेहरूजी को ज्यादा याद करता हूं। एक बार नेहरूजी ने मुख्यमंत्रियों को लिखा था- मैं किसी भी आरक्षण को पसंद नहीं करता। खासकर नौकरी में आरक्षण तो कतई नहीं। मैं ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ हूं, जो अकुशलता को बढ़ावा दे। वो कहते थे कि अगर एससी-एसटी, ओबीसी को आरक्षण मिला तो सरकारी कामकाज का स्तर गिर जाएगा। आज जो आंकड़े गिनाते हैं ना उसका मूल यहां है। PM का इशारा राहुल के बयान पर था, जिसमें वे सरकार में OBC अफसरों की संख्या को लेकर सवाल उठाते हैं।

5. सीताराम केसरी और द्रौपदी मुर्मू का जिक्र
PM ने कहा- सीताराम केसरी अति पिछड़ी जाति से थे, कांग्रेस के अध्यक्ष थे, उन्हें उठाकर फुटपाथ पर फेंक दिया गया। ये वीडियो देश ने देखा। कांग्रेस के मार्गदर्शक अमेरिका में बैठे हैं। वो पिछले चुनाव में ‘हुआ तो हुआ’ के लिए फेमस हो गए थे। कांग्रेस इस परिवार के काफी करीब है। उन्होंने अंबेडकर के योगदान को छोटा करने का प्रयास किया। देश में पहली बार NDA ने एक आदिवासी बेटी को राष्ट्रपति बनाने का काम किया। उन्हें उम्मीदवार बनाया। वैचारिक विरोध एक बात है। ऐसा होता तो आपने सामने कैंडिडेट खड़ा किया होता। हमारे यहां से गया व्यक्ति आपने उम्मीदवार बना दिया। आपका विरोध एक आदिवासी बेटी से था। राष्ट्रपतिजी का अपमान करने की घटनाएं कम नहीं हैं।

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