समाज को आगे बढाने में शिक्षा की होती है अहम भागीदारी : उपपुलिस अधीक्षक रवि खुंडिया

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एस• के• मित्तल 
जींद,     बिना शिक्षा के कोई भी समाज व देश आगे नहीं बढ़ सकता। इसलिए चाहे कितनी भी कठिन परिस्थितियां क्यों ना आ जाएं। अपने बच्चों को शिक्षित अवश्य बनाएं । डूम समाज भी आज शिक्षा के महत्व को समझते हुए बाबा साहब भीम राव अंबेडकर के शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो के संदेश को आत्मसात कर आगे बढ़ रहा है।
उक्त वाक्य डूम विकास मंच द्वारा मनाई गई संत श्री नाभादास जयंती के अवसर पर जींद के उप पुलिस अधीक्षक रवि खुंडिया ने अपना सम्बोंधन व्यक्त करते हुए कहे। कार्यक्रम में सभी अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जलित कर कार्यक्रम का विधिवत्त शुभारंभ किया गया।
उप पुलिस अधीक्षक ने कहा कि केवल वही समाज तरक्की कर सकता है जो शिक्षित हो। हमारा प्रयास होना चाहिए कि समाज के लोगों को शिक्षित किया जाए ताकि वे स्वाभिमान से अपना जीवन जी सके। उन्होंने कहा कि दहेज प्रथा, कन्या भ्रुर्ण हत्या व नशाखोरी जैसी सामाजिक कुरीतियों से हमें किनारा करना होगा। हम सभी को बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के दिखाए मार्ग पर चलने की जरूरत है। बाबा साहेब के मंत्र शिक्षित बनो, संगठित रहो व संघर्ष करो का अनुसरण करते हुए हमें आगे बढऩे की जरूरत है। बाबा साहेब शिक्षा को देश तथा समाज के उत्थान एवं विकास का साधन तो मानते ही थे साथ ही साथ सामाजिक स्वतंत्रता , समता और भातृत्व की भावना के विकास का ऐतिहासिक मार्ग की बताते थे।
उन्होंने कहा कि समाज एवं व्यक्ति की तरक्की का रास्ता शिक्षा की ओर होकर गुजरता है। आज वह समय नही है जब हम मात्र अपने पैतृक कार्यो को ही आगे बढाने का काम कर अपनी जीवन जीते थे । संविधान ने हमें भी समाज में उन्नती कर अपना जीवन बसर करने का बराबर का हक दिया है और यह तभी संभव हो सकता है, जब हम अच्छे शिक्षित बनेंगे तथा अपने बच्चों को प्रतियोगिक परिक्षाओं की तैयारी करवाकर उनको रोजगार उपलब्ध करवाएगें। उन्होंने कहा कि यह संविधान की ही देन है जो आज आपके समाज से चुनाव लडे हुए जन प्रतिनिधियों को सम्मानित किया जा रहा है।
कार्यक्रम में समाज सेवी प्रदीप गिल ने कहा कि आज के समय में हर सकारात्मक सोच वाला व्यक्ति अपने बल बुते व मेहनत के बल पर जितना चाहे प्रगति कर सकता है। संविधान ने हर व्यक्ति समाज व धर्म को बराबर का दर्जा दिया हुआ है। कोई भी व्यक्ति गरीब नही होता बल्कि यह व्यक्ति की सोच पर निर्भर करता है कि वह गरीब है तो किस लिए है। उन्होंने कहा कि हमें अपने संत महात्माओं के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। हमें उनके दिखाए मार्ग पर चलना चाहिए। इस मौके पर अतुल चौहान ने भी अपने विचार रखे।
जयंती कार्यक्रम में डूम विकास मंच के अध्यक्ष सुरेश दनोदा ने कहा कि संत महात्माओं की कोई जाति या धर्म नही होता बल्कि उनका अवतार ही मानव कल्याण के लिए होता है। उन्होंने बताया कि संत श्री नाभादास जी एक माने हुए संत थे। हमें उनके बताये गए मार्ग पर चलकर जाति, धर्म, संप्रदाय से ऊपर उठकर मानव मात्र के कल्याण की बात सोचनी चाहिए। उन्होंने संत नाभादास के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा ऐसी मान्यता है कि संत नाभा दास 1537 ई पूर्व के महान संत हुए है। वे बचपन से नेत्रहीन थे, उन्होने स्वामी अग्रदास के सानिध्य में रहकर मध्यकाल के संत महापुरूषों की जीवनी लिखने का काम किया था।
सभी जातियों द्वारा अपनी-अपनी जाति,समुदायों के संत महात्माओं के विचारों का समाज में प्रचार-प्रसार करने व उनके दिखाए रास्ते पर चलने के लिए जयंतियां मनाई जाति है। डूम विकास मंच द्वारा भी हर वर्ष की भांति 8 अप्रैल को संत श्री नाभादास की जयंती मनाने का जो निर्णय लिया है उसको बखूबी निभाया गया है।
जयंती कार्यक्रम में समाज के राहुल पुत्र शमशेर को आयकर विभाग में बतौर निरीक्षक के पद पर नियुक्त होने व डूम समाज के चुनाव लडने वाले सभी जनप्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर संजीव उझाना, राजेश शाहपुर, राजेश खेडा,सुनील दालमवाला, सुशील काब्रच्छा, शमशेर अधीक्षक, प्रकाश कंडेला व सैंकडों की संख्या में लोग उपस्थित रहे।
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