सफीदों विधानसभा क्षेत्र में सरपंच व पंच पदों के लिए शांतिपूर्वक चुनाव संपन्न
सफीदों, सफीदों इलाके में बुधवार को सरपंच व पंच पदों के लिए वोटिंग शांतिपूर्वक ख्चुनाव संपन्न हो गया। इस वोटिंग के दौरान सफीदों के 45 गांवों के करीब 80.9 प्रतिशत तो पिल्लूखेड़ा के 28 गांवों के करीब 79.5 प्रतिशत लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया। सफीदों खंड के कुल 90863 वोटों में से 73512 लोगों ने वोटें डाली। इसी प्रकार पिल्लूखेड़ा खंड के कुल 65480 मतों में से 52056 वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
गांव निमनाबाद में हुई दो गुटों में हलकी झड़प
हालांकि इलाके में चुनाव लगभग शांतिपूर्वक रहा लेकिन निमनाबाद गांव में दो गुटों में बीच फर्जी वोटिंग के आरोपों के साथ मामूली झड़प हो गई। मामले की सूचना मिलते ही ड्यूटी मैजिस्ट्रेट के अलावा डीएसपी आशिष कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाया बुझाया। उन्होंने ग्रामीणों को समझाया कि यह चुनाव आपसी भाईचारे का है तथा भाईचारे के हिसाब से ही चुनाव लड़ा जाना चाहिए। साथ ही ग्रामीणों को ताकीद भी किया कि किसी को भी कानून को हाथ में लेने की इजाजत नहीं है। प्रशासन के समझाने-बुझाने के बाद मामला शांत हो गया।
बुजुर्गों में देखने को मिला भारी जोश
ग्रामीण सरकार को चुनने के लिए बुजुर्गों में भारी जोश देखने को मिला। गांव बुढ़ाखेड़ा के 100 वर्षीय प्यारे लाल, गांव खेड़ा खेमावती के 86 वर्षीय गणपत राम, इसी गांव की 90 वर्षीय कस्तुरी देवी, गांव सिंघपुरा निवासी 90 वर्षीय इंद्र सिंह समेत अनेक वृद्ध वोट करने के उपरांत काफी खुश दिखाई दिए। कई बुजुर्ग तो अपने पूरे परिवार को साथ लेकर मतदान करने के लिए पोलिंग बूथ पर आए। बुजुर्गों का कहना था कि उन्हे वोट करते हुए एक लंबा अरसा बीत चुका है। वे चाहते है कि आज का युवा उनसे सीख लेकर मतदान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें क्योंकि मतदान में बहुत बड़ी शक्ति है तथा अपनी पसंद का जनप्रतिनिधि चुन सकते हैं। वहीं पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य ने अपने पैतृक गांव भुसलाना के प्राईमरी स्कूल में मताधिकार का प्रयोग किया।
पहली बार वोट करने को लेकर युवा दिखे उत्साहित
पंचायती राज चुनावों में मताधिकार प्रयोग को लेकर महिलाओं, युवाओं व दिव्यांगों में भारी खुशी देखने को मिली। सबसे ज्यादा उत्साहित वे युवा दिखे जो व्यस्क होने के बाद पहली बार वोट कर रहे थे। इसी प्रकार के एक युवा गांव सिंघपुरा निवासी यश सैनी है जिन्होंने गांव के पोलिंग बूथ पर पहली बार वोट किया। उत्साह से लबरेज यश सैनी पूरी तरह से तैयार होकर पोलिंग बूथ पर पहुंचे और लाईन में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार किया। वोट करने के उपरांत यश का कहना था कि उसे बेहद खुशी है कि उसे भी अब लोकतंत्र के इस महापर्व में शामिल होने का मौका मिला है तथा आगे भी इसी प्रकार शामिल होता रहेगा। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपने मताधिकार की शक्ति को पहचाने और पोलिंग अवश्य करें।
दिनभर मॉनिटरिंग करता रहा प्रशासन
इन चुनावों को लेकर प्रशासन सजग दिखाई पड़ा। रिटर्निंग अधिकारी एवं एसडीएम सत्यवान मान लगातार चुनाव की मॉनिटरिंग करते दिखाई पड़े। वहीं डीएसपी आशीष कुमार भी पुलिस बल का लगतार मार्गदर्शन कर रहे थे। प्रशासनिक अधिकारियों ने गांव दर गांव जाकर पोलिंग बूथों का लगातार दौरा किया। एसडीएम सत्यवान मान ने दौरे के दौरान ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी मतदान केंद्र के बाहर भीड़ इक_ी नहीं होने दें, मतदान केंद्र के 100-100 मीटर की परीधि में प्रत्याशियों की प्रचार सामग्री को न लगने दें, फर्जी वोटिंग न होने देना सुनिश्चित करें, बूथ की परीधि के अंदर कोई भी दुकान खुली ना हो, कोई भी गैर सरकारी वाहन खड़ा न होने दें और अगर कोई व्यक्ति चुनाव आचार संहिता की उल्लंघना करता है तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाएं। वहीं डीएसपी आशिष कुमार पुलिस बल को मुस्तैद रहने की हिदायत देने के साथ-साथ ग्रामीणों को भाईचारा बनाए रखने की अपील करते हुए दिखे।
एक्सप्रेस-वे के ग्रीनफील्ड से रास्ते की मांग को लेकर उपमंडल के गांव भिड़ताना के लोगों ने जिला परिषद व ब्लाक समिति की तरह से ही सरपंच व पंच पद के चुनाव का भी पूर्ण रूप से बहिष्कार कर दिया है। इस बहिष्कार के बाद गांव भिड़ताना में बुधवार को निर्धारित सरपंच व पंच पदों के निर्वाचन की मतदान प्रक्रिया ठप्प रही। इस गांव की ग्राम पंचायत के 12 वार्ड हैं। गांव में कुल 2569 मतदाता हैं जिनके मतदान को गांव के राजकीय स्कूल परिसर में तीन मतदान केंद्र बनाए गए थे। इस ग्राम पंचायत के सरपंच व पंच पद के लिए किसी ग्रामीण ने एक भी नामांकन दाखिल नहीं किया है। कोई उम्मीदवार नहीं होने के कारण प्रशासन द्वारा इस गांव में मतदान की व्यवस्था नहीं की गई है। कई दिन पहले ही इस गांव के लोगों ने पंचायत बुलाकर चुनाव का पूर्ण बहिष्कार करने का ऐलान किया था और किसी भी पद के लिए नामांकन दाखिल करने वाले पर पांच लाख रुपये का सामाजिक दंड लगाने का निर्णय लिया था। बता दें कि रविवार को पंचायत समिति सदस्य व जिला परिषद सदस्य के चुनाव के लिए भी इस गांव के मतदाताओं ने मतदान का पूर्ण बहिष्कार किया। तीनों मतदान केंद्रों में किसी उम्मीदवार का कोई एजेंट तक नहीं था। बस मतदान कर्मी खाली बैठे रहे। भिड़ताना व इसके पड़ोसी, जींद खण्ड के चाबरी गावों के लोग एक्सप्रेस-वे के उस पार जाने का रास्ता मांग रहे हैं। इनका कहना है कि विभाग एक्सप्रेस-वे पर रास्ता दे रहा है लेकिन जब तक ग्रीनफ़ील्ड से रास्ता नहीं मिलेगा एक्सप्रेस-वे का रास्ता अर्थहीन है।
सर्वसम्मति से पहले ही बन चुके है 3 सरपंच
सफीदों उपमंडल के 3 गांव ऐसे भी है जहां के ग्रामीणों ने आपसी सद्भाव दिखाते हुए अपने-अपने सरपंचों का चुनाव सर्वसम्मति से किया है। जिनमें गांव बड़ौद से राकेश कुमार, गांव नया सिवानामाल से रीना व पाजू खुर्द से निरंजन शामिल हैं। इन तीनों के सर्वसम्मति से चुने जाने के बाद जहां गांव में आपसी भाईचारा तो बढ़ा ही है साथ ही साथ सरकार की ओर से भी इन गांवों के विकास के लिए अतिरिक्त सहायता राशि उपलब्ध होगी।
फोटो कैप्शन 6.: पोलिंग बूथ पर प्रथम बार वोट डालने आया गांव सिंघपुरा का यश सैनी अपनी वोटर पर्ची दिखाते हुए।
फोटो कैप्शन 7.: अपनी वोटिंग पचखर््ी दिखाते हुए गांव खेड़ा खेमावती के निवासी 86 वर्षीय गणपत राम।
फोटो कैप्शन 8.: गांव बुढ़ाखेड़ा के पोलिंग बूथ पर वोट करने के बाद अपने पारिवारिक सदस्य के साथ बाहर आते हुए 100 वर्षीय प्यारे लाल।
फोटो कैप्शन 9.: अपने बेटे व बहु के साथ वोट करने आई गांव खेड़ा खेमावती की 90 वर्षीय कस्तुरी देवी।
फोटो कैप्शन 10.: अपनी बारी की इंतजार में खड़े मतदाता।
फोटो कैप्शन 11: वोट करने के पोलिंग बूथ पर आता हुए एक दिव्यांग।