कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का कहना है कि मनुस्मृति देश के 95% लोगों को 5% लोगों का गुलाम मानती है।
कर्नाटक के CM सिद्धारमैया का कहना है कि संविधान का विरोध करने वाले लोगों से सावधान रहने की जरूरत है। ये वो ताकतें हैं जो संविधान को नष्ट करके मनुस्मृति को फिर से लागू करना चाहती हैं।
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सिद्धारमैया ने यह भी कहा कि मनुस्मृति लागू करने का मतलब है कि इस देश की 95% आबादी गुलामों के रूप में रहेगी। लोकतंत्र और संविधान इसी व्यवस्था के खिलाफ सबसे अच्छी ढाल हैं।
शुक्रवार 15 सितंबर को इंटरनेशनल डेमोक्रेसी डे पर संविधान की प्रस्तावना के सामूहिक पाठ किया गया। यह कार्यक्रम बेंगलुरु विधान सौधा में हुआ। इस इवेंट में स्टूडेंट्स समेत लगभग 1.5 करोड़ लोगों ने हिस्सा लिया।
संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पाठ करते कर्नाटक के CM और डिप्टी CM।
सिद्धारमैया ने स्टूडेंट्स से कहा कि कम से कम संविधान की प्रस्तावना पढ़ने और इसके सिद्धांतों को खत्म करने के लिए विरोधी ताकतों की कोई कोशिश कामयाब न होने दें। अगर लोकतंत्र बचेगा तो हम बचेंगे। संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा। इसलिए, लोकतंत्र और संविधान की रक्षा करना इस देश के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।
सरकारी स्कूलों में प्रस्तावना पढ़ना अनिवार्य
कर्नाटक सरकार ने सभी स्कूलों के लिए प्रस्तावना पढ़ना अनिवार्य कर दिया है। सिद्धारमैया ने कहा- हम बच्चों को हमारे संविधान के सार के बारे में जागरूक करने के लिए सभी स्कूलों में प्रस्तावना को पढ़ना लागू कर रहे हैं।
सिद्धारमैया ने कहा कि संविधान के सबसे बड़े उद्देश्यों में से एक अभी हासिल नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, “जब तक हम संविधान के सिद्धांतों को समझने और उसके अनुसार जीने में विफल रहेंगे, इस देश में समानता पर आधारित समाज का विकास करना बेहद मुश्किल होगा।”
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