ब्रिटेन का विक्टोरिया और अल्बर्ट (V&A) संग्रहालय अगले हफ्ते महाराष्ट्र सरकार के साथ एक MoU साइन करने वाला है। जिसके बाद 17वीं सदी का शिवाजी महाराज का बाघ नख हथियार एक प्रदर्शनी के लिए भारत लाया जाएगा।
महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार बाघ नख लेने के लिए 3 अक्टूबर को ब्रिटेन जाएंगे। रिपोर्ट्स में यह कहा गया है कि यह 3 साल के लिए भारत आ रहा है। पहले वे इसे अफजल खान की हत्या की तारीख 10 नवंबर को भारत लाने पर विचार कर रहे थे।
बाघ नख के बारे में यह मशहूर है कि यह छत्रपति शिवाजी महाराज का था। 1659 की लड़ाई के दौरान शिवाजी महाराज धातु के पंजे या बाघ नख को अपने हाथ में छुपाए हुए थे। इसी से उन्होंने अफजल खान की आंतें बाहर निकाल दी थीं।
प्रवक्ता ने कहा-अगले हफ्ते MoU पर साइन हो सकते हैं
म्यूजियम के प्रवक्ता ने कहा, “विक्टोरिया और अलबर्ट म्यूजियम MoU साइन करने के लिए करने तैयार है। हमें खुशी है कि शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350वीं जयंती पर वाघनख भारत जाएगा। जहां कई जगह उसकी प्रदर्शनी होगी। इस MoU पर मंगलवार पर साइन होने की उम्मीद है। इसे इस साल के आखिर में निश्चित समय के लिए भारत भेजे जाने की उम्मीद है।”
ब्रिटेन के म्यूजियम में मौजूद बाघनख और शिलालेख।
म्यूजियम में बाघ नख से जुड़ी ये बातें लिखी हैं…
- म्यूजियम के बोर्ड में लिखा है- शिवाजी का ‘बाघ नख’ जिसके साथ उन्होंने मुगल सेना के जनरल को मार डाला। इसे ईडन के जेम्स ग्रांट-डफ को तब दिया गया था जब वह मराठों के पेशवा के प्रधानमंत्री के तहत सतारा में रहते थे।
- एक और डिस्क्रिप्शन में यह भी लिखा गया है कि मराठों के अंतिम पेशवा (प्रधानमंत्री) बाजी राव द्वितीय ने तीसरे अंग्रेज-मराठा युद्ध में हार के बाद जून 1818 में अंग्रेजों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। उन्हें कानपुर के पास बिठूर में भेज दिया गया।
- संभव है कि उसने यह हथियार ग्रांट डफ को भी सौंप दिया हो। यह सत्यापित करना संभव नहीं है कि ये बाघ के पंजे वही हैं जिनका इस्तेमाल शिवाजी ने लगभग 160 साल पहले किया था।
बाघ नख पर शिवसेना और BJP आमने-सामने
- संजय राउत बोले- शिवाजी का असली बाघ नख शिवसेना: यह बाघ नख का अपमान है। शिवाजी की असली बाघ नख तो शिवसेना है। यह हथियार तीन साल के लिए भारत आ रहा है। आप उस हथियार को लाकर क्या करेंगे जिसका इस्तेमाल महाराष्ट्र के स्वाभिमान और अखंडता की रक्षा के लिए किया गया था? आपने तो राज्य को दिल्ली का गुलाम बना दिया है।
- आदित्य ठाकरे ने कहा- बाघ नख यहीं रहेगा या उधार लिया है महाराष्ट्र लाया जा रहा बाघ नख यहीं रहेगा या उधार लिया गया है। और क्या शिवाजी महाराज का ही था, या केवल उस समय का है।
- देवेन्द्र फड़णवीस बोले- अपमानजनक सवाल पूछा शिवसेना का इतिहास रहा : बाघ नख की प्रामाणिकता पर शिवसेना (UBT) के आदित्य ठाकरे के सवालों को बचकाने और जवाब देने लायक नहीं हैं। शिवसेना का इस तरह के अपमानजनक सवाल पूछने का इतिहास रहा है।
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इसी से धोखेबाज अफजल खान का सीना चीरा था
छत्रपति शिवाजी महाराज का यह पोट्रेट लंदन के ब्रिटिश म्यूजियम में रखा है।
अनुवाद प्रतियोगिता में छात्रा विरल प्रथम
छत्रपति शिवाजी महाराज सैनिकों के साथ किले में बैठकर अफजल खान का इंतजार कर रहे थे। अफजल खान ने किले में दाखिल होते ही उसने शिवाजी को गले लगाया और कटार से उनपर हमला कर दिया। शिवाजी ने अफजल खान की कमर को जकड़ा और पेट में ‘बाघ नख’ घुसा दिया। प्रहार इतना तेज था की अफजल खान की मौत हो गई