एस• के• मित्तल
जींद, उपायुक्त डॉ मनोज कुमार ने कहा कि लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विद्यार्थियों में कड़ी मेहनत, लग्र तथा अनुशासन का होना आवश्यक है इन सबकों आत्मसात करके ही उचें से उंचा मुकाम हासिल किया जा सकता है। विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य एवं मार्गदर्शन के लिए जिला प्रशासन द्वारा बुधवार को स्थानीय राज महल होटल में कैरियर काउंसलिंग शिविर का आयोजन किया गया।
जींद, उपायुक्त डॉ मनोज कुमार ने कहा कि लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विद्यार्थियों में कड़ी मेहनत, लग्र तथा अनुशासन का होना आवश्यक है इन सबकों आत्मसात करके ही उचें से उंचा मुकाम हासिल किया जा सकता है। विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य एवं मार्गदर्शन के लिए जिला प्रशासन द्वारा बुधवार को स्थानीय राज महल होटल में कैरियर काउंसलिंग शिविर का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में जिला के विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलों के 9वीं कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के लगभग 1200 बच्चों ने भाग लिया। उपायुक्त डाॅ मनोज कुमार द्वारा जिला एवं दूसरे जिला से आईएएस, आर्मी ऑफिसर, एचसीएस अधिकारी को इस कार्यक्रम में बुलाया गया एवं विद्यार्थियों से रूबरू करवाया गया। अधिकारियों ने विद्यार्थियों द्वारा कैरियर को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब दिए एवं करियर सम्बंधी उनके सही मार्ग को लेकर जानकारी दी।
उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि उन्हें अपने जीवन में अपनी पसंद का कैरियर चुनकर लक्ष्य निर्धारित कर अपने आत्मविश्वास को बढ़ाना चाहिए। कई बार विद्यार्थी पढ़ते रहते है लेकिन अपना लक्ष्य निर्धारित नहीं करते, जिससे उनको सफलता काफी लम्बे समय के बाद प्राप्त होती है और नही भी होती। उन्होंने बताया कि सफल होने के लिए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी जरूरी है, इसके लिए समय निर्धारित कर कठिन परिश्रम, जज्बा, विषय वस्तु एवं स्पीड के साथ टाईम टेबल बनाकर निरंतर एक ही दिशा में कार्य करते रहने से सफलता मिलती है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद जी के एक वाक्य को दोहराते हुए कहा कि जब तक लक्ष्य की प्राप्ति नहीं होती तब तक हमें रूकना नहीं चाहिए और निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए।
उन्होंने हार्ड वर्क की बजाए स्मार्ट वर्क पर जोर दिया। उन्होंने विद्यार्थियों को कहा कि वे किसी कारणवश पढाई में पिछड़ने पर अपनी गर्मी की छुट्टियों का फायदा उठाया और अपने अधुरी पढाई को पूरा कर समय का फायदा उठाना चाहिए। उन्होंने अवकाशों का सदुपयोग कर अन्य बच्चों से आगे निकलने का सही अवसर बताया। उपायुक्त ने विद्यार्थियों को सुझाव देते हुए कहा कि वे अपने भविष्य के बारे में अपने अभिभावकों एवं अपने अध्यापक से समय-समय पर जरूर परामर्श करें। उन्होंने बताया कि कोई भी लक्ष्य छोटा नहीं होता। उन्होंने सभी स्कूल संचालको से कहा कि वे अपने स्कूल के पूर्व छात्र जो सम्मानित पदो पर चयनित है, को समय-समय पर अपने स्कूलों में बुलाकर उनके अनुभवों को सांझा करवाएं ताकि अन्य विद्यार्थियों को इससे प्रेरणा एवं मार्गदर्शन मिल सके।
उन्होंने स्कूल प्रशासन को कहा कि वे अपने स्कूल के अन्दर एक-एक कैरियर क्लब बनाएं जहां पर विद्यार्थियों को अपने कैरियर से सम्बंधी उचित मार्गदर्शन मिल सकें। उन्होंने अपने अनुभवों को सांझा करते हुए बताया कि हमें अपने आसपास नकारात्मक सोच के व्यक्तियों से दूरी बनानी चाहिए। टीवी सिरियल एक टाईम पास करने का साधन होता है, विद्यार्थी जीवन में पढाई को लेकर टाईम की कीमत समझें, मोबाईल को सिर्फ 5 प्रतिशत पढाई के लिए प्रयोग किया जा सकता है बाकि का समय किसी अन्य विषयों पर खर्च होता है। का विषय एवं कैरियर एवं समय को बर्बाद करने वाली मोबाईल, वीडियो गेम, टेलिविजन, सोशल मीडिया जैसी चीजों से बचना चाहिएं। उपायुक्त डाॅ मनोज कुमार ने विद्यार्थियों को बताया कि वे अपने कीमती समय की बचत करें एवं उसे व्यर्थ की बातों में न लगाएं, उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि सपने एक दिन में पूरे नहीं होते उनके लिए निरंतर प्रयास करने पड़ते हैं।
हमें यह तो पता है कि हमें क्या बनना है, लेकिन कैसे बनना यह मालूम नहीं है। उन्होंने छात्रों को बताया कि आपके जीवन में महत्वपूर्ण क्या है यह जानना बहुत जरूरी है। इस दौरान उन्होंनेे बच्चों को बताया कि आप भाग्यशाली हैं कि आपकी काउंसलिंग होती है और आप उसकी सहायता से अपना सर्वश्रेष्ठ क्षेत्र का चुनाव कर सकते हैं, हमारे समय में ऐसा नहीं था। उन्होंने बताया कि कैरियर चुनाव से पहले कुछ फैक्टर का जानना अति आवश्यक है, जिनमें वेतन, इज्जत, जॉब, कारण, सिक्योरिटी, प्लेजर टाइम, हेल्थ ईशू, आत्मविश्वास व परिस्थिति आदि शामिल हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से मार्गदर्शन व काउंसलिंग में बताए गए बिंदुओं को अपनाकर जीवन सफल बनाने के लिए प्रयासरत रहने के लिए प्रेरित किया। उपायुक्त ने कहा कि विद्यार्थी को सफल होने के लिए स्वयं के लिए ईमानदार बनने की जरूरत है,इसके लिए स्वयं की स्टडी करें,अपने भीतर झांक कर देंखे और अवलोकन करें कि आज कितने घंटे पढ़ाई की है। विद्यार्थी को सफलता के लिए दो वर्ष में कम से कम 5 हजार घंटे एकाग्रता के साथ पढाई करने की जरूरत है। अपने करियर के लिए रोडमैप बनाकर काउंसलिंग के लिए बुकचार्ट तैयार करें ताकि किसी भी विषय के लिए अपनी कमजोरी पहचान सकें। इसके लिए अपना एक अच्छे आचरणों वाले व्यक्ति को अपना रोल मॉडल भी बना सकते है। बच्चे अपने अभिभावकों व अध्यापकों तथा काउंसलरों के साथ सलाह करें कि मुझे इस क्षेत्र में जाने के लिए क्या करना होगा।
शिविर में जींद के एसडीएम ने अपने जीवन के अनुभवों को सांझा करते हुए बताया कि मैने अपनी शिक्षा सरकारी स्कूल से ही की है, पढाई के दौरान मै क्लास का टोपर न रहकर औसत विद्यार्थी रहा हूं। लेकिन मेरे अंदर शुरू से जज्बा था कि मै एमबीबीएस डॉक्टर बनु। एक दो बार में मैने डाक्टर के लिए अपनी पढाई उर्तीण की। इसके बाद यूपीएससी के लिए जुनून हो गया और मैने आईपीएस परीक्षा को उर्तीण किया लेकिन फिर भी मेरा मन शांत न रहा और तीसरी बार में मैने आईएएस की परीक्षा पास की जिसकी बदौलत आज में आपके बीच में हूै। उन्होंने करियर सम्बंधी विद्यार्थियों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब भी दिये। इस अवसर पर लोहारू के एसडीएम दीपक बाबू लाल कारवा आईएएस ने भी अपने जीवन के अनुभवों को साझा किया। इस अवसर पर नगराधीश अमित कुमार, एनसीसी जींद के प्रशासनिक अधिकारी एवं कर्नल आर के गोयत, उपनिदेशक अमित कुमार पंवार, मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी अनिल मलिक ने भी मौजूद विद्यार्थियों को करियर सम्बंधी अपने-अपने सुझाव दिये और उन द्वारा रखे गए सवालों के जवाब दिये।