मेडिकल काॅलेज के बाहर का दृश्य।
कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कालेज में छात्राओं के यौन उत्पीड़न के मामले में आंतरिक जांच कमेटी की बैठक टल गई। विधानसभा कमेटी के सवालों से डरे जांच कमेटी के सदस्यों ने समीक्षा बैठक को टालने का आग्रह किया था। जिसे फिलहाल विधानसभा कमेटी ने मान तो लिया, लेकिन चेतावनी भी दी, मामले में हीलाहवाली बर्दाश्त नहीं होगी।
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इस मामले में जांच पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए। खुद पर सवाल उठता देख कॉलेज की जांच कमेटी कुछ चुस्त नजर आई। ओटी में फेरबदल करते हुए चिकित्सकों की तैनाती कर दी गई है। सोमवार को ऑपरेशन थिएटर विभाग में चार असिस्टेंट प्रोफेसर के कामकाज में फेरबदल कर दिया गया है। बरौंदा से कांग्रेस विधायक विधायक इंदू राज नरवाल ने पुष्टि करते हुए कहा कि अब प्रबंधन की बैठक होगी। इसमें मामले पर चर्चा की जाएगी।
मामले को हल्के में नहीं लिया जाएगा
भले ही समीक्षा बैठक टल गई हो, लेकिन विधायक इंदूराज नरवाल ने स्पष्ट कर दिया कि इस मामले को हल्के में नहीं लिया जाएगा। अभी तक की प्रक्रिया से लग रही नहीं जांच का काम गंभीरता से चल रहा है। इससे समझ सकते हैं कि कॉलेज प्रशासन किस तरह से काम कर रहा है। पहले तो छात्राओं को सुरक्षित माहौल नहीं दे पाए, अब विधानसभा कमेटी को भी भ्रमाने की कोशिश हो रही है।
कमेटी में शामिल विधायक इंदूराज नरवाल।
इसलिए समीक्षा बैठक में जाने से आनाकानी कर रही कालेज कमेटी
अभी दस दिन की जांच हो चुकी है, लेकिन आरोपी OT ट्रेनर के एक बार भी बयान सही से नहीं हो पाए है। क्यों? इस सवाल का जवाब न तो कॉलेज के डायरेक्टर जगदीश दूरेजा के पास है और न कमेटी के सदस्यों के पास है। बयान न लेना दर्शा रहा है कि उसे बचाने के रास्ते खोजे जा रहे हैं। क्योंकि यदि एक बार लिखित में बयान आ जाता है तो फिर आरोपी का बचना मुश्किल हो सकता है। इसलिए बयान जानबूझ कर टाले गए। इधर पीड़ित छात्राओं से बयान पर बयान लिए जा रहे हैं। इसे विधानसभा कमेटी पीड़ित छात्राओं पर दबाव की प्रक्रिया मान रही है।
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आरोपी को बचाने की जा रही कोशिश
पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट की एडवोकेट व महिला अधिकार कार्यकर्ता आरती अग्रवाल ने बताया कि निश्चित ही आरोपी को बचाने की कोशिश हो रही है। उसके बयान अभी तक क्यों नहीं लिए गए। यह जांच कमेटी भेदभाव कर रही है। इसे भंग कर जांच पुलिस को सौंपनी चाहिए। इसके साथ ही कमेटी के सदस्य क्यों आरोपी के प्रति नरमी बरत रहे हैं, इसकी भी जांच होनी चाहिए।
छात्रों से बातचीत करती निरीक्षण के लिए मेडिकल कॉलेज आई कमेटी की फाइल फोटो।
जिसे दम पर OT ट्रेनर मनमानी कर रहा था, अब वह HOD बचने के लिए भिड़ा रही जुगत
एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डा. फोजिया रहमान खान के दम पर OT ट्रेनर पवन कुमार मनमानी कर रहा था वह छात्राओं के फोन तक अपने ऑफिस में रखवाता था। पीड़ित छात्राओं ने विभाग की HOD डाक्टर फोजिया पर भी सवाल खड़ा किए। लेकिन जब इन सवालों की बाबत उनसे संपर्क किया तो वह इधर उधर की बातें कर मुख्य मुद्दे से भटकाने की कोशिश करती है। उन्होंने कहा कि OT ट्रेनर हाजिरी लेता था, लेकिन लिखित आदेश हैं या नहीं ये बात उनकी जानकारी में नहीं है। अब सवाल यह उठ रहा है कि जब HOD को यह तक नहीं पता कि हाजिर कौन और क्यों ले रहा है? फिर विभाग में उनके होने या न होने के मायने क्या?
चार सीनियर छात्राओं ने भी लगाए आरोप
कालेज में छात्राओं का उत्पीड़न इस साल ही नहीं इससे पहले साल में भी होता रहा है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब चार सीनियर छात्राओं ने भी इस तरह के आरोप लगाए हैं। इससे साबित हो रहा है कि कॉलेज में लड़कियों के लिए लंबे समय से असुरक्षित माहौल बना हुआ था। उधर दूसरी ओर पीड़ित छात्राओं से अब अकेले अकेले पूछताछ हो रही है। इसका उन्होंने विरोध किया है। उनका कहना है कि यह दबाव बनाने की कोशिश है। जांच कमेटी उन पर मनोवैज्ञानिक दबाव बना कर मनमाने तरीके से बयान दिलवाना चाह रही है।
यूं ही जांच होती रही तो छात्राओं को मिल चुका इंसाफ: आरती
आरती अग्रवाल ने बताया कि यदि जांच का तरीका यह है तो पीड़ित छात्राओं को इंसाफ नहीं मिल सकता। क्योंकि जो कमेटी विधानसभा का भी सम्मान नहीं कर रही है, इससे उनके कामकाज के तरीके को समझा जा सकता है। न तो आरोपी OT से पूछताछ हुई, न ही अभी तक HOD डा. फोजिया रहमान से। यह जांच के नाम पर मजाक हो रहा है। जांच का यह तरीका कतई सही नहीं है। आरती ने मांग की कि कॉलेज के डायरेक्टर, डॉ. फौजिया रहमान का भी जबरन अवकाश पर भेजा जाना चाहिए। ऐसा लग रहा है कि किसी ने किसी स्तर पर जांच को दबाने या प्रभावित करने की कोशिश हो रही है।
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जांच को हो चुके दस दिन
कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कालेज में निरीक्षण के लिए आई विधानसभा की विधायक कमेटी को छात्राओं ने 21 जनवरी को अपनी शिकायत सौंपी थी। विधायक कमेटी की चेयरपर्सन सीमा त्रिखा की ओर से कालेज की आंतरिक जांच कमेटी को जांच के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट विधायक कमेटी को सौंपेंगी। सात फरवरी को विधायकों की ओर से फाइनल बैठक और जांच रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी। दूसरी ओर, राज्य महिला आयोग भी मामले को लेकर गंभीर है। आयोग की ओर से DC-SP और कॉलेज प्रबंधन को पत्र लिख कर मामले की रिपोर्ट मांगी गई है।
छात्राओ को मिलेगा इंसाफ
कांग्रेस विधायक इंदूराज नरवाल ने बताया कि कॉलेज प्रबंधन कितने भी छात्राओं को दबाने के हथकड़े आपना ले। लेकिन हम बेटियों को न्याय दिला कर रहेगे। हमें सूचना मेडिकल कॉलेज से पल पल की सूचना मिल रही है। जांच कमेटी व प्रबंधन जितना भी ट्रेनर को बचाने की कोशिश कर लें। लेकिन अगर ट्रेनर दोषी पाया जाता है। सख्त कार्रवाई इस मामले में अमल में लाई जाएगी।