HC ने नाबालिग से रेप के आरोपी को जमानत दी: कहा- दोनों के बीच प्रेम संबंध था, लड़के की उम्र भी महज 26 साल है

 

बॉम्बे हाईकोर्ट ने 13 साल की लड़की से रेप के आरोपी महाराष्ट्र के 26 साल के लड़के को जमानत दे दी है। कोर्ट ने कहा है कि दोनों का अफेयर चल रहा था। उनके बीच शारीरिक संबंध प्रेम के चलते था, वासना के चलते नहीं।

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हाईकोर्ट जज उर्मिला जोशी-फालके ने कहा कि लड़की भले ही नाबालिग थी, लेकिन उसने पुलिस को बताया था कि वह अपनी मर्जी से अपना घर छोड़कर आरोपी नितिन धाबेराव के साथ रहने गई थी। इसके अलावा हमें ये भी देखना होगा कि आरोपी की उम्र भी सिर्फ 26 साल है।

कोर्ट ने आदेश में कहा कि ऐसा लगता है कि जिस सेक्शुअल रिलेशनशिप की यहां बात हो रही है, वह दो लोगों के बीच आकर्षण के चलते हुआ, न कि लड़के ने अपनी वासना के चलते विक्टिम के साथ जोर-जबरदस्ती की।

लड़के के साथ रहने के लिए घर से भागी थी नाबालिग लड़की
अगस्त 2020 में लड़की के पिता ने लड़की की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई थी। जब पुलिस ने लड़की को ढूंढ निकाला तो उसने बताया कि वह आरोपी के साथ रिलेशनशिप में है, इसलिए अपना घर छोड़ आई है। उसने पुलिस को बताया कि आरोपी ने उससे शादी करने का भी वादा किया था इसलिए वह घर से गहने और रुपए चुराकर भागी थी और उसके साथ रह रही है।

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पति के चरित्र पर झूठा आरोप तलाक का आधार:हाईकोर्ट ने कहा- पत्नी अगर पति पर विवाहेत्तर संबंध के बेबुनियाद आरोप लगाए तो यह क्रूरता

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर कोई महिला अपने पति पर एक्स्ट्रामैरिटल अफेयर्स के झूठे आरोप लगाती है और उसे सबकी नजरों में वुमनाइजर यानी कई महिलाओं से अवैध संबंध रखने वाले के तौर पर पेश करती है, तो यह क्रूरता कहलाएगी। इसके आधार पर पति तलाक ले सकता है।

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आत्महत्या का प्रयास, दोष पति-ससुरालवालों पर लगाना क्रूरता है:दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- पति को आत्महत्या करने की धमकी देना भी क्रूरता
दिल्ली हाईकोर्ट ने 9 जनवरी को कहा कि आत्महत्या का प्रयास करना और इसका दोष पति, उसके परिवार पर लगाना क्रूरता है। जस्टिस सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा- ऐसे मामलों में परिवार को झूठे केस में फंसाने का खतरा लगातार बना रहता है। सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि बार-बार आत्महत्या की धमकी देना या आत्महत्या का प्रयास करना क्रूरता

 

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