50 घंटे की मशक्कत के बाद मिला मजदूर सूरज का शव

शौकिंग टैंक के नीचे धान के ढेर में मिला शव
50 लोगों के संयुक्त ऑप्रेशन से निकाली गई डैडबॉडी
करनाल से बुलाया गया था विशेष कटर दस्ता

एस• के• मित्तल   
सफीदों,         नगर के हाट रोड़ पर स्थित एटीएस राईस मिल में दबे मजदूर का शव 50 घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद बुधवार सुबह निकाल लिया गया। मजदूर सूरज (24) का शव राईस मिल के शौकिंग टैंक में धान के नीचे दबा हुआ मिला। जहां उसका पैर एक एंगल के नीचे दब गया था। एंगल को काट कर सुरज के शव को बाहर निकाला गया। पुलिस ने शव को वहां से निकालकर सीधे नगर के नागरिक अस्पताल पहुंचाया, जहां पर डाक्टरों ने उसे मृत्त घोषित कर दिया। इस रैस्क्यू आप्रेशन में कई विभाग के अधिकारी व करनाल से लोहा काटने वाला विशेष दस्ता बुलाया गया था। बता दें कि हादसे के पहले दिन ही मजदूर नितिश का शव निकाल लिया गया था।

क्या था मामला
मंगलवार रात को नगर के हाट रोड़ स्थित एटीएस राईस मिल के शौकिंग टैंक का एक हिस्सा जमीन में धंस गया था। इस घटनाक्रम में शौकिंग टैंक पर काम कर रहे 5 मजदूरों में से 2 मजूदर नितिश व सूरज नीचे दब गए थे। जिस वक्त यह हादसा हुआ उस वक्त राईस मिल में एक बड़ा बलास्ट हुआ। सुबह तक इस मामले की भनक किसी को नहीं लगी। रात में मिल प्रबंधन ने मामले की सूचना प्रशासन व पुलिस को नहीं दी। सुबह किसी बाहरी व्यक्ति ने इस घटनाक्रम की सूचना सफीदों प्रशासन व पुलिस को दी। प्रशासन के आलाधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जेसीबी मशीन व के्रनों के माध्यम से रेस्क्यू चलाया। इस रेस्क्यू में पहले दिन ही नितिश का शव तो निकाल लिया गया था लेकिन सूरज नहीं मिला था। सूरज को तलाशने के लिए प्रशासन व पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। 50 घंटे की दौड़-धूप के बाद सूरज का शव बरामद कर लिया गया।

प्लाट को काटकर निकाला गया सूरज का शव
पहले दिन की काफी दौड़धूप के बाद भी सूरज बरामद नहीं हुआ। थक हारकर प्रशासन ने मौके पर करनाल से वैल्डरों का विशेष दस्ता बुलाया। इस दस्ते ने घटनास्थल पर आकर अपनी कार्रवाई शुरू की। इस टीम ने प्लाट का एक हिस्सा वैल्डिंग व अन्य साजो सामान के साथ काटकर अलग किया। इस कार्य में इस टीम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इस टीम में करीब 50 लोग काम कर रहे थे। प्लांट की ऊंचाई काफी अधिक होने के कारण टीम के सदस्यों को बड़ी-बड़ी के्रन मशीनों के माध्यम से ऊपर ले जाया गया।

हाई रिस्क में काम करते हुए इस टीम ने प्लाट को ऊपर से काटा। प्लांट की ऊपर से ऊंचाई कम करने के उपरांत शौकिंग टैंक में भरी धान को हटाया गया तो सबसे नीचे सूरज का शव बरामद हो गया। प्लांट को काटने वाली टीम के सदस्य राजन ने बताया कि टीम को इस कार्य में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। एक बार तो वे भी घबरा गए थे लेकिन मानवता की खातिर वे इस काम में लगे हुए थे। आखिरकार युवक सूरज की बॉडी निकाल पाने में सफलता हासिल हो गई।

गलत दिशा में चलता रहा रेस्क्यू
इस घटनाक्रम रेस्क्यू गलत दिशा में ख्चलता रहा। दबे हुए मजदूरों के साथ काम कर रहे अन्य 3 मजदूर काफी सहम गए थे और वे हादसे की सही लोकेशन नहीं दे पाए। सही लाकेशन नहीं मिलने के कारण प्रशासन व रेस्क्यू टीम अंदाजे के अनुसार प्लांट के पश्चिमी छोर पर लगा रही। जिसकी वजह से इस ऑप्रेशन में इतना लंबा समय लग गया। टीम पश्चिख्म छोर पर  लगी रही लेकिन शव शौकिंग टैंक के नीचे धान के नीचे दबा हुआ मिला। अगर पहले ही प्लांट से धान को खाली कर लिया जाता तो सूरज को जल्द ही बरामद कर लिया जाता।

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शव मिलते ही मचा कद्रंन
सूरज की तलाश में परिवार के लोगों की आंखे भी पथरा गई थी। वे बिना सोए अपने लाल के मिलने का इंतजार कर रहे थे। हालांकि सूरज के जिवित मिलने की संभावनाएं ना के बराबर थी लेकिन परिवार उसके जिवित मिलने की इंतजार में प्लांट की ओर टकटकी लगाए हुए देख रहा था। जैसे ही बुधवार सुबह सूरज का शव बरामद हुआ मौके पर कंद्रन मच गया। परिवार की महिलाओं व अन्य सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल था। परिवार की महिलाएं सूरज के शव की ओर बार-बार दौड़ पड़ रही थी लेकिन पुलिस व अन्य लोगों ने उन महिलाओं को किसी तरह से संभाला। पुलिस ने शव को मौके से उठवाकर एंबूलेंस के माध्यम से नगर के नागरिक अस्पताल में पहुंचाया। बता दें कि सूरज बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखता था। सूरज की शादी इसी वर्ष फरवरी माह में हुई थी। इस मिल में वह पिछले 6-7 महीने से यहां कार्यरत था। वह चार बहनों पर इकलौता भाई था।

की गई इत्तफाकिया कार्रवाई
यह हादसा रात को करीब 3 बजे हुआ था लेकिन सुबह 9 बजे तक किसी ने भी इस जानकारी प्रशासन व पुलिस को नहीं दी। अगर समय रहते इसकी जानकारी अधिकारियों को मिल जाती और रेस्क्यू उसी समय शुरू किया जाता तो हो सकता था कि इन मासूम मजदूरों की जान बचाई जा सकती थी। हादसे के पहले दिन इस मिल का कोई वालीवारिश मौके पर मौजूद नहीं था। मौके पर केवल मिल के छोटे कर्मचारी मौजूद थे और वे भी इस सारे प्रकरण से टलते हुए नजर आ रहे थे। यहां के सुपरवाईजर मोहम्मद फरहान ने इसे एक यह कुदरती हादसा करार दिया था। इस सारे घटनाक्रम में पुलिस ने केवल 174 की कार्रवाई की गई है।
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दोनों मजदूरों को निकाल लिया गया है: एसडीएम सत्यवान मान
इस घटनाक्रम को लेकर एसडीएम सत्यवान सिंह मान ने बताया कि एटीएस राइस मिल हादसे में दबे हुए दोनों मजदूरों को निकाल लिया गया है। दोनों मजदूरों की पहचान सूरज (24) निवासी कुरई बेगूसराय बिहार तथा नीतीश (20) निवासी कपूरी चौक समस्तीपुर बिहार के रूप में हुई है। दोनों शवों का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया गया है। एसडीएम ने बताया कि एनडीआरएफ, प्रशासन, पुलिस, करनाल की वैल्डिंग टीम व अन्य टीमों के संयुक्त प्रयास से रेस्क्यू आप्रेशन को पूरा किया गया है।

क्या कहते हैं सदर थाना प्रभारी
इस मामले में सदर थाना प्रभारी राजेश कुमार ने कहा कि दूसरे मजदूर सूरज का शव बरामद कर लिया गया है। शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया गया है। परिवार के लोगों ने अपने ब्यान में इसे हादसा बताया है। परिवार के लोगों के ब्यान के आधार पर 174 की कार्रवाई की गई है।

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