हरियाणा के 4 विधायकों को धमकी देकर फिरौती की मांग करने वाले गिरोह का कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई या गोल्डी बराड़ से कोई संबंध नहीं है। STF ने रविवार को मुंबई और बिहार से 6 बदमाशों की गिरफ्तारी के बाद खुलासा किया कि विधायकों को धमकी देने और फिरौती की कॉल न तो किसी आपराधिक गैंग ने की है और न ही कि किसी आतंकी संगठन ने की है, बल्कि यह एक प्रोफेशनल आर्थिक फ्रॉड करने वालों के चालाक गैंग की करामात है। पाकिस्तान में 10 लोग बैठे हैं, जो वहां से धमकी दे रहे थे। पैसे डालने के लिए अकाउंट नंबर पूछकर एसटीएफ ने इनको जाल में फंसाकर काबू किया।
Samsung Galaxy Z Fold 4, Galaxy Z Flip 4 अब प्री-ऑर्डर के लिए उपलब्ध: कितने में प्री-बुक करें
ये है मामला
बता दें कि 26 जून से 28 जून तक प्रदेश के 4 विधायकों सोनीपत के सुरेंद्र पंवार, सफीदों के सुभाष देशवाल, सोहना से संजय सिंह और साढ़ौरा से रेणु बाला को दुबई और पाकिस्तान के मोबाइल नंबरों से जान से मारने की धमकी व पैसे वसूली के लिए फोन आए थे। इस पर अलग-अलग एफआरआई दर्ज की गई थी। इनकी डीजीपी पीके अग्रवाल ने एसटीएफ को दी। एसटीएफ ने जांच की तो सामने आया की ये मिडल ईस्ट देशों के नंबर हैं और पाकिस्तान में बैठकर ऑपरेट किए जा रहे हैं। यही नहीं पंजाब के पूर्व विधायकों को भी इन्हीं नंबरों से धमकी दी गई। सभी विधायकों से अलग-अलग भाषा से बातचीत की गई। जैसे पंजाबी या अन्य भाषा प्रयोग की गई।
आरोपियों से बरामद बैंक पासबुक, मोबाइल फोन और एटीएम।
15 दिन तक चला ऑपरेशन
IGP STF सतीश बालन द्वारा इन सभी मुकदमों की तफ्तीश के लिए STF के SP सुमित कुमार के नेतृत्व में SIT गठित की गईं। जिसमें STF के DSP संदीप धनखड़ और सुरेंद्र किन्हा के नेतृत्व में सभी STF यूनिटों की टीमें तैयार की गईं। करीब 15 दिन चले इस ऑपरेशन को DGP हरियाणा पीके अग्रवाल द्वारा व्यक्तिगत तौर पर मॉनिटर किया गया। इस विषय में पुलिस महानिदेशक, हरियाणा के द्वारा सेंट्रल एजेंसी की भी मदद ली गई। STF के द्वारा इन सभी मोबाइल नंबरों व आईपी एड्रेस का तकनीकी विश्लेषण किया गया। इस दौरान सेंट्रल एजेंसी का भी सहयोग लिया गया। इस तकनीकी विश्लेषण में करीब 5 टीमों ने अलग-अलग कार्य किया।
मुंबई और बिहार से 6 आरोपी गिरफ्तार किए
इस कड़ी में काम करते हुए STF द्वारा एक प्लान तैयार किया गया। STF ने एक सुनियोजित प्लान के तहत आरोपियों को पैसें देने के लिए उनके खाता नंबर और मोबाइल नंबर मांगें। उन खाता नंबरों को ट्रैस करने के लिए 2 अलग-अलग टीमों ने मुंबई और बिहार में रेड की गई।
मुंबई से 2 आरोपी गिफ्तार
टीम ने मुंबई से दुलेश आलम निवासी गांव दमावरा जिला बेतिया, बिहार और बदरे आलम निवासी गांव बिगरा जिला बस्ती यूपी को गिरफ्तार किया। इनके कब्जे से करीब 20 पास बुक-चैक बुक और इनके 18 ATM, 14 फर्जी सिम, 1 डायरी और 5 मोबाइल फोन बरामद किए।
बिहार से गिरफ्तार 4 आरोपी
इसी तरह मुज्जफरपुर बिहार से अमित यादव उर्फ राधेश्याम कुमार यादव निवासी गांव हजियापुर जिला गोपालगंज बिहार, सद्दीक अनवर निवासी गांव तुरकोलिया जिला मोतीहारी बिहार, सनोज कुमार पुत्र महेश पंडित निवासी गांव पोरखरेरा जिला मुजफरपुर बिहार और कैश आलम निवासी गांव दमौरा जिला बेतिया बिहार को गिरफ्तार किए।
पासबुक, चेक बुक, मोबाइल और एटीएम बरामद
गिरफ्तार आरोपियों से 2 पासबुक, चेक बुक, 2 डायरियां, 1 रजिस्ट्र, 42 मोबाइल सिम,19 मोबाइल फोन, 37 ATM कार्ड बरामद किए। अब तक आरोपियों से 55 ATM कार्ड, 24 मोबाइल फोन, 56 मोबाइल सिम, 22 पासबुक, चेक बुक, 3,97,000 रुपए, एक गाड़ी और 3 डायरियां बरामद की हैं।
गरीबों को बनाते थे निशाना
ये आरोपी गरीबों से संपर्क करके उनको लालच देकर( 15/20 हजार रुपए तक) उनका बैंक में खाता खुलवाकर उस खाते की सारे कागजात (बैंक पासबुक, चैक बुक, एटीएम कार्ड, एटीएम पासवर्ड) अपने पास रख लेते थे। साथ ही हर खाते को ऑपरेट करने के लिए फर्जी सिम कार्ड खरीद लेते थे। छापामारी के दौरान मुंबाई पुलिस क्राइम ब्रांच, STF बिहार और बिहार पुलिस का सहयोग मिला। जांच के दौरान इन आरोपियों से करीब 10 ऐसे पाकिस्तान में रहने वाले व्यक्तियों का पता लगा, जिनके द्वारा धमकियां दी जाती थी और एक्सटॉर्शन का पैसा मंगवाया जाता था।
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि सभी धमकियां व फिरौती कॉल न तो किसी आपराधिक गैंग की हैं और न ही कि किसी आतंकी संगठन की। यह एक प्रोफेशनल आर्थिक फ्रॉड करने वालों का बहुत चालाक गैंग है। जिनके साथी पाकिस्तान औक मिडल ईस्ट व भारत में बैठे हुए हैं। विदेश बैठे अपराधी धमकी देकर, कौन बनेगा करोड़पति या लॉटरी निकलने का लालच देकर लोगों से पैसे निकलवाते और दुलेष व अमित द्वारा दिए गए बैंक खातों में लोगों से पैसे डलवाते। दुलेष व अमित इन पैसों को या तो ATM से निकालकर या पाकिस्तान में बैठे अपराधियों द्वारा दिए गये भारतीय बैंक खातों मे डलवाते हैं।