हरियाणा में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। आंकड़ों के अनुसार, राज्य में महिला अपराध में 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। महिला अपराध से संबंधित एक साल में 3658 मामले ज्यादा दर्ज किए गए हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि इन मामलों में 1716 रेप के केस शामिल हैं।
NCRB रिपोर्ट में हैरानी जताई गई है कि वर्ष 2020 में 13 हजार मामले महिला अपराध के दर्ज किए गए थे, जो 2021 में बढ़कर 16658 पर पहुंच गए हैं। 2020 में 1373 की तुलना में 2021 में 1716 बलात्कार की घटनाएं शामिल हैं। घरेलू हिंसा के मामले में भी पिछले एक साल में 450 रिकॉर्ड किए गए हैं।
दिल्ली पहुंच रहीं शिकायतें
सबसे हैरानी की बात यह है कि राज्य में महिलाओं की शिकायतों के लिए हरियाणा राज्य महिला आयोग (HSCW) होने के बाद भी दिल्ली शिकायतें पहुंच रही हैं। 2022 में घरेलू हिंसा की सबसे अधिक 450 शिकायत राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) पहुंची। इसके साथ ही जीवन के अधिकार की 327 शिकायतें हरियाणा से दिल्ली पहुंची।
महिलाएं क्यों कर रही दिल्ली का रुख
हरियाणा की महिलाएं अपनी शिकायतों को लेकर दिल्ली का रुख क्यों कर रही हैं, यह बड़ा सवाल है। इस सवाल के पीछे की वजह को देखें तो यह बात सामने आई है कि पीड़ित को न्याय के लिए निष्पक्ष दृष्टिकोण है। इसके साथ ही NCR जिलों से दिल्ली की नजदीकी भी एक वजह बताई जा रही है। हालांकि HSCW दावा कर रहा है कि अभी तक की मिली शिकायतों में से 70 प्रतिशत शिकायतें निपटाई जा चुकी हैं।
हरियाणा में 70% घरेलू हिंसा के मामले
हरियाणा में घरेलू हिंसा के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। 1 जनवरी 2022 से दिसंबर 2022 तक हरियाणा राज्य महिला आयोग को 2246 शिकायतें मिलीं, इनमें 70 प्रतिशत शिकायतें घरेलू हिंसा या दहेज से जुड़ी हुई हैं। अन्य शिकायतों में महिला उत्पीड़न के मामले दर्ज किए गए हैं।
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