पालिका की कार्रवाई से रेहड़ी संचालकों में रोष
पालिका ने फैसला वापिस नहीं लिया तो देंगे धरना: रेहड़ी संचालक
एस• के • मित्तल
सफीदों, सफीदों के महाराजा अग्रसैन चौंक पर नगरपालिका प्रशासन द्वारा शनिवार दोपहर को यहां लगी सभी रेहडिय़ों को हटवा दिया। पालिका की इस कार्रवाई को लेकर रेहड़ी संचालकों में रोष देखने को मिला। रेहड़ी संचालकों ने साफ किया कि अगर पालिका ने अपना फैसला वापिस नहीं लिया तो वे इसी चौंक पर अपने परिवारों के साथ धरना देने को मजबूर होंगे।
सफीदों, सफीदों के महाराजा अग्रसैन चौंक पर नगरपालिका प्रशासन द्वारा शनिवार दोपहर को यहां लगी सभी रेहडिय़ों को हटवा दिया। पालिका की इस कार्रवाई को लेकर रेहड़ी संचालकों में रोष देखने को मिला। रेहड़ी संचालकों ने साफ किया कि अगर पालिका ने अपना फैसला वापिस नहीं लिया तो वे इसी चौंक पर अपने परिवारों के साथ धरना देने को मजबूर होंगे।
पालिका की इस कार्रवाई के विरोध स्वरूप आम आदमी पार्टी नेता नरेश जांगड़ा मौके पर पहुंचे और रेहड़ी वालों का साथ देने की बात कही। जैसे ही पालिका व पुलिस की टीम मौके पर पहुंची तो यहां पर चारो ओर अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया। मौके पर पहुंचे रेहड़ी वालो के साथ खड़े समाजसेवियों व नेताओं ने पुलिस व पालिका कर्मियों से लिखित में आदेश मांगा तो वो दिखा नही पाए और वहां से चलते बने। रेहड़ी संचालकों का कहना था कि देश की नरेंद्र मोदी व प्रदेश की मनोहर लाल सरकार रेहड़ी-पटरी वालों को जगह व 10 हजार रुपए का लोन देने की बात करती है लेकिन सफीदों में उनके साथ सरेआम दादागिरी की जा रही है। रेहड़ी संचालकों का कहना था कि वे पिछले करीब 20 सालों से महाराजा अग्रसैन चौंक पर रेहड़ी लगाकर अपने गरीब परिवारों का किसी तरह से गुजर-बसर कर रहे हैं।
जब से नई पालिका का गठन हुआ है तब से उन्हे लगातार परेशान किया जा रहा है। अब पालिका के द्वारा उनकी रेहडियो को जबरदस्ती दादागिरी से हटाया जा रहा है। सफीदों पालिका उन्हे रोजगार देना तो दूर अब उनके रोजगारों को सीधेतौर पर छिनकर उनके पेट पर लात मार रही है। उनका कहना था कि इस चौंक पर करीब 50 रेहडिया लगाकर सैकड़ों लोग अपना पेट पाल रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे हर रोज की भांति अपना सामान बनाकर बेचने के लिए यहां आए थे लेकिन पालिका कर्मियों ने दादागिरी दिखाते हुए यकायक उनकी रेहडियां हटवा दी और सामान पालिका की ट्राली में डाल लिया। पालिका की इस कार्रवाई से उनका सारा सामान खराब हो गया तथा उनका एक ही दिन में हजारों रुपए का नुकसान हो गया है। नगरपालिका सीधे तौर पर गरीब आदमी के गले पर तलवार लटका रही है। केंद्र व राज्य सरकार आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है लेकिन सफीदों नगर पालिका द्वारा उनके ऊपर गुलामी की जंजीरें डालकर रोजगार छीनने का प्रयास किया जा रहा है। उनका कहना था कि वे बहुत गरीब आदमी है तथा फाइनेंस वगैरह पर पैसा लेकर किसी तरह अपना रोजगार चला रहे हैं।
अगर उनका रोजगार छिन लिया गया तो वे कैसे अपना कर्ज उतार पाएंगे तथा कैसे अपने परिवार का पालन-पोषण कर पाएंगे। उन्होंने साफ किया कि अगर पालिका ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो वे महाराजा अग्रसेन चौक पर अपने परिवारों सहित बैठकर धरना देने को मजबूर होंगे। इस मामले में पालिका के सैनेटरी इंस्पेक्टर प्रदीप लोट का कहना है कि इन रेहडिय़ों के कारण महाराजा अग्रसैन चौंक पर हमेशा जाम लगा रहता है तथा कई बार दुर्घटनाएं भी हो चुकी है। रेहड़ी वालो को पहले भी दो-तीन बार मौखिक रूप से रेहडिय़ां हटाने के लिए बोला गया था लेकिन उन्होंने कोई सुनवाई नहीं की। परिणामस्वरूप पालिका को यह कार्रवाई करनी पड़ी है। उन्होंने कहा कि फिलहाल रेहड़ी वालो को चेतावनी भर दी गई है। अगर वे फिर भी नहीं माने तो उन्हे नोटिस जारी किए जाएंगे