मथुरा में भागवत भवन में रात के 12 बजते ही भगवान की आरती और अभिषेक किया गया।
देश में जन्माष्टमी की धूम है। मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर में बाल गोपाल का पंचामृत अभिषेक शुरू हो गया है। भगवान कृष्ण के चल विग्रह को चांदी से बने कमल पुष्प के सिंहासन पर विराजमान कर उनका अभिषेक किया गया। साथ ही 500 किलो गुलाब के फूल और इत्र की वर्षा की जा रही है।
इसके अलावा चांदी की कामधेनु गाय के जरिए भगवान कृष्ण को स्नान कराया गया। इसके लिए 251 किलो पंचामृत का इस्तेमाल हो रहा है।
अभिषेक के बाद नवरत्न कंठा, स्वर्ण निर्मित बांसुरी, कंगन धारण कराए जाएंगे। उन्हें जरी से बना गोटा मुकुट ब्रज रत्न धारण करवाए जाएंगे। अभिषेक के बाद पंजीरी, मेवा पाग का भोग लगाया जाएगा।
तस्वीरों में देखिए भगवान के जन्म और अभिषेक का दृश्य…
भागवत भवन में कामधेनु से भगवान कृष्ण का अभिषेक
श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास महाराज, मैनेजिंग ट्रस्टी अनुराग डालमिया, सचिव कपिल शर्मा, गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने अभिषेक किया।
भगवान के बाल स्वरूप के अभिषेक के बाद उन्हें नए वस्त्र पहनाए गए।
राजस्थान के नाथद्वारा में भगवान श्रीनाथ जी को जन्म के साथ ही 21 तोपों की सलामी दी गई।
उधर, राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के सांवलिया सेठ मंदिर में एक हजार ड्रोन के जरिए आसमान में कृष्ण लीलाओं को दिखाया गया। सबसे पहले आसमान में सांवलिया सेठ के मंदिर के साथ ‘श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामना’ लिखा।
गुजरात और महाराष्ट्र में कई जगहों पर दही-हांडी फोड़ने के कॉम्प्टीशन हुए। मुंबई के ठाणे में दही-हांडी उत्सव मनाया गया। गुजरात के द्वारकाधीश मंदिर से श्रद्धालुओं ने श्रीकृष्ण की झांकी निकाली।
चित्तौड़गढ़ जिले के सांवलिया सेठ मंदिर में ड्रोन के जरिए जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दी गईं।
इस साल दो दिन जन्माष्टमी
देश में इस साल दो दिन- 6 और 7 सितंबर को जन्माष्टमी मनाई गई। उज्जैन और वाराणसी में 6 सितंबर को जन्माष्टमी मनाई गई। वहीं, मथुरा-वृंदावन और द्वारका समेत कई जगहों पर 7 सितंबर को जन्माष्टमी मनाई गई।
तस्वीरों में देखिए जन्माष्टमी का सेलिब्रेशन…
जन्मस्थान को चंद्रयान 3 की थीम पर भी सजाया गया है।
चित्तौड़गढ़ के सांवलिया सेठ मंदिर में भगवान कृष्ण का विशेष श्रृंगार किया गया है।
गुजरात के द्वारकाधीश मंदिर में श्रीकृष्ण भगवान का श्रृंगार करने के बाद आरती की गई।
मुंबई में दही हांडी का खेल खेलते लोग। महाराष्ट्र सरकार ने प्रो गोविंदा नाम से कॉम्पिटिशन आयोजित किया है।
बद्रीनाथ धाम में जन्माष्टमी की रौनक छाई है। मंदिर को सुंदर रोशनी से सजाया गया है।
मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि मंदिर में जन्माष्टमी के मौके पर आरती हुई।
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भगवान शिव का श्रीकृष्ण स्वरूप में शृंगार किया गया।
जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने बुधवार को बांके बिहारी के लिए मंदिर प्रशासन को ड्रेस भेंट की।
जन्माष्टमी के मौके पर भोपाल में राधा-कृष्ण की तरह तैयार हुए बच्चे।
आगरा में श्रद्धालुओं ने यमुना नदी में श्रीकृष्ण जन्म के दृश्य की झांकी प्रस्तुत की।
पुरी के सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने 5 सितंबर को पुरी बीच पर जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देने के लिए सैंड आर्ट बनाया।
मथुरा-वृंदावन में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव शुरू: 3 लाख से अधिक श्रद्धालु मंदिरों में पहुंचे
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मथुरा-वृंदावन के मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव शुरू हो गया है। प्रेम मंदिर, बांके बिहारी, रंगनाथ, द्वारकाधीश, राधा रमण, इस्कॉन समेत 25 मंदिर रोशनी से जगमगा रहे हैं। 3 लाख से ज्यादा लोग मंदिरों में पहुंच चुके हैं। पूरी खबर पढ़ें…
राजस्थान के सांवलिया सेठ में 1 हजार ड्रोन ने आसमान में दिखायी कृष्ण लीला
यह वीडियो चित्तौड़गढ़ स्थित सांवलिया सेठ मंदिर में ड्रोन प्रैक्टिस का है।
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के कृष्णधाम सांवलिया सेठ मंदिर में आसमान में कृष्ण लीलाएं दिखाई गईं। इन कृष्ण लीलाओं को 1000 ड्रोन के जरिए दिखाया गया। ड्रोन शो के बाद भजन और रात 12 बजे कृष्ण जन्म पर सांविलयाजी को भोग लगाया जाएगा। पूरी खबर पढ़ें…
राजस्थान के नाथद्वार मंदिर में बंदूक-तोप से दी गयी भगवान कृष्ण को सलामी
विजुअल जयपुर के गोविंद देव जी मंदिर का है। यहां संध्या आरती के दौरान ललिता और विशाखा सखी के भी दर्शन हुए।
राजस्थान के मंदिरों में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव जारी है। जयपुर के गोविंद देवजी, चित्तौड़गढ़ के सांवलिया सेठ और नाथद्वारा के श्रीनाथजी मंदिर में भक्तों की लंबी लाइन लगी हुई है। राजसमंद के कांकरोली और नाथद्वारा मंदिर में रात 12 बजे बंदूक और तोप की सलामी दी गई। पूरी खबर पढ़ें…
गुजरात के द्वारका मंदिर में रात 2:30 बजे तक हो सकेंगे भगवान कृष्ण के दर्शन
जन्माष्टमी को लेकर गुजरात के द्वारिकाधीश मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। मंदिर में रात 12 बजे से लेकर 2:30 बजे तक भगवान के दर्शन हो सकेंगे। भगवान द्वारकाधीश को अर्पित की जाने वाली पोशाक बाघा से लेकर राजाधिराज तक कई रत्नों से सुसज्जित हैं। पूरी खबर पढ़ें…
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गोकुल में कृष्ण जन्म से पहले छठी: लाला की छीछी की एक बूंद के लिए उमड़ते भक्त; बच्चे की मांगते हैं मन्नत
जन्माष्टमी वैसे तो पूरे देश में धूमधाम से मनाई जाती है, लेकिन गोकुल का नजारा थोड़ा अलग होता है। लगभग 5000 साल पहले द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने अपने बचपन के 11 साल एक महीना इसी जगह पर बिताए थे।
गोकुल के नंद चौराहे पर लाला की छीछी बांटी जाती है। छीछी दही, हल्दी, चंदन पाउडर, पुष्प आदि का मिश्रण कर तैयार की जाती है। जिस श्रद्धालु पर शोभायात्रा में यह छीछी पड़ जाती है, वह समझता है कि भगवान का आशीर्वाद मिल गया। पूरी खबर पढ़ें…
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