रेवाड़ी नागरिक अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं कुछ हद तक बेहतर होती दिख रही है। दादरी जिले के एक मरीज का जटिल ऑपरेशन सफलतापूर्वक करते हुए डॉक्टर ने नई जिंदगी दी है। अगर यही ऑपरेशन मरीज प्राइवेट अस्पताल में कराता तो उसका खर्च करीब 1 लाख रुपए तक आता। मरीज ने भी डॉक्टर का आभार जताया है।
दरअसल, चरखी-दादरी जिले के गांव आदमपुर डाढी निवासी कुलविन्द्र सिंह (46) पिछले काफी वक्त से बीमार थे। उन्होंने अल्ट्रासाऊंड कराया तो पता चला कि उनकी पेशाब की थैली में पथरी है, लेकिन यह पथरी कोई मामूली नहीं, बल्कि 60-60 एमएम की तीन थी।
उसने दादरी, भिवानी, रोहतक, हिसार कई जगह भर्ती होने की कोशिश की, लेकिन इलाज नहीं मिल पाया। हालत बिगड़ती रही और दर्द की वजह से जीना मुश्किल हो गया। पेशाब बार-बार रूकना, पेशाब में खून आना और पेट के निचले हिस्से में हर वक्त दर्द आम हो गया था।
इस बीच कुलविन्द्र को किसी ने रेवाड़ी नागरिक अस्पताल में कार्यरत डा. साहिल यादव का नाम सुझाया। बीते दिन कुलविन्द्र रेवाड़ी में डा. साहिल से मिलने के लिए आया। डॉक्टर ने उसकी रिपोर्ट देखी और फिर उसका इलाज शुरू करते हुए सबसे पहले एक्स-रे कराए तो पता चला कि पथरी काफी बड़ी है, लेकिन फिर भी उसका इलाज शुरू करते हुए सफल ऑपरेशन कर उसे नई जिंदगी दी गई। खास बात यह है कि इलाज से लेकर टेस्ट तक सबकुछ फ्री हुआ।
पेशाब की थैली से निकाली गई पथरी।
केस में जोखिम काफी ज्यादा था; डा. साहिल
डॉक्टर साहिल ने बताया कि इस केस में जोखिम ज्यादा था। चूंकि पथरी का आकार बड़ा था और पेशाब की थैली को भी सुरक्षित रखना था। यह थैली आकार में भी बहुत छोटी होती है। मरीज की स्थिति व उनके प्रति भरोसे को देखते हुए हमने ऑपरेशन का निर्णय लिया।
डेढ़ घंटे चला ऑपरेशन
करीब डेढ़ घंटे चले ऑपरेशन के बाद 3 बड़े आकार यानी 60-60 एमएम की पथरी निकाली गई। यह जिले में किसी भी अस्पताल में इस तरह का पहला मेजर ऑपरेशन है। डॉ. साहिल ने कहा कि उन्हें बेहद खुशी है कि हम एक जरूरतमंद मरीज का बगैर किसी खर्च के सरकारी सुविधाओं के आधार पर सफल इलाज कर पाए। डॉक्टर ने कहा कि इससे डॉक्टर्स व मरीज के प्रति विश्वास कायम होने के साथ ही सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति भी सकारात्मक सोच मजबूत होगी।