3 दिन बादलों की आंख मिचोली के बाद नीलोखेड़ी तरावड़ी में जहां रविवार दोपहर बाद से मंडियों में खुले आसमान के नीचे पड़ा धान भीग रहा था। वही रात को 10 बजे करनाल में बरसात शुरू हो गई। इसी दौरान निसिंग, घरौंडा,असंध व इंद्री में भी बरसात के कारण मंडियों में पड़ा धान पूरी रात भीगता रहा। बरसात के मौसम को देखते हुए किसानों के द्वारा तो मंडी में पड़े अपने धान को बरसात से बचाने के लिए पलड़ व तिरपाल ढककर बचाने का भरसक प्रयास किया।
बावजूद सरकारी खरीद एजेंसियों की धान से भरी बोरियां पानी में तर होती दिखाई दी। नीलोखेड़ी मंडी में हालत ज्यादा खराब दिखाई दिए, क्योंकि नीलोखेड़ी में मंडी छोटी होने के कारण सारा धान सड़कों पर डाला गया है। जो रविवार दोपहर से पूरी रात बरसात में भीगता रहा खरीद एजेंसियों की लापरवाही के कारण जहां सरकारी धान को नुकसान पहुंच रहा है। वही मार्केटिंग मंडी बोर्ड की कमजोर कार्यप्रणाली के चलते किसानों को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
नीलोखेड़ी मंडी मे बरसात में भीगती धान की बोरियां।
धीमे उठान से हो रहा नुकसान
किसान राजेंद्र संदीप व संजीव का कहना है कि प्रशासन द्वारा धान खरीद के बाद दावे किए गए थे कि जैसे ही धान की खरीद होगी उसके 24 घंटे के अंदर धान का मंडी से उठान हो जाएगा लेकिन प्रशासन के दावे धरातल पर हवाहवाई दिख रहे है। मंडियों में धीमे उठान के कारण आज जिले की सभी मंडिया धान से अटी पड़ी है लाखों क्विंटल धान खुले आसमान के नीचे भीग रहा है अगर समय पर धान का उठान होता तो आज उनकी धान बरसात में न भीग रही होती।
बरसात ने किसानों की और बढ़ाई चिंताए
जिले में 40 प्रतिशत किसान आज भी ऐसे बचे है जिनकी धान अभी खेतों में पकी खड़ी। जिसकी कटाई भी नहीं हुई है। रविवार को मंडियों के बाहर धान से भरी ट्राली लेकर खड़े किसानों ने खुद ही तिरपाल से धान को ढकते नजर आए। कहीं धान बरसात से भीग न जाए। ऐसे में अब किसान को धान का कम रेट मिलने की आशंका सताने लगी है। किसानों का कहना है कि किसान को पहले ही फसल का रेट लागत से कम मिल रहा है। अब बारिश के कारण धान में नमी की मात्रा बढ़ जाएगी। नमी बढ़ने से फसल कम मूल्य पर बिकेगी। दूसरी तरफ जो धान खेतों में पकी खड़ी है वही बरसात के कारण खराब हो जाएगी। ऐसे में किसानों पर इस बरसात से दोहरी मार पड़ रही है।
तरवाड़ी मंडी में खुले पड़ी धान की बोरियां पानी से तर होती हुई।
अब तक इतनी धान की हुई खरीद
विभाग की मानें तो जिले भर की मंडियों से अब तक अब तक करीब 5 लाख 17 हजार 506 मीट्रिक टन धान सरकारी खरीद एजियों द्वारा खरीदा गया। इसमें से 299897 मीट्रिक टन धान खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा, 111737 मीट्रिक टन हैफेड द्वारा, 105872 मीट्रिक टन हरियाणा वेयर हाउसिंग द्वारा तथा 35 मीट्रिक टन मिलर/ डीलर द्वारा खरीदा गया। लेकिन कमजोर कार्यप्रणाली के चलते इसमें इस धान में से आधे धान का ही उठान हो पाया है। जिससे मंडियां अंठी पड़ी है और आज खुले आसमान के नीचे बरसात में भीग कर खराब होने के कगार पर पहुंच गई है।