बारामूला लाइन ऑफ कंट्रोल के पास बसा हुआ जिला है, जहां से आतंकी अक्सर घुसपैठ की कोशिश करते हैं -फाइल फोटो
कश्मीर के बारामूला के उरी, हथलंगा इलाके में शनिवार (16 सितंबर) को सेना ने एनकाउंटर में एक आतंकी को मार गिराया। जबकि 2 से ज्यादा आतंकियों की तलाश जारी है।
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इस इलाके में सुबह 3 आतंकियों के देखे जाने के बाद सेना-पुलिस ने जाॅइंट ऑपरेशन शुरू किया था। इस दौरान आतंकियों ने फायरिंग की। सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये वही इलाका है जहां दिसंबर 2022 में सुरक्षा बलों ने एक बड़े आतंकी ठिकाने का भंडाफोड़ किया था। तब एक गुफा से हथियारों का जखीरा बरामद किया गया था।
पिछले 6 दिनों में यह तीसरा एनकाउंटर है। 11 सितंबर को राजौरी में 2 आतंकी मारे गए और 1 जवान शहीद हुआ था। 13 सितंबर को अनंतनाग के कोकेरना में 4 जवान शहीद हुए, लेकिन 2 आतंकियों की तलाश जारी है।
अनंतनाग में एनकाउंटर का आज पांचवा दिन
अनंतनाग के कोकेरनाग में ऑपरेशन के दौरान आतंकियों के छुपने के ठिकाने को सुरक्षाबलों ने बमबारी करके नेस्तनाबूत कर दिया। तभी ड्रोन फुटेज में एक आतंकी भागता हुआ दिखा।
कश्मीर में अनंतनाग के गडूल कोकेरनाग में पांचवे दिन भी आतंकियों से मुठभेड़ जारी रहेगी। वहीं, बुधवार 13 सितंबर को आतंकियों की गोली लगने से घायल जवान की भी मौत हो गई है।अंधेरा होने पर शुक्रवार (15 सितंबर) को ऑपरेशन रोक दिया गया था, जो सुबह होते ही फिर शुरू होगा। पढ़ें पूरी खबर…
राजौरी एनकाउंटर साइट से बरामद हुईं AK-47 और गोलियां
राजौरी में भी इसी हफ्ते मंगलवार (12 सितंबर) को एनकाउंटर के दौरान एक जवान की मौत हो गई थी और दो आतंकी मारे गए थे। यहां सर्चिंग के दौरान एक आर्मी डॉग की भी मौत हो गई। उसने अपने हैंडलर की जान बचाने के लिए खुद की जिंदगी दांव पर लगा दी। राजौरी में एनकाउंटर खत्म हो गया है।
कश्मीर में इस साल अब तक 40 आतंकी ढेर
कश्मीर में पिछले तीन साल में यह सबसे बड़ा हमला है, जिसमें इतने बड़े अफसरों की शहादत हुई है। इससे पहले कश्मीर के हंदवाड़ा में 30 मार्च 2020 को 18 घंटे चले हमले में कर्नल, मेजर और सब-इंस्पेक्टर समेत पांच अफसर शहीद हुए थे। इस साल जनवरी से अब तक जम्मू-कश्मीर में 40 आतंकी मारे गए हैं। इनमें 8 ही स्थानीय थे और बाकी सभी विदेशी थे।
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मेजर आशीष की मां ने उठाए सवाल- सरकार उसे बुलेट प्रूफ जैकेट नहीं दे सकी
शहीद मेजर आशीष की मां कमला ने अंतिम संस्कार के बाद सरकार को जमकर कोसा। आशीष की मां का एक न्यूज चैनल को दिया इंटरव्यू सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें वे कहते हुए नजर आ रही हैं कि अगर सरकार बुलेट प्रूफ जैकेट खरीद कर देती तो सारे बच जाते। सरकार क्या कर रही है? सरकार, सीने से लेकर घुटनों तक की बुलेट प्रूफ जैकेट क्यों नहीं देती है।पढ़ें पूरी खबर…
जवान लेने पहुंचे तो कहा था- आतंकियों को मार कर ही जाऊंगा
पानीपत के मेजर आशीष धौंचक अनंतनाग में टीम के साथ मिशन पर थे। घने जंगलों के बीच आंतकियों से मुठभेड़ चल रही थी। इसी बीच उनकी जांघ में गोली लग गई। आर्मी की मेडिकल टीम आई और उन्हें इलाज के लिए ले जाना चाहा। लेकिन वे घायल हालत में ही आतंकियों से लड़ते रहे। करीब 10 घंटे तक उनके पैर से खून बहता रहा। जिससे उनकी हालत नाजुक हो गई वे शहीद हो गए। पढ़ें पूरी खबर…
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