मात्र 12 साल की उम्र में ग्राफिक्स और कोडिंग सीखकर झज्जर जिले के रहने वाले कार्तिकेय ने 3 लर्निंग एप बना दिए। जिस उम्र में बच्चे मोबाइल पर गेम खेलकर टाइम बर्बाद करते है, उसी उम्र की दहलीज पर ऐप डेवलपर के रूप में कार्तिकेय ने समय को व्यर्थ करने की बजाए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया है।
झज्जर शहर के कुछ किलो मीटर की दूरी पर स्थित गांव झासवा के रहने वाले कार्तिकेय झज्जर के जवाहर नवोदय विद्यालय में आठवीं कक्षा के स्टूडेंट है। आठवीं की पढ़ाई के साथ ही कार्तिकेय हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साईंस से बीएससी की ऑनलाइन पढ़ाई भी कर रहा है। कार्तिकेय के हुनर को देखते हुए ही हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने इतनी कम उम्र में उसे बीएससी साइंस में एक साल का कोर्स करा रही है। वहीं दूसरी तरफ कार्तिकेय की इस उपलब्धि पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड ने उसे इंडिया यंगेस्ट एप डेवलपर का अवार्ड दिया है।
सीएम द्वारा किया गया ट्वीट।
CM ने ट्वीट कर दी बधाई
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ट्वीट कर लिखा कि खेल, पढ़ाई व कला के बाद अब म्हारे बच्चे टेक्नोलॉजी में भी पूरे विश्व में हरियाणा का नाम रोशन कर रहे है। झज्जर के कार्तिकेय ने लर्निंग एप विकसित कर सबसे कम उम्र के ऐप डेवलपर के रूप में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। उनके पूरे परिवार को बधाई व शुभकामनाएं।
डिजीटल इंडिया बनाना सपना
ग्रामीण आंचल में पले कार्तिकेय अपनी इस उपलब्धि पर फूले नहीं समां रहे है। कार्तिकेय का सपना है कि डिजीटल युग में वह इसी तरह एप बनाकर डिजीटल इंडिया के सपने को साकार करे। कार्तिकेय ने कहा कि उसके द्वारा बनाए गए लर्निंग एप उन गरीब बच्चों के लिए निशुल्क है, जो आर्थिक कमजोरी की वजह से ना तो अच्छी पढ़ाई कर सकते और ना ही कोचिंग ले सकते। यह पहला एप कोडिंग और ग्राफिक डिजाइनिंग सिखाने के लिए बनाया गया है। दूसरा एप लुसेंट जीके हिंदी ऑफलाइन एप बनाया है। यह सिर्फ जीके के लिए है। तीसरे एप की लॉचिंग 13 जुलाई को ही की थी।
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