हरियाणा के जींद में छठ पूजा का पर्व श्रद्धा से मनाया गया। इस पर्व को लेकर मान्यता है कि इस पर्व से जुड़े नियमों का पालन करने से माता छठी प्रसन्न होती है और अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण करती हैं। छठ पर्व में विशेषत: भगवान सूर्य और माता छठी की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार छठ का व्रत एक ऐसा व्रत है जो प्रकृति को समर्पित माना जाता है।
इस दिन व्रत करने वाली महिलाओं के संतानों का स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है और उसे दीर्घायु का वरदान मिलता है। इस कारण से महिलाएं मुख्य रूप से यह व्रत करती हैं। जींद में काफी संख्या में बिहार, यूपी से आए लोग रहते हैं। जो यहां मजदूरी, रेहड़ी व अन्य कार्य करते हैं। रविवार को छठ पूजा थी। इसे लेकर जींद के ऐतिहासिक जयंती देवी मंदिर व रानी तालाब पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। जैसे ही सूर्य अस्त होने लगा तो महिलाओं ने तालाब के पानी में आधे तक खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य दिया।
पूजा के लिए आए राममेहर, विजय ने बताया कि छठ महापर्व के तीसरे दिन रविवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस मौके पर वो परिवार सहित आए और तालाब घाट को भी सजाया। महिलाओं ने छठ गीतों को गाया और फिर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। छठ पूजा को मुख्य रूप से सूर्य उपासना का पर्व है।
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नहाय खास से चार दिनी इस महापर्व की शुरुआत होती है। दूसरे दिन खरना होता है। तीसरे दिन अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर इस महापर्व का समापन होता है।