एफसीआई द्वारा गाड़ी वापिस करने के विरोध में आढ़तियों ने मंडी गेट पर जड़ा ताला आढ़तियों ने एफसीआई प्रबंधन के खिलाफ की जमकर नारेबाजी या तो पैसे दो अन्यथा होती है गेंहू से भरी गाडिय़ां वापिस: आढ़ती

एस• के• मित्तल

सफीदों, एफसीआई द्वारा मंडी से भरकर गेंहू के कट्टों जाने वाली गाडिय़ों को क्वालिटी के नाम पर वापिस करने व गाड़ी गोदाम में लगाने के नाम पर मोटी रकम ऐंठने के विरोध में आढ़तियों ने शनिवार को मंडी गेट पर ताला जड़ दिया और एफसीआई प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

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तालाबंदी की अगुवाई कच्चा आढ़ती संघ के प्रधान एडवोकेट कृष्ण गोपाल मित्तल ने की। मामले की सूचना पाकर तहसीलदार रोहतास कुमार, सिटी थाना प्रभारी सुरेश कुमार व मार्किट कमेटी सचिव जगजीत सिंह कादियान मौके पर पहुंचे और आढ़तियों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया। प्रदर्शनकारी आढ़तियों का कहना था कि क्षेत्रभर के किसान सफीदों मंडी में अपनी फसल बेचने के लिए लाए। खरीद एजेंसियों ने मंडी में आकर गेहंू की खरीद की। उसके बाद आढ़तियों ने उस गेंहू को कट्टों में भरवा दिया लेकिन खरीद एजेंसियों ने उस गेंहू को अभी तक नहीं उठवाया। सफीदों मंडी में खरीद एजेंसी भारतीय खाद्य निगम, फूड एण्ड सप्लाई, वेयरहाऊस व हैफेड गेंहू को खरीद रही है लेकिन सभी एजेंसियों द्वारा खरीदे गए माल को एफसीआई में जाकर लगना है।

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नियम के मुताबिक गेंहू खरीद के 24 घंटे के भीतर गेंहू के कट्टों का उठान सुनिश्चित होना चाहिए लेकिन खरीद एजेंसियां उस कार्य को सफलतापूर्वक नहीं कर पाई। एजेंसियों की लापरवाही का नतीजा यह है कि किसानों की फसल का आजतक भुगतान नहीं हो पाया है। अब जब थोड़ा-थोड़ा उठान शुरू हुआ है तो एफसीआई के गोदामों पर पिछले कुछ दिनों से रिश्वतखोरी का मोटा खेल शुरू कर दिया गया है। आढ़तियों ने बताया कि जैसे ही मंडी से गेंहू का ट्रक भरकर एफसीआई गोदाम पर जाता है वहां पर क्वालिटी के नाम पर एकदम से रिजेक्ट कर दिया जाता है। उसके बाद पैसे की मांग शुरू कर दी जाती है। एफसीआई के अधिकारी व कर्मचारी आढ़तियों से प्रति ट्रक 5000 से 6000 रूपए गाड़ी को लगाने के नाम पर ऐंठ रहे हैं। आढ़तियों के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि या तो वह रिश्वत दे अन्यथा अगर गाड़ी वापिस हो गई तो उसे ऊपर 10 से 15 हजार का किराए व लेबर का मोटा नुकसान उठाना पड़ता है।

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उन्होंने कहा कि एफसीआई में क्वालिटी चेक करने के लिए क्वालिटी इंस्पेक्टर होता है लेकिन इस कार्य को अंजाम देने के लिए प्राईवेट आदमी एफसीआई गोदाम में अवैध रूप से लगाए हुए हैं। जिन लोगों को क्वालिटी की एबीसी भी नहीं पता वे लोग इस गोदाम में गेंहू के कट्टों में परखी मारकर क्वालिटी जांचने की बात करते हैं। आढ़तियों का कहना है कि जब ये लोग पैसे ऐंठकर गाड़ी को उतारने की बात कह देते हैं उसके बाद गोदाम में गेंहू के बैग लगाने वाली लेबर अलग से पैसे वसूलती है। एफसीआई के गोदामों में इस वक्त खुली लूट मची हुई लेकिन कोई शासन व प्रशासन में सुनने वाला नहीं है और आढ़ती लूटने-पीटने को मजबूर है। थक हारकर उन्होंने मंडी गेट को ताला लगाने का फैसला लिया है। आढ़तियों ने साफ किया कि जब तक आढ़तियों की समस्या का समाधान नहीं हो जाता और रूपए ऐंठने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो जाती तब तक वे मंडी का ना तो गेट खोलेंगे और ना ही मंडी से गेंहू के बैग उठवाएंगे। मामले की सूचना पाकर तहसीलदार रोहतास कुमार, सिटी थाना प्रभारी सुरेश कुमार व मार्किट कमेटी सचिव जगजीत सिंह कादियान मौके पर पहुंचे और आढ़तियों को समझाने का प्रयास किया।

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तहसीलदार रोहतास कुमार ने आढ़तियों को आश्वासन दिया कि मंडी का प्रतिनिधिमंडल उनके साथ एफसीआई में चलेगा और वहां पर उनकी समस्या का समाधान करवाया जाएगा। तहसीलदार के आश्वासन पर आढ़तियों ने मंडी का गेट तो खोल दिया लेकिन उठान का कार्य शुरू नहीं करवाया गया था।

 

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