हरियाणा के पानीपत जिले के समालखा कस्बे के पूर्व विधायक भरत सिंह छोक्कर पांच पार्टियों के बाद आज छठीं पार्टी में शामिल हुए हैं। उन्होंने आज आम आदमी पार्टी का दामन थामा है। पार्टी ज्वाइंन करवाने आज “आप’ के हरियाणा प्रभारी राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता पहुंचे थे।
सेक्टर 11 स्थित एक निजी रेस्त्रां में आयोजित कार्यक्रम में पांच पार्टियों का दामन छोड़कर पूर्व विधायक ने झाडू थाम ली है। आम आदमी पार्टी छोक्कर को समालखा नगर पालिका चेयरमैन पद पर अपना उम्मीदवार उतार सकती है। जिसके चलते आनन-फानन में उन्हें नामंकन के दो दिन पहले ही पार्टी ज्वाइंन करवाई है।
राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता ने बताया पंजाब चुनाव जीतने के बाद दिन प्रतिदिन आम आदमी पार्टी का संगठन बढ़ता जा रहा है। लगभग हर रोज कई ज्वाइनिंग हो रही है। उन्होंने कहा निकाय चुनाव पर आम आदमी पार्टी झाडू सिंबल पर लड़ेगी। टिकट के बारे में उन्होंने कहा बुधवार को पार्टी ने 13 उम्मीदवारों की टिकट फाइनल की है। बाकी आज शाम तक फाइनल होंगी।
राज्यसभा सांसद के साथ भरत सिंह छोक्कर।
सर्वे के हिसाब से टिकट हो रही फाइनल: मलिक
इस मौके पर जिला अध्यक्ष सुखबीर मलिक ने कहा कि पार्टी में टिकट जनता के सर्वे के बाद फाइनल होती है। पिछले कई दिनों से सर्वे चल रहे हैं, उसमें से जो व्यक्ति निकल कर आ रहा है उनको टिकट दी जा रही है। आम आदमी पार्टी ज्वाइन करने वाले भरत सिंह छोक्कर ने कहा के नए ईमानदारी का कायल है।
इसी वजह से वे पार्टी एवं संयोजक अरविंद केजरीवाल से प्रभावित होकर आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर रहे हैं। इस मौके पर जिला संगठन मंत्री राकेश चुघ, कृष्ण अग्रवाल, जगदीप धनघस, दीपक बग्गा, राजकुमार मुंडे, देवन सलूजा, मनमोहन सिंह, अनूप मलिक, अनिल पांडे, बिट्टू पहलवान, कुलदीप शर्मा, कुलदीप सिंह, प्यारेलाल गुप्ता समेत अन्य मौजूद रहे।
ये है पूर्व विधायक भरत सिंह छोक्कर का राजनीतिक इतिहास
वर्ष 1996 में बसपा से अपनी राजनीतिक करिअर की शुरुआत करने वाले भरत सिंह छौक्कर ने बाद में कांग्रेस पार्टी का झंडा उठा लिया। भूपेंद्र सिंह हुड्डा की बदौलत वर्ष 2005 में टिकट मिल गया और वह चुनाव भी जीत गए। लेकिन अगला चुनाव आते-आते उनके नंबर कट गए।
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2009 में कांग्रेस ने संजय छोक्कर को टिकट दे दिया। इस बात पर वह नाराज हो गए। उन्होंने पार्टी छोड़ दी। समालखा से तब की हरियाणा जनहित कांग्रेस यानी हजकां की टिकट पर चुनाव लड़ रहे धर्म सिंह छौक्कर का समर्थन कर दिया। धर्म सिंह छौक्कर जीत भी गए। इस दौरान भरत सिंह हजकां के अध्यक्ष कुलदीप बिश्नोई से भी मिले। पर कुछ समय बाद इनका हजकां से भी मोह भंग हो गया।
हजकां को बाय-बाय करने के बाद इन्होंने राजकुमार सैनी का समर्थन कर दिया। राजकुमार सैनी भाजपा को छोड़कर अपनी पार्टी बना चुके थे। पर देखा कि राजकुमार सैनी के साथ रहने का फायदा नहीं है, तब उन्होंने पिछले चुनाव में भाजपा का दाम थामा। हालांकि इससे पहले भी वह भाजपा में रह चुके थे। इस बार उन्हें उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें टिकट देगी पर ऐसा नहीं हुआ। फिर भी पार्टी में बने रहे। इसके बाद किसान आंदोलन का तर्क देते हुए भाजपा को अलविदा बोल दिया है।