हरियाणा के रोहतक के गांव मायना में जन्मे अमित पंघाल ने 10 साल की उम्र में बॉक्सिंग खेलने की तरफ कदम बढ़ाए थे। इसके बाद कभी भी उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। जिसकी बदौलत आज वे नंबर वन बॉक्सर बने हुए हैं। कॉमनवेल्थ गेम में आज अमित पंघाल का सेमीफाइनल मुकाबला होना है। वे देश के लिए पहले ही मेडल पक्का कर चुके हैं।
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अब वे गोल्ड मेडल से दो कदम दूर हैं। घर से भी गोल्ड मेडल जीतने का सपना लेकर कॉमनवेल्थ गेम में गए थे। शुरूआती मैच में बाई मिलने के बाद अमित पंघाल लगातार दो मुकाबले जीत चुके हैं।
अमित पंघाल के पिता एक एकड़ के किसान
अमित पंघाल के पिता विजेंद्र सिंह ने बताया कि वे खेतीबाड़ी करते हैं। उनके पास करीब एक एकड़ जमीन है। जिस पर खेतीबाड़ी करते थे। इसी से घर खर्च चलाते और दोनों बेटों को पाल-पोसकर बड़ा किया हैं। वे खेतों में कड़ी मेहनत करते थे, ताकि उनके बेटे आसानी से बिना किसी बाधा के आगे बढ़ पाएं।
बड़ा भाई भी बॉक्सर
विजेंद्र सिंह ने बताया कि अमित पंघाल का बड़ा भाई अजय भी बॉक्सिंग खेलता है। अजय ने राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में अपने पंच का दम दिखाया है। जिसके साथ ही अजय सेना में भर्ती हो गए। अब देश की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने अपने छोटे भाई अमित को भी बॉक्सिंग खेलने के लिए प्रेरित किया।
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अमित का रहा है चंचल स्वभाव
उन्होंने कहा कि अमित पंघाल का शुरूआत से ही चंचल स्वभाव रहा है। वह सभी का चहेता भी है। जब वह करीब 10 साल का था तो गांव के ही मैदान में अपने भाई अजय के साथ बॉक्सिंग खेलने की शुरूआत की थी। खेल के साथ-साथ पढ़ाई में भी अच्छा रहा है। पढ़ाई को भी कभी नहीं छोड़ा।