गुजरात CID की फ्रांस-रिटर्न फ्लाइट के 20 यात्रियों से पूछताछ: सभी ने कहा-हम घूमने जा रहे थे; पुलिस का दावा-पैसेंजर्स ने एजेंट्स को ₹1.25 करोड़ चुकाए

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गुजरात CID की फ्रांस-रिटर्न फ्लाइट के 20 यात्रियों से पूछताछ: सभी ने कहा-हम घूमने जा रहे थे; पुलिस का दावा-पैसेंजर्स ने एजेंट्स को ₹1.25 करोड़ चुकाए
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फ्रांस से लौटी डंकी फ्लाइट के 20 गुजराती पैसेंजर्स से गुजरात CID ने पूछताछ की है। पुलिस ने यह पूछताछ मानव तस्करी नेटवर्क के मास्टरमाइंड्स का पता लगाने के लिए की। यह जानकारी गुजरात CID में क्राइम और रेलवे के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस एस पी राजकुमार ने शुक्रवार को दी।

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वहीं, गुजरात के पुलिस सुपरिंटेंडेंट संजय खरात ने बताया कि इन पैसेंजर्स ने एजेंट्स को 40 लाख रुपए से लेकर 1.25 करोड़ रुपए तक का पेमेंट किया था, ताकि वे उन्हें साउथ अमेरिका से अमेरिका के दक्षिणी बॉर्डर तक पहुंचने में मदद कर सकें। पुलिस पता लगा रही है कि इन लोगों का एजेंट्स से संपर्क कैसे हुआ और निकारागुआ पहुंचने के बाद इन लोगों का क्या प्लान था।

दरअसल, 21 दिसंबर को एयरबस A340 विमान 276 पैसेंजर्स को लेकर निकारागुआ जा रहा था। जब यह फ्रांस में फ्यूल भरवाने के लिए रुका तो वहां की अथॉरिटीज ने मानव तस्करी के शक में फ्लाइट को चार दिन तक रोके रखा। यह फ्लाइट 26 दिसंबर की सुबह भारत के मुंबई लैंड हुई।

पैसेंजर्स ने बताया- टूरिस्ट के तौर पर निकारागुआ जा रहे थे
CID अधिकारी के मुताबिक, फ्लाइट से लौटे पैसेंजर्स में से करीब 60 गुजरात से हैं, जो अपने-अपने घर पहुंच गए हैं। इन 60 लोगों में से 20 लोगों से CID पूछताछ कर चुकी है। अपने बयानों में इन लोगों ने बताया कि वे टूरिस्ट के तौर पर जा रहे थे। पुलिस पता लगा रही है कि इस ट्रिप के पीछे उनके एजेंट कौन थे।

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अधिकारी ने कहा कि हम सभी लोगों के डॉक्यूमेंट्स को वेरिफाई कर रहे हैं ताकि पता लगाया जा सके कि इन उन्होंने सेंट्रल अमेरिका जाने के लिए असली डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल किया या नकली डॉक्यूमेंट बनवाए। हम इन लोगों के फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन भी जांचेंगे, क्योंकि टूरिस्ट के तौर पर उन्हें जरूरत से ज्यादा रकम चुकानी पड़ी होगी।

इस तरीके से विदेश गए अन्य लोगों को तलाश रही गुजरात पुलिस
पुलिस सुपरिंटेंडेंट संजय खरात ने कहा कि अवैध अप्रवासी काम में शामिल अलग-अलग एजेंट्स मिलजुलकर काम करते हैं। गांव या जिले में काम करने वाले एजेंट्स छोटे प्लेयर हैं, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बैठा एक मुखिया कंट्रोल करता है।

गुजरात पुलिस इसकी जांच करेगी, तभी पता चलेगा कि ये कैसे काम करते हैं। पुलिस ने यह भी कहा कि वे पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कितने लोग इस तरीके से विदेश गए हैं और कितने लोग इस तरीके से ट्रैवल करने की योजना बना रहे हैं।

विदेश मंत्रालय ने कहा- करीब 25 पैसेंजर्स अब भी फ्रांस में
इस मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि फ्लाइट को पेरिस के पास रोका गया था, लेकिन हमारी एम्बेसी की तरफ से दखलंदाजी के बाद फ्लाइट वापस भारत आ सकी।

कुछ भारतीय अभी वहीं हैं, शायद 25 या उससे कम-ज्यादा। मुझे उनकी सही संख्या का मुझे अंदाजा नहीं है। उनके केस को फ्रांसीसी अथॉरिटीज स्थानीय कानून के मुताबिक डील कर रही हैं। इसलिए निजता की खातिर और फ्रांस के कानूनों की कम समझ के चलते मैं इस पर ज्यादा बात नहीं कर पाऊंगा।

 

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