हरियाणा के रोहतक में रविवार को प्रसिद्ध प्रेरणादायी वक्ता एवं राष्ट्रपति द्वारा नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित ब्रह्मकुमारी शिवानी पहुंची। इस दौरान उन्होंने कई जगह पर आयोजित कार्यक्रमों में शिरकत की। बीके शिवानी ने कहा कि थके हुए मन, थके हुए तन से खुशी प्राप्त नहीं हो सकती। खुशी बाहरी भौतिक वस्तुओं से नहीं, आंतरिक सुकून, आत्मिक शांति में समाहित है।
रोहतक पहुंची ब्रह्मकुमारी शिवानी अपना वक्तव्य रखते हुए
उन्होंने कहा कि खुद के लिए खुशियों का संसार सृजित करने के लिए अपनी दिनचर्या, जीवन शैली, खान-पान तथा मानसिक सोच में आमूलचूल बदलाव का आह्वान करना चाहिए। उन्होंने पारंपरिक संस्कार, संस्कृति, सादगीपूर्ण जीवन की ओर लौटने तथा वास्तविक हैप्पीनेस का रास्ता सुझाया।
सकारात्मक चिंतन का रास्ता चुने
बीके शिवानी ने झूठी शान शौकत तथा चीजों में खुशी की तलाश को नकारते हुए जीवन में उपयुक्त जीवनशैली तथा सकारात्मक चिंतन का रास्ता चुनने की बात कही। जीवन में संयम, नियम तथा स्व-अनुशासन की वकालत की। उन्होंने सद्गुणों का अंगीकार कर सही मायने में कर्मयोगी बनने की सलाह दी।
महम में पहुंची ब्रह्मकुमारी शिवानी
मोबाइल व सोशल मीडिया पर अति निर्भरता को करें कम
उन्होंने सभी के लिए मोबाइल फोन, सोशल मीडिया, टेलीविजन आदि पर अति निर्भरता को कम करने तथा खुद के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अपनी दिनचर्या से समय निकालने का परामर्श दिया। सटीक उदाहरणों के साथ बीके शिवानी ने हैप्पीनेस का रोडमैप उपस्थित जन के समक्ष रखा।
संस्कारों पर दें ध्यान
महम में आयोजित कार्यक्रम में पहुंची बीके शिवानी ने कहा कि जिंदगी में बदलाव के लिए हमें संस्कारों में बदलाव करने की जरूरत है। हम संसार को बदलना चाहते हैं, ना कि संस्कारों को। हम बाहर की सभी चीजों पर मेहनत करते हैं, लेकिन संस्कारों पर नहीं। हमें अपने संस्कारों पर ध्यान देने की जरूरत है।
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