मेरे ऊपर एफआईआर में लगाए गए आरोप निराधार: नरेंद्र घनघस

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एस• के• मित्तल 
सफीदों,        जिला परिषद की पूर्व चेयरपर्सन के पति नरेंद्र घनघस ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मेरे ऊपर दर्ज की गई एफआईआर में लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार है। घनघस ने बताया कि उनका व उसके भाई के बीच बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा था।
इस विवाद के निपटान के लिए भाजपा जिलाध्यक्ष राजू मोर व एफआईआर दर्ज करवाने वाला योगेश व अन्य गण्यमान्य लोग बीच में आए थे और हमारे दोनों का बंटवारा करवा दिया था। बंटवारे के अनुसार कुछ जमीन मैने अपने भाई और कुछ जमीन मेरे भाई ने मेरे नाम करवानी थी। फैसले के अनुसार मैने तो अपनी जमीन अपने भाई के नाम तत्काल करवा दी लेकिन मेरे भाई ने मेरे हिस्से में आई जमीन को आजतक मेरे ना नहीं करवाया और वह जमीन नाम करवाने से मुकर गया। मैने जब बिचौलियों से इस बारे में कहा तो वे भी अपना पल्ला झाड़ते हुए नजर आए।
इसी को लेकर उसने शिकायतकत्र्ता योगेश जोकि इस फैसले में बिचौलिया था को कहा था कि वह मेरे हिस्से में आई जमीन को मेरे भाई से कहकर मेरे नाम करवाए। इसी बात को लेकर उसके साथ मेरी मामूली सी कहासुनी हुई थी। ना तो मैने उसे कोई पिस्तौल दिखाया और ना ही कोई लाठी-डंडा दिखाया। घनघस ने कहा कि उसका पिस्तौल पुलिस के पास ही जमा है। वर्तमान में उसके पास कोई हथियार नहीं है और ना ही उसने शिकायतकत्र्ता योगेश से कोई मारपीट व गाली-गलौच की और ना रास्ता रोककर कोई धमकी दी है।
उसकी गली में अनेक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए है। इस कैमरों की फूटेज चैक की जा सकती है, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। उसने बिचौलियों से कहा कि उसके ऊपर झूठी एफआईआर दर्ज करवाने की बजाए उसके भाई से उसके हिस्से में आई जमीन को मेरे नाम करवाएं। उन्होंने साफ किया कि वे इस मामले को लेकर मानहानि का मामला भी दर्ज करवाएंगे।
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