दिल्ली के जंतर-मंतर पर रविवार को धक्का-मुक्की के बाद पहलवानों को हिरासत में लिए जाने के मामले में खिलाड़ियों समेत अन्यों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। दिल्ली पुलिस ने सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की।
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया को रविवार को सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करने के बाद कानून और व्यवस्था के उल्लंघन को लेकर हिरासत में लिया था।
उनमें से महिला पहलवानों साक्षी मलिक, संगीता फोगाट और विनेश फोगाट को शाम को ही रिहा कर दिया गया था। जबकि बजरंग पुनिया को देर रात 11:30 बजे हिरासत से छोड़ा गया। इस दौरान पुलिस ने सभी पहलवानों को अलग-अलग थानों में रखा था।
साक्षी मलिक ने कहा सारी दुनिया देख रही है
दिल्ली पुलिस को यौन शोषण करने वाले बृजभूषण के खिलाफ FIR दर्ज करने में 7 दिन लगते हैं और शांतिपूर्ण आंदोलन करने पर हमारे खिलाफ FIR दर्ज करने में 7 घंटे भी नहीं लगाए। क्या इस देश में तानाशाही शुरू हो गई है ? सारी दुनिया देख रही है कैसे सरकार अपने खिलाड़ियों के साथ कैसा बर्ताव कर रही है।’ जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस मे पहलवानों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 149, 186, 188, 332, 353 के तहत केस दर्ज किया है।
अखिलेश यादव के ट्वीट ने बढ़ाई खलबली
यूपी से सपा नेता अखिलेश यादव ने भी पहली बार पहलवानों के समर्थन में ट्वीट किया है। उन्होंने पहलवानों को हिरासत में लिए जाने की वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि सच्चे खिलाड़ियों का अपमान भाजपा की नकारात्मक राजनीति का खेल है। देश नारी का ये अपमान नहीं भूलेगा।
उनके इस ट्वीट से खलबली यूं मची कि शुरुआत से ही बृजभूषण, अखिलेश के एक भी शब्द न बोलने पर अभिमान जता रहे थे। उन्होंने कहा था कि अखिलेश यादव मेरे बचपन के मित्र हैं। हम दोनों एक दूसरे को बहुत अच्छे से जानते हैं। उन्हें पता है कि आरोप झूठे हैं। इसलिए वे इस मामले में एक भी शब्द नहीं बोल रहे हैं।
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