पॉल्यूशन से लोगों को राहत महसूस नहीं: 406 पर पहुंचा जिले का एक्यूआई, आज बारिश के आसार

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जिले में सोमवार को हरसेक से आग की जीरो लोकेशन आई, फिर भी पॉल्यूशन से लोगों को राहत महसूस नहीं हुई। जबकि पीएम 2.5 का स्तर खतरनाक स्टेज 406 माइक्रोग्राम तक पहुंचा। बेशक पिछले साल के मुकाबले आग की लोकेशन में कमी आई है। लेकिन धुएं से सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन, पानी आना, रड़क जैसी की दिक्कतों से लोग परेशान हैं।

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अस्थमा रोगियों को भी परेशानी होती हैं। आसमान में फैला यह जहरीला धुआं सांस के रोगियों के लिए भी घातक है। जिसका कारण पड़ोसी राज्य पंजाब क्षेत्र में जलाए धान के अवशेष हैं। जहां से धुएं के गुबार जिले में आते हैं, मौसम एक्सपर्ट के मुताबिक हवा का रूख बदलने से राहत मिलेगी।

पिछले साल 14 नवंबर को फसल अवशेष जलाने की आई थी 44 लोकेशन
जिले में पिछले साल 14 नवंबर को धान की पराली यानी फसलों के अवशेष जलाने की 44 लोकेशन आई थी।प्रशासन की सख्ती और किसानों की जागरूकता है कि सोमवार को कोई लोकेशन नहीं आई। बता दें कि पराली जलाना पूर्णतया प्रतिबंधित किया गया है और खेतों में नजर रखने को सेटेलाइट से मॉनीटरिंग जारी है। इससे किसान फसल अवशेष प्रबंधन की ओर अग्रसर हुए हैं । बल्कि 4 साल पहले 1931 किसानों ने पराली जलाई थी ।

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अब साल दर साल सुधरने लगी थी, 2019 में पराली जलाने के 495 मामले सामने आए थे, जिनमें 110 किसानों के खिलाफ केस दर्ज किया था। 337 किसानों को 10 लाख 4 हजार रुपये जुर्माना लगाया था। हालांकि इस बार जिले के 85 एकड़ में किसान करीब 1680 क्विंटल पराली चुके हैं। जिनको सवा 2 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है।

 

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