नूंह में डीएसपी की हत्या के बाद जिला पुलिस सक्रिय हो चुकी है, पुलिस खनन माफियाओं के खिलाफ शिकंजा कसने के लिए नई रणनीति पर काम कर रही है ताकि नूंह जैसी दर्दनाक वारदात की पूर्नावृति न हो सके। जिला पुलिस अवैध माइनिंग क्षेत्रों में लगातार गश्त करेंगी साथ ही खनन माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाएगी।
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इस साल में अब तक 14 मामले दर्ज
पुलिस कप्तान गंगाराम पूनिया ने जानकारी देते हुए कहा कि पुलिस अवैध माइनिंग रोकने के लिए गंभीरता से काम कर रही है। पिछले साल पुलिस ने अवैध माइनिंग करने वाले 26 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया था जबकि इस साल अब तक 14 केस दर्ज किए जा चुके है। उन्होंने कहा अगले महीने होने वाली प्रशासनिक मीटिंग में माइनिंग पर रोक लगाने के लिए कुछ नए निर्णय भी लिए जाएगें।
रणनीति बनाकर की जाएगी कार्रवाई
माइनिंग पर आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस को जहां से अवैध माइनिंग की सूचना मिलती है तो पुलिस टीम सुनिश्चित करती है कि अवैध माइनिंग करने वाले कितने लोग हो सकते है, उसके बाद ही आगामी रणनीति बनाकर काम किया जाता है। फिर भी पुलिस पूरी संख्याबल को लेकर खनन माफियाओं को पकड़ेंगी।
टास्क फोर्स टीम गठीत
पुलिस कप्तान ने कहा कि अवैध माइनिंग रोकने के लिए जिला स्तर पर जिला टास्क फोर्स का गठन किया गया है, इसमें डीसी, एसपी, माइनिंग अधिकारी व प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी शामिल होते है। जो हर माह में मीटिंग करते है, अवैध माइनिंग रोकने के लिए पूरी रणनीति बनाई जाती है साथ ही जो कमियां होती है। उन्हें दूर करने का प्रयास किया जाता है।
अवैध माइनिंग की सूचना दे पुलिस को
पुलिस कप्तान गंगा राम पूनिया ने कहा कि जिला में अवैध माइनिंग किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आमजन भी अवैध माइनिंग करने वालों की सूचना पुलिस व माइनिंग अधिकारियों को दे ताकि खनन माफियाओं को पकड़ा जा सके।