करनाल। किसानों पर लाठीचार्ज के मामले में प्रभावित किसानों को मुआवजा नहीं मिलने और आम जन से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर जिला सचिवालय व कोर्ट परिसर में विरोध प्रदर्शन के लिए एकजुट हो रहे किसान। अगुवाई करने किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी करनाल पहुंचे। पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से किए पुख्ता इंतजाम। कोर्ट की तरफ जाने वाले रास्ते पर पर्याप्त पुलिस बल किया तैनात।
पत्रकारों से वार्ता में कहा कि पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए थर्मल प्लांट बंद कराए गए, जिसे आधार बनाकर महंगी बिजली खरीदी जा रही है। यह देश को बेचने का षड्यंत्र है। कुछ देर में उपायुक्त अनीश यादव से सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ मिलेंगे चढ़ूनी। चढ़ूनी ने कोर्ट पहुंचकर विरोध जताने का किया है ऐलान।
जानिए कब कब क्या हुआ
27 अगस्त को भाजपा की बैठक के विरोध में करनाल बसताड़ा टोल पर किसान एकजुट हुए। बसताड़ा टोल प्लाजा पर रोड जाम करने पर पुलिस ने लाठीचार्ज की। लाठीचार्ज के विरोध में चढ़ूनी के वीडियो जारी करने के बाद हरियाणा में रोड जाम कर दिया गया। सात सिंतबर को करनाल महापंचायत और लघु सचिवायल घेराव की घोषणा की गई। सात सितंबर को सुबह 11 बजे महापंचायत शुरू हुई। चढ़ूनी, टिकैत और योगेंद्र यादव भी शामिल हुए। किसान नेताओं की तरफ से एसडीएम आयुष सिन्हा को सस्पेंड करने की मांग की गई। इसके बाद महापंंचायत हुई। किसानों ने लघु सचिवालय का घेराव कर लिया। सिंचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) देवेंद्र सिंह करनाल पहुंचे। उन्होंने किसान नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया। सहमति बन गई। इसके बाद जांच चली। बाद में किसान आंदोलन समाप्त होने पर आयोग को भंग कर दिया गया।