पंसारी की दुकान से वन्य जीव अंग बरामदगी के मामले में आया नया मोड

 

पंसारी के भाई ने वन्य जीव विभाग की टीम पर लगाए रकम ऐंठने के आरोप

सिटी थाना की दीवार के नीचे हुए पैसे के लेनदेने का वीडियो हुआ वायरल

पुलिस ने पूर्व पार्षद की शिकायत पर किया मामला दर्ज

एस• के• मित्तल
सफीदों, नगर की पुरानी अनाज मंडी में एक पंसारी की दुकान से वन्य जीव संरक्षण विभाग की टीम द्वारा रेड करके वन्य जीवों के अंग बरामदी के मामले में अब एक नया मोड आ गया है। इस मामले में पंसारी आशिष गर्ग के भाई पूर्व पार्षद विकास गुप्ता ने टीम के साथियों द्वारा उसे पूरे परिवार को इस मामले में फंसाने का डर दिखाकर रूपए ऐंठने को आरोप लगाया है

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तथा सबूत के तौर पर विकास गुप्ता ने एक सीसीटीवी फूटेज जारी की है। यह वायरल फूटेज शुक्रवार को नगर में चर्चा का विषय बनी रही। इस फूटेज में दो व्यक्ति विकास गुप्ता व उसके मुनीम से रूपए लेते हुए साफ-साफ दिखाई दे रहे हैं। इस संबंध में पूर्व पार्षद विकास गुप्ता ने इस मामले में सिटी थाना में एक शिकायत दी है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
गौरतलब है कि वन्य जीव संरक्षण विभाग की टीम ने सफीदों की पुरानी अनाज मंडी से आशिष गर्ग नामक पंसारी से गुप्त सूचना के आधार पर वन्य जीवों के अंग के बरामद करने का दावा करते हुए उसके खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करके उसे गिरफ्तार किया था। टीम ने यह दावा किया था कि पंसारी से तलाशी के दौरान 2 लंबे टुकडे सांभर के सींग, 3 टुकडे लाल मुंगां (कोरल) तथा कुठ के 13 नग बरामद किए हैं।
इस मामले में आरोपी पंसारी के भाई पूर्व पार्षद विकास गुप्ता ने सिटी थाना में दी शिकायत में कहा कि मेरा भाई आशीष कुमार पुरानी मण्डी में पंसारी की दुकान है।

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मेरी लगभग 6-7 सालों से मेरे भाई के साथ बोलचाल नहीं थी और ना ही मेरा कोई आना-जाना था। 20 अपै्रल की सायं को मेरे भाई की पत्नी पायल गुप्ता का फोन आया कि आशीष को पुलिस ले गई है। बोलचाल ना होने के बावजूद भी मैं सिटी थाना में चला गया। वहां पर मुझे दो व्यक्ति मिले जिनमें से एक ने अपना नाम दीपक बताया था। उन्होंने बताया कि उन्होनें ही आशीष को पकड़वाया है। वे दोनों आदमी मुझे व मेरे मुनिम रमेश कुमार निवासी सिघंपुरा को सिटी थाना के साथ लगते धर्मकाटें की साईड में ले गए। दोनों ने मेरे को ब्लैकमेलिंग करते हुए प्रैशर डालकर कहा कि या तो हमें मोटी रकम दो अन्यथा तेरे भाई का हम बुरा हाल कर देगें। दोनों ने मुझे इतना डराया-धमकाया।
जिस पर मैंने अपने मुनीम के हाथों पुरानी मंडी से 50 हजार रुपए मंगवाकर दोनों को सिटी थाना के पीछे दीवार के नीचे थमा दिए। उन लोगों ने मेरे मुनीम को कहा कि वह ये पैसे घास में फेंक दें लेकिन मैने यह रकम अपने हाथ से उन्हे पकड़ाई। दोनों युवक यह राशि लेकर वहां से खिसक गए। जब मैं वापिस थाने पहुंचा तो ये दोनों युवक थाने में मिले। ये युवक थाने में लग्जरी गाड़ी में बैठकर आए थे, एसएचओ के बगल में बैठ कर लगने वाली धाराओं के बारे में बता रहे थे तथा व्हाटसअप कॉल करके किसी अधिकारी से बात भी कर रहे थे। वे उसके भाई को टॉर्चर करने की बात कहते हुए दस लाख रुपये की बात रखी थी। 50 हजार रुपए अधिकारियों को देने की बात कह रहे थे और बकाया राशि बाद में ले जाने की बात कह रहे थे। एक व्यक्ति का नाम दीपक था, जबकि दूसरे व्यक्ति ने पीले रंग की टी-शर्ट तथा कानों में सोने की मुरकी पहनी हुई थी। शिकायत के आधार पर पुलिस दो के खिलाफ भादस की धारा 384, 389 व 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
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कैसे हुआ खुलासा
विकास गुप्ता का कहना था कि छापा मारने वाली टीम व इन दोनों लोगों ने एक साजिश के तहत मेरे भाई को फंसाया है। विकास गुप्ता ने बताया कि वह अपने मुनीम के साथ हाट रोड़ स्थित एक बैंक में जा रहा था कि उसे यहां के एक धर्मकांटे के आसपास आते ही याद आया कि यहीं पर उससे पैसे लिए गए थे। उसे धर्मकांटे की ओर देखा तो पाया कि वहां पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे। उसे धर्मकांटे पर बैठे व्यक्ति से अनुरोध करके फुटेज को खंगाला तो पूरा मामला उस दिन की सीसीटीवी फूटेज में कैद हुआ मिला। इस फूटेज में दोनों आरोपी साफ-साफ विकास गुप्ता से पैसे लेते हुए साफ-साफ दिखाई दे रहे हैं। सीसीटीवी फूटेज को अपने कब्जे में लेकर विकास गुप्ता ने सिटी थाना में शिकायत दर्ज करवाई।
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जांच हो तो सामने आ सकता है बड़ा गैंग
विकास गुप्ता ने कहा कि अगर इस मामले की गहराई से जांच की जाए तो यह एक बहुत बड़ा गैंग सामने आ सकता है। उसके द्वारा की गई पड़ताल से पता चला है कि इन लोगों ने हरियाणा के अनेक स्थानों पर लोगों को इसी प्रकार से ठगा है। ये लोग अपने साथ ही इस प्रकार का सामान लाते है तथा भालेभाले व्यापारियों से बरामदगी दिखाकर लाखों रूपए ठगने का काम करते हैं। इज्जत बचाने की खातिर व्यापारी या दुकानदार इन लोगों की ठगाई का शिकार हो जाते हैं। विकास गुप्ता ने इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री मनोहर लाल, गृहमंत्री अनिल विज, डीजी सीआईडी, आईजी हिसार व एसपी जींद को भी भेजी है।
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सिटी थाना की दीवार के नीचे हुआ लेनदेन
इस मामले में सबसे अहम बात यह है कि पैसे लेने वाले युवक इस कदर बेखौफ थे कि उन्होंने सिटी थाना की दीवार के नीचे ही व्यापारी से रकम ऐंठ ली और फिर से सिटी थाना में प्रवेश कर गए। इन दोनों युवकों का ना तो पुलिस का खौफ था, ना कानून का और ना आनेजाने वालों का। पैसे लेने में इन युवकों ने इतनी चतुराई जरूर दिखाई कि उन्होंने व्यापारी के मुनीम को पैसे घास में फेंकने के लिए जरूर कहा लेकिन विकास गुप्ता ने यह रकम स्वयं अपने हाथों से दी और वे पास के एक सीसीटीवी कैमरों में पैसे लेते हुए कैद हो गए।
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क्या कहते हैं एसएचओ
सिटी थाना प्रभारी सुरेश कुमार ने बताया कि पूर्व पार्षद ने दो लोगों पर आरोप लगाते हुए धमकी देकर राशि वसूलने की शिकायत दी है। फिलहाल दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।

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