एयरपोर्ट के एक अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि एक बहुत बड़ी चीज करीब एक घंटे तक आसमान में उड़ते हुए दिखी थी।
इंफाल एयरपोर्ट पर रविवार 19 नवंबर को अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट (UFO) दिखने की खबर से 3 घंटे तक अफरातफरी रही। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) ने यह जानकारी दी। यही नहीं, इंफाल आने वाली दो फ्लाइट कोलकाता डायवर्ट कर दी गई। जबकि तीन की लैंडिंग में देरी हुई।
रिपोर्ट्स में ये भी बताया गया कि इंफाल का एयरस्पेस और फ्लाइट ऑपरेशन तुरंत बंद कर दिया गया। इसके चलते करीब एक हजार पैसेंजर्स पर असर पड़ा। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने इंफाल एयरस्पेस का नियंत्रण एयरफोर्स को दे दिया। एयरफोर्स की क्लियरेंस के बाद ही इंफाल में कॉमर्शियल फ्लाइट ऑपरेशन बहाल किया गया।
तीन फ्लाइट्स को लैंडिंग से रोका गया था
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एयर ट्रैफिक कंट्रोल और मैदान में मौजूद लोगों ने दोपहर करीब 2 बजे ड्रोन देखे। इसके बाद एअर इंडिया की दो और इंडिगो की एक फ्लाइट को लैंडिंग नहीं करने को कहा गया। ठीक उसी समय (दोपहर 2 बजे) इंफाल आने वाली दो फ्लाइट्स डायवर्ट कर दी गईं।
इंफाल एयरपोर्ट के डायरेक्टर चिपेम्मी कीशिंग ने ड्रोन दिखने की बात की पुष्टि की है। उन्होंने ये भी कहा कि तीन फ्लाइट्स को तभी उड़ान भरने की अनुमति दी गई, जब सिक्योरिटी क्लियरेंस मिला।
यूएफओ को सामान्य भाषा में उड़नतश्तरी कहा जाता है। उड़नतश्तरी शब्द 1940 में सामने आया। इनके अस्तित्व को आधिकारिक तौर पर दुनिया की ज्यादातर सरकारों ने मान्यता नहीं दी है, जबकि कई लोग उड़नतश्तरी के देखे जाने का दावा करते हैं। इनका संबंध धरती के बाहर की दुनिया से माना जाता है।
आसमान में कोई उड़ती हुई चीज दिखी थी- एयरपोर्ट अफसर
एअर इंडिया की फ्लाइट में दिल्ली जाने वाली एक महिला यात्री ने बताया- प्लेन में बोर्डिंग (बैठना) दोपहर 3 बजे तक पूरी हो चुकी थी, लेकिन टेकऑफ के लिए क्लियरेंस 6:10 बजे दिया गया। इससे यात्री डरे, कुछ बुजुर्गों को चिंता हुई।
एयरपोर्ट के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि एक बहुत बड़ी चीज करीब एक घंटे तक आसमान में उड़ते हुए दिखी थी।
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अंतरिक्ष का 1340 करोड़ साल से विस्तार है, धरती 300 करोड़ साल पहले अस्तित्व में आई है। अन्य सभ्यताएं हो सकती हैं। अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट्स (यूएफओ) के अध्ययन से जवाब मिल सकता है। ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय में यूएफओ प्रोग्राम के पूर्व प्रमुख और ‘ओपेन स्काइज, क्लोस्ड माइन्ड्स’ पुस्तक के लेखक निक पोप से भास्कर के रितेश शुक्ल ने यूएफओ को समझने की कोशिश की। पूरी खबर पढ़ें…
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