शहीद के घर नेताजी चेक लेकर पहुंचे, फोटो खिंचवाया: बिलखती मां UP के कैबिनेट मंत्री से बोलीं- प्रदर्शनी मत लगाओ, मुझे मेरा बेटू चाहिए

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एक घंटा पहले

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रोती हुई कैप्टन शुभम की मां और उन्हें चेक देते यूपी कैबिनेट के मंत्री योगेंद्र उपाध्याय।

कैप्टन शुभम गुप्ता राजौरी में शहीद हो चुके हैं। आगरा में कैप्टन के घर की देहरी पर मां रो रही हैं। लोग आ-जा रहे हैं। मां बदहवास हैं। सिर्फ एक बात की रट- ‘मुझे मेरा बेटा चाहिए’। उत्तर प्रदेश के मंत्री योगेंद्र उपाध्याय अपने काफिले के साथ आते हैं। कुछ लोग मां को खींचते हुए से कैमरे के सामने लाते हैं। एक नेता आपस में 50 लाख रुपए के 3 चेक एक-दूसरे को पकड़ाते हैं। फिर बिलखती मां के हाथों में थमाने लगते हैं।

मां बोले जा रही हैं- ‘मुझे कुछ नहीं चाहिये। ये प्रदर्शनी मत लगाओ…’

कैप्टन शुभम की मां को चेक थमाने की कोशिश करते मंत्री योगेंद्र उपाध्याय।

कैप्टन शुभम की मां को चेक थमाने की कोशिश करते मंत्री योगेंद्र उपाध्याय।

उत्तर प्रदेश के कैबिनेट में मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और उनके साथ पहुंचे काफिले को एक मां की गुहार सुनाई नहीं देती। इस तस्वीर में दिख रही हैं बस ये बातें- तनी कमर, आयरन किए हुए सफेद लिबास, मायूसी का अभिनय करता चेहरा, हाथों में चेक थामे गोला बनाकर फोटो खिंचाते नेताओं की रियाजी तस्वीर।

किसी नेता का कोई अपना बॉर्डर पर शहीद तो शायद ही हुआ हो, लेकिन कोई अपना मर जाए तो भी इनमें इतनी ही ढिठाई बची रहेगी क्या? मदद की नुमाइश की ऐसी भी क्या जल्दी थी कि बिलखती मां के आंसुओं को नजरअंदाज कर मंत्री जी सिर्फ चेक थमाने का नाटक कर लौट गए।

शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता की मां चीखती रहीं कि उन्हें सिर्फ उनका बेटा चाहिए। दूसरी ओर सरकारी मदद का वीडियो बनाना मंत्री जी को इतना जरूरी लगा कि ये भी सुनाई नहीं पड़ा।

मां को ढांढस बंधाने और मदद का नाटक कर मंत्रीजी चले गए। शहीद का शव अपने घर आगरा पहुंचा। अमर रहो के नारे लगे। मां शव देखकर फिर बिलख पड़ी… उसकी तस्वीर सीने से चिपका ली।

भारत मां का लाल अपनी मां से बिछड़कर सैनिकों की सलामी के बीच पंचतत्व में विलीन हो गया।

बेटे शुभम के शव से लिपटी मां। साथ में सलामी देते परिजन और इंडियन आर्मी के जवान।

बेटे शुभम के शव से लिपटी मां। साथ में सलामी देते परिजन और इंडियन आर्मी के जवान।

लेकिन, इस शहादत पर मंत्रीजी ने जो दिखावे का जो बाजार सजाया, वो मंजर सभी के मन में सवाल छोड़ गया कि मां को सच्चा दिलासा देना जरूरी था या फिर सोशल मीडिया पर वाहवाही बटोरने वाली फोटो।

कैप्टन शुभम का शव शुक्रवार को आगरा लाया गया। सड़कें लोगों से भर गईं और नारे लगे- शहीद शुभम अमर रहें।

कैप्टन शुभम का शव शुक्रवार को आगरा लाया गया। सड़कें लोगों से भर गईं और नारे लगे- शहीद शुभम अमर रहें।

कैप्टन शुभम गुप्ता 22 और 23 नवंबर को आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हुए थे। उनके साथ कर्नाटक के मंगलुरु के रहने वाले कैप्टन एम वी प्रांजल, पुंछ निवासी हवलदार अब्दुल माजिद, उत्तराखंड नैनीताल के निवासी लांस नायक संजय बिष्ट और अलीगढ़ उत्तर प्रदेश के निवासी पैराट्रूपर सचिन लौर भी शहीद हुए। शहादत से पहले हर कोई यादें और दास्तानें छोड़ गया है। पढ़ने के लिए क्लिक करें….

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